बाहरी त्वचा से कहीं बेवकूफ न बन जाना...

punjabkesari.in Thursday, Oct 28, 2021 - 04:07 AM (IST)

फल वाला बोला, ‘‘श्रीमान जी यह फल बहुत बढिय़ा है, मीठा और स्वादिष्ट। जरा इसके छिलके को तो देखिए!’’ मैंने फल को देखा और इसे लेकर मेरे मन में कोई संदेह नहीं था कि वह पका हुआ तथा खाने को तैयार था। मुझे नहीं पता कि फल विक्रेता ने देखा या नहीं, मगर लंच के बाद मैं उसका मजा उठाने के लिए बहुत उत्सुक था। मगर मेरे द्वारा खाए फलों में वे सबसे खराब थे। मेरे घर आई एक महिला जिसे मैंने लंच के बाद वह फल खाने को दिया था, ने मुझसे पूछा, ‘‘आपने इसे खरीद कैसे लिया? क्या तुम्हें पता नहीं चला कि ये अभी पके नहीं हैं।’’

मैंने झेंपते हुए जवाब दिया, ‘‘मैंने इसके ऊपरी छिलके को देखा था और ये पके हुए लग रहे थे।’’ उसने कहा, ‘‘हमेशा उन्हें महसूस करो। उनकी नरमी तथा मीठापन उनके बाहरी छिलके को देखकर पता नहीं चलता।’’ मैंने कहा, ‘‘आपको फलों के बारे में काफी कुछ पता है।’’उसने बोलना जारी रखा, ‘‘फल लोगों की तरह हैं। जैसा वे दिखते हैं उससे कुछ पता नहीं चलता। मैंने बेहतरीन लुक्स के साथ खूबसूरत लड़कियां देखी हैं जो अपने वैवाहिक जीवन में बहुत झगड़ालू बन जाती हैं जबकि मैंने ऐसी लड़कियां भी देखी हैं जिनकी न तो कोई लुक थी और न ही रंग-रूप मगर वे बेहतरीन दुल्हनें साबित हुईं।’’ मैं मुस्कुराया, ‘‘ओह तो आप फलों की तुलना महिलाओं से कर रही हैं।’’ 

वह तेजी से बोली, ‘‘और पुरुषों से भी। हैंडसम हल्क्स, जिनका कोई चरित्र नहीं होता! और मोटे, जिनमें देखने के लिए कुछ नहीं होता, वे न केवल अपनी पत्नियों तथा परिवारों की बहुत बढिय़ा देख-रेख करते हैं बल्कि बहुत खूबसूरत तरीके से उन्हें बहुत कुछ उपलब्ध करवाते हैं। जब जोड़े मिलते हैं तो मैं उनसे कहती हूं कि जो आप देखते हैं उससे मूर्ख न बनें। क्या तुमने फल विक्रेता को तुम्हें फल को महसूस करवाने को कहा था?’’ ‘‘नहीं।’’ मैंने कहा, ‘‘मैं जरा जल्दी में था।’’ 

उसने समझदारीपूर्वक कहा, ‘‘हमेशा ऐसा ही होता है। हमें जहां समय व्यतीत करना चाहिए वहां नहीं करते। हम अपने बेटे के लिए किसी लड़की को देखते हैं या किसी लड़के को अपनी बेटी के लिए और सोचते हैं कि वह स्मार्ट है। मगर उसे जानने के लिए हमें क्या करना चाहिए? जैसे हम फल की नरमी को महसूस करते हैं वैसे ही किसी व्यक्ति के भीतर क्या है यह जानने के लिए आपको उसके साथ समय बिताने की जरूरत है। क्या तुमने कटाक्ष या रूखेपन बारे सुना है? या फिर क्या तुमने लगाव को महसूस किया है? क्या तुम मधुरता को महसूस कर सकते हो?’’ 

मैंने मेज पर पड़े फलों को घिनौने तरीके से देखा और सोचा कि पहले कब मैं इस तरह बाहरी दिखावे से मूर्ख बना था। मैंने स्वीकार किया कि ‘‘मैंने एक फ्लैट लगभग खरीद ही लिया था क्योंकि मैं इमारत पर नए किए गए पेंट से मूर्ख बन गया था।’’बुजुर्ग महिला ने बोलना जारी रखा, ‘‘बहुत से लोग ऐसा करते हैं। वे गहराई में नहीं जाते, वे दस्तावेजों के बारे में नहीं पूछते, वे जांच-पड़ताल नहीं करते, वे केवल बाहरी त्वचा या परत को देखते हैं, नया पेंट, आकर्षक अग्रदीर्घा, खूबसूरत नजारा और अपनी जेबें खोल देते हैं।’’ मैंने समाचार पत्र पर नजर डाली जिसमें त्यौहारों के दौरान डिस्काऊंट दिखाते विज्ञापन छपे थे और महसूस किया कि कम कीमतों, आकर्षक विज्ञापनों में हर कहीं ‘बाहरी परत या त्वचा’ दिखाई जा रही थी। 

महिला ने फल हाथ में लिए और निशाना बांध कर डस्टबिन में फैंक दिए। मैं उसकी ताकत पर चकित था। और खिसियानी हंसी हंस दिया जब उसने कहा, ‘‘उन्हें वहां जाने दो जहां उन्हें जाना चाहिए। और संभवत: तुम्हें भी, त्वचा या बाहरी परत द्वारा बेवकूफ बना दिए जाने के लिए...!’’-दूर की कौड़ी राबर्ट क्लीमैंट्स 


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