‘चीनी हुआवे कम्पनी’ ने दोस्त पाकिस्तान की पीठ पर किया वार

punjabkesari.in Wednesday, Sep 01, 2021 - 04:07 AM (IST)

चीन के लिए मुनाफे से बढ़कर कुछ भी नहीं है, जिसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है, अपने दोस्तों को भी नहीं बख्शता। मुनाफा कमाने के लिए अगर चीन को किसी देश की अर्थव्यवस्था को कंगाल भी करना पड़े तो वह खुशी-खुशी करेगा। अभी ऐसा ही किया है चीन की हुआवे टैलीकम्युनिकेशन्स कम्पनी ने अपने जिगरी सदाबहार दोस्त पाकिस्तान के साथ। 

हुआवे ने पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र के साथ ऐसा खिलवाड़ किया है कि अब चीन चाहे तो पूरे पाकिस्तान को आभासी तौर पर अपने कब्जे में ले सकता है और पाकिस्तान इसके खिलाफ आवाज भी नहीं उठा सकता। हुआवे टैलीकम्युनिकेशन्स कितनी मक्कार और धोखेबाज कम्पनी है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में टैंडर से धक्के देकर बाहर निकाले जाने के बाद हुआवे ने चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का रुख किया, जहां पर वह पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खेलने पर उतर चुकी है। 

वर्ष 2016 में हुआवे ने पाकिस्तान के लिए कैलिफोर्निया की एक कम्पनी बुईना पार्क के साथ अनुबंध किया था। डेढ़ करोड़ अमरीकी डालर के इस अनुबंध में हुआवे ने बुईना पार्क को पाकिस्तान के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कहा था। यह सॉफ्टवेयर पाकिस्तान के पुलिस प्रशासन और सरकार के लिए लोगों पर नजर रखने के लिए बनाया जाना था ताकि वे अपने नागरिकों पर नजर बनाए रखें और देश में कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिले तथा सरकार अपने नागरिकों का डाटा इकट्ठा कर सके। इस सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान है कि पाकिस्तान की संवेदनशील इमारतों में आवाजाही को भी कंट्रोल किया जा सकता है।

इसकी यह खासियत भी है कि इसका इस्तेमाल लोगों के सोशल मीडिया अकाऊंट्स पर नजर रखने और ड्रोन्स को कंट्रोल करने में भी किया जा सकता है। बुईना पार्क कम्पनी ने हुआवे को इस सॉफ्टवेयर में 800 फेज बनाकर दिए थे। इसके अलावा इस सॉफ्टवेयर के प्रोप्राइटरी कोड्स, डिजाइन, खाका और बहुत ही संवेदनशील जानकारी भी हुआवे ने बुईना पार्क कम्पनी से धोखे से हथिया ली थी। वैसे चीन और चीनी कम्पनियों के लिए यह एक आम बात है, जो एक तयशुदा रणनीति के तहत ऐसा करती हैं और विदेशी कम्पनियों के गुप्त सूत्र पाने के लिए रिश्वत, धोखा, धमकी जैसे कदमों का सहारा लेती हैं इसके लिए इन्हें चीनी सरकार की लुके-छिपे तौर पर स्वीकृति भी मिली होती है। 

हुआवे ने बुईना पार्क कम्पनी को यह सॉफ्टवेयर अपने डाटा सैंटर में लगाने को कहा। कम्पनी ने जब ऐसा करने में अपनी असमर्थता दिखाई तो हुआवे ने उसे बची हुई पेमैंट न करने की धमकी तक दे डाली। हुआवे के अधिकारियों ने यह कहा कि उनके पास पाकिस्तानी सरकार की रजामंदी है कि इस सॉफ्टवेयर को पाकिस्तान के बाहर हुआवे के केंद्र में लगाया जा सकता है। अपने पूरे पैसे पाने के लिए बुईना पार्क कम्पनी ने हुआवे को सॉफ्टवेयर के सारे प्रशासनिक अधिकार दे दिए। इसके बाद हुआवे कम्पनी के पास पाकिस्तान के सारे गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंचने का गुप्त दरवाजा मौजूद है, ऐसे में वह जब चाहे पाकिस्तान के सारे दस्तावेजों को हैक कर सकती है। 

यह जानकारी पूरी दुनिया के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और खतरनाक है, खासकर भारत के लिए, जहां हुआवे को एक बड़े सप्लायर के तौर पर देखा जाता था। सूचना-प्रसारण क्षेत्र की आधारभूत तकनीक में हुआवे के पास अभी बहुत बड़ा एक्सैस है लेकिन यह बात संतोषजनक है कि भारत ने समय रहते ही उसे और जैड.टी.ई. जैसी चीनी कम्पनियों का इलाज कर दिया है। 

भारत ने एहतियाती कदम उठाते हुए पहले चीनी कम्पनियों के भारत में सीधे निवेश पर रोक लगाई, उसके बाद टैलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र से बाहर निकाला गया और अपनी देसी कम्पनियों को बढ़ावा देने के लिए चीनी कम्पनियों  के उत्पादों पर ऊंचे शुल्क लगाए। भारत के ऐसे कदमों से तिलमिलाते हुए स्पेयर पार्ट्स ​बनाने वाली चीनी कम्पनियों और सप्लायरों ने अपने सैमीकंडक्टर, माइक्रोचिप और स्पेयर पाटर््स के दाम बढ़ा दिए ताकि भारत की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था चीन के सामने घुटने टेक दे, लेकिन शायद इन चीनियों को मालूम नहीं कि अब भारत सरकार ने देसी निर्माताओं को आगे बढ़ाने के लिए मदद करना शुरू कर दिया है क्योंकि ये सारे पार्ट्स बनाना भारत के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। बस अभी तक सरकारी मदद नहीं मिली थी इसलिए चीन से ये सारे सामान आयात किए जाते रहे। 

इसके अलावा प्राइवेट क्षेत्र की कई तकनीकी कम्पनियां भी इन पार्ट्स को बनाने के लिए खुद आगे आ रही हैं। भारत के ‘मेक इन इंडिया’ के कदमों से अगले दशक तक भारत पूरी दुनिया में इलैक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का सबसे बड़ा निर्माता बन जाएगा, जिसके सर्वोच्च गुणवत्ता वाले कलपुर्जे सबसे कम दामों पर देशी-विदेशी बाजारों में मिलने लगेंगे


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News