इस कठिन समय में भी राजनीति कर कोविड योद्धाओं का मनोबल न तोड़ें

punjabkesari.in Friday, May 14, 2021 - 06:03 AM (IST)

राहुल गांधी व कांग्रेस आज कोरोना की लड़ाई में भी राजनीति और देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं, जो अत्यंत निंदनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार व समस्त भाजपा कार्यकत्र्ता देशवासियों को महामारी से बचाव में लगे हैं। हमारे कोरोना योद्धाओं के सहयोग से वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ एक उत्साही लड़ाई लड़ी जा रही है। हमारा राष्ट्र दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। 

2020 में महामारी की चपेट में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार के सभी अंगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। प्राथमिकता वाले क्षेत्र चिकित्सा क्षमताओं में वृद्धि कर रहे हैं और पीड़ित लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं कि सभी सरकारी तंत्र कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त दवा और अन्य सामग्रियों से लैस हों। 2020 में 8 लंबे महीनों के लिए, सरकार ने 80 करोड़ देशवासियों को मु त राशन प्रदान किया। अब भी वही किया जा रहा है। भारत को आत्मनिर्भर करने के लिए 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज जारी किया गया। कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रधानमंत्री सभी मु यमंत्रियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 

इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कांग्रेस पार्टी का आचरण दुखी करने वाला है, जबकि भाजपा के सदस्य निश्चित रूप से लोगों की मदद करने में सराहनीय काम कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के सदस्यों और उनके मु यमंत्रियों द्वारा पैदा किए जा रहे भ्रम को देखते हुए दु:ख होता है कि राहुल गांधी व कांग्रेस  इस कठिन समय में भी राजनीति कर रहे हैं। जब भारत कोविड-19 से अत्यंत साहस के साथ लड़ रहा है,  तब कांग्रेस के शीर्ष नेता जनता को गुमराह कर अपने राजनीतिक विरोधाभास के चलते झूठे भ्रम और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। पिछले साल जब हमारे वैज्ञानिक, डॉक्टर और इनोवेटर्स समय से टीका विकसित करने के लिए मेहनत कर रहे थे, तब कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इन प्रयासों का मजाक उड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। 

भारत में जो टीका बना है वह राष्ट्रीय गौरव का विषय होना चाहिए, इसकी बजाय कांग्रेस नेताओं ने इसका उपहास करने और लोगों के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश की।  कांग्रेस कार्य समिति ने मोदी सरकार के टीकाकरण पर अपनी जि मेदारी के बारे में बात की। क्या कांग्रेस पार्टी और उसकी राज्यों की सरकारों के बीच संचार का इतना अंतर है? भारत सरकार ने पहले ही सुनिश्चित कर लिया है कि पहले कुछ चरणों में राज्यों को 16 करोड़ से अधिक टीके प्रदान करके प्राथमिकता समूहों में कवरेज हासिल कर लिया जाएगा। अब भी, कुल टीकों का 50 प्रतिशत नि:शुल्क देना जारी है। 

राज्य जहां पर भाजपा या एन.डी.ए. की सरकार है उन्होंने गरीबों और वंचितों की मदद के लिए अपने संकल्प की घोषणा की और मु त में वैक्सीन प्रदान कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि मु त में वैक्सीन प्रदान करने के लिए सभी राजनीतिक पाॢटयां एक समान निर्णय के साथ आगे आएं?

भारत में बना कोविड-19 टीका किसी भी राजनीतिक दल या नेता का नहीं है- यह राष्ट्र का है। फिर भी, कांग्रेस पार्टी कोई सही काम नहीं कर सकी, किया तो सिर्फ गलत। जब महामारी हुई तो भारत सरकार ने सभी राज्यों के साथ वैंटीलेटर की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। अब तक लगभग 45,000 वैंटीलेटर मिशन मोड में उत्पादित और खरीदे गए और सभी राज्यों को भेजे गए मगर कुछ राज्य जहां कांग्रेस सरकार है ये वैंटीलेटर अनुपयोगी पड़े हुए हैं। पी.एम. केयर्स फंड के माध्यम से भेजे गए वैंटीलेटर के दृश्यों को देखना दुखद है। 

महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित शीर्ष कांग्रेस नेताओं के आचरण को द्वैधता और दयनीयता के लिए याद किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने पहले लॉकडाऊन का विरोध किया और फिर उसी की मांग की, कोविड की दूसरी लहर पर केंद्र की सलाह को नजरअंदाज किया। जब बड़े पैमाने में केरल में चुनावी रैलियां कीं तब आप कहते हैं कि आपको कोविड-19 गाइडलाइन्स की कोई सूचना नहीं मिली जबकि अन्य स्थानों के लिए आपको कोविड-19 गाइडलाइन्स की चिंता बनी रही। ऐसे अन्य पहलू भी हैं जिनके बारे में अधिक विचार करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, फरवरी और मार्च के आंकड़ों से पता चलता है कि कौन से राज्य संक्रमण के बढ़ते मामलों को ट्रैक करने में विफल रहे। 

पंजाब जैसे राज्यों में मृत्यु दर इतनी अधिक क्यों है? यह कांग्रेस द्वारा अपने मुख्यमंत्रियों से पूछे जाने वाले प्रश्न हैं। अब, कांग्रेस पार्टी में एक नया चलन चल रहा है- सारा दोष सैंट्रल विस्टा परियोजना पर मढ़ दो। आपको याद दिलाना है  कि यू.पी.ए. के समय ही एक नए संसद भवन की आवश्यकता का मुद्दा उठा था। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, आदरणीय श्रीमती मीरा कुमार जी ने स्वयं एक नए संसद भवन की आवश्यकता को रेखांकित किया था। 

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में हमें जो स्वास्थ्य ढांचा विरासत में मिला है, वह अपर्याप्त है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि इन सात दशकों में भारत के राजनीतिक परिदृश्य में किस पार्टी का वर्चस्व रहा है। कांग्रेस को खुद से कई बार ये पूछना चाहिए कि जानबूझकर या अन्यथा, क्या आपका आचरण इन कोविड योद्धाओं के मनोबल को कमजोर करना है। कांग्रेस राष्ट्रहित में झूठी बयानबाजी से बाज आए।-श्वेत मलिक


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