ड्रग्स कानून में तत्काल संशोधन की जरूरत

punjabkesari.in Thursday, Oct 28, 2021 - 03:20 AM (IST)

केंद्रीय सामाजिक न्याय तथा सशक्तिकरण मंत्रालय ने हाल ही में ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले तथा उनके आदी लोगों के लिए अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए एक बहुप्रतीक्षित एवं अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव दिए कि उनके साथ अपराधियों की बजाय पीड़ितों की तरह व्यवहार किया जाए। 

कठोर तथा अत्यंत दुरुपयोग किए जाने वाले नारकोटिक्स, ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसिज (एन.डी.पी.एस.) एक्ट में संशोधन के लिए अपने सुझावों में निजी उपभोग के लिए ड्रग्स की छोटी मात्रा रखने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने तथा अदालतों को ऐसे लोगों को जेल भेजने से रोकने के लिए कहा है। इसकी बजाय इसने सुझाव दिया है कि ऐसे लोगों को डी-एडिक्शन तथा पुनर्वास के लिए भेजा जाना चाहिए।

इस क्षेत्र में अधिकतर विशेषज्ञों की तरह मंत्रालय का यह सोचना है कि ड्रग्स इस्तेमाल करने वाले तथा इसके आदी ऐसे लोगों को जेल भेजने जैसे कड़े उपायों का उल्टा असर हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप वे अधिक अवसाद तथा निराशा में जा सकते हैं और संभवत: इन चीजों की शुरूआत करने वाले लोग ड्रग तस्करों के शिकंजे में जा सकते हैं। 

यह दुखद है कि वर्तमान कानून केवल आदी लोगों के लिए सुधारवादी दृष्टिकोण उपलब्ध करवाते हैं तथा पहली बार इस्तेमाल करने वालों तथा उन लोगों के लिए नहीं जो कभी-कभार इन्हें दिल बहलाने के तौर पर लेते हैं। यदि ड्रग्स के आदी स्वेच्छा से उपचार तथा पुनर्वास को चुनते हैं तो उन्हें मुकद्दमा चलाने तथा दंड से राहत उपलब्ध करवाई जाती है। 

एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा-27 किसी भी तरह की नशीली वस्तुओं अथवा नारकोटिक्स के उपभोग के लिए एक वर्ष की जेल या 20000 रुपए जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान है। यह आदी, पहली बार इस्तेमालकत्र्ताओं तथा ऐसे लोगों के बीच कोई अंतर नहीं करता जो इसे मनोरंजन अथवा दिल बहलाने के उद्देश्य से लेते हैं। हालांकि यदि यह साबित हो जाता है कि दोषी एक आदी व्यक्ति है, तो उसके पास पुनर्वास तथा उपचार के लिए जाने का विकल्प होता है। मंत्रालय ने सही सुझाव दिया है कि जेल की बजाय दोषियों की ऐसी सभी श्रेणियों को सरकार संचालित पुनर्वास तथा काऊंसङ्क्षलग केंद्रों में कम से कम 30 दिनों के लिए अवश्य भेजा जाना चाहिए। 

अधिकारियों द्वारा धारा-27 का दुरुपयोग तथा दुव्र्यवहार किया जाता रहा है। नवीनतम मामला आर्यन खान से संबंधित है जो बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान का बेटा है। उसके पास से कोई भी ड्रग्स बरामद नहीं की गई, उसकी चिकित्सीय जांच में ड्रग्स का कोई खुलासा नहीं हुआ तथा उसका ड्रग्स लेने का कोई पहले का इतिहास नहीं है और ऐसी ही स्थिति में वह अतीत में कभी पकड़ा नहीं गया। भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों के शामिल होने के कारण यह मामला संदेहास्पद  बन गया है जिन्होंने कथित रूप से संबंधित विभाग को इस बारे में सूचना दी और रिश्वत के तौर पर भारी धन राशि की मांग के संबंध में आरोप लग रहे हैं। 

भ्राता फस्र्ट नामक एक डिजिटल प्लेटफार्म जो सूचना, शिक्षा तथा युवाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करता है, द्वारा हाल ही में आयोजित एक चर्चा में डाक्टर मंतोष कुमार शामिल हुए, जो एक मनोचिकित्सक हैं और ड्रग्स इस्तेमाल करने वालों के मामलों से निपटते हैं, ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बताया कि ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले लगभग 20 प्रतिशत लोग 12 से 15 वर्ष की आयु में इसका शिकार होते हैं और सबसे पहले तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं और फिर सस्ती और घटिया शराब और उसके बाद ड्रग्स की लत में पड़ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि बच्चों में इस आदत की शुरूआत करने के लिए अत्यधिक दबाव सबसे महत्वपूर्णकारक है। 

आधिकारिक आंकड़ों से यह भी साबित होता है कि एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत पकड़े जाने वालों तथा जिन पर मुकद्दमा चलाया जाता है उनमें से 99 प्रतिशत ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले होते हैं जिनमें वे लोग भी शामिल होते हैं जिन्होंने इसका इस्तेमाल पहली बार किया होता है। मुकद्दमा चलाने जाने वाले लोगों में से केवल एक प्रतिशत वे होते हैं जो ड्रग्स की तस्करी तथा बिक्री में शामिल होते हैं। ऐसे बहुत कम मामले हैं जिनमें ड्रग्स माफिया को गिरफ्तार तथा उन पर मुकद्दमा चलाया जाता हो। ऐसे लोगों तक पहुंचने के प्रयास अवश्य किए जाने चाहिएं जो इस व्यापार में शामिल हैं। 

हाल ही में अडानी बंदरगाह में एक शिपमैंट से 3000 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की गई थीं। यद्यपि न तो सरकार ने यह खुलासा किया कि उस मामले का क्या हुआ और न ही मीडिया ने इसे चॢचत बनाने की कोई परवाह की। पूरा ध्यान आर्यन खान पर है जिससे कोई ड्रग्स बरामद नहीं की गईं। मंत्रालय ने सही सुझाव दिया है कि जो लोग छोटी मात्रा के साथ पकड़े जाते हैं उन्हें जेल नहीं बल्कि काऊंसङ्क्षलग तथा पुनर्वास के लिए भेजा जाना चाहिए। सरकार को बड़ी मछलियां पकडऩी चाहिएं और ऐसे लोगों के लिए समयबद्ध मुकद्दमा तथा कड़ी सजा सुनिश्चित करनी चाहिए जो ड्रग्स की तस्करी तथा आपूर्ति में शामिल हैं।-विपिन पब्बी
 


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