‘सावधान! कोरोना महामारी अभी नहीं हारी’

punjabkesari.in Wednesday, Feb 24, 2021 - 04:37 AM (IST)

जिस बात का अंदेशा था, वह सामने है। लाख चेतावनियों के बाद भी जरा सी लापरवाही पर दुनिया की इस सदी की महामारी फिर भारी पड़ती दिख रही है। दुनिया के कई देशों में पहले ही कोरोना की दूसरी और कहीं-कहीं इसके बाद की भी लहरें दिखने लगी हैं। 

भारत में भी विशेषज्ञ लगातार चेता रहे थे। लेकिन हम हैं कि मान नहीं रहे थे। अब महाराष्ट्र और दक्षिण के रास्ते तेजी से फैल रहे नए रूप के कोरोना वायरस ने ङ्क्षचताएं बढ़ा दी हैं। कम से कम महाराष्ट्र में तो हालात इस कदर बेकाबू से दिख रहे हैं कि कई शहरों को फिर से लॉकडाऊन के साए में करने की मजबूरी जो हो गई है। यही स्थिति कमोबेश दक्षिण के कई राज्यों में है जहां एन440 के रूप का कोरोना बहुत ही तेजी से फैल रहा है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना के नए रूप को ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है। 

दुनिया भर में कई जगह यह दिख भी रहा है। मतलब साफ है कि अभी महामारी नहीं हारी है और हम हैं कि मान बैठे थे कोरोना का रोना खत्म हुआ! सवाल फिर वही कि हम क्यों नहीं तैयार थे महामारी के नए रूप और आक्रमण को समझने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए? इसके जवाब के लिए सरकारों को दोष देने से पहले शायद हमें सबसे पहले खुद से ही पूछना पड़ेगा कि आखिर हम खुद चाहते क्या हैं? कोरोना हां या न! माना कि सरकार, शासन-प्रशासन ने थोड़ी सी छूट दी और कब तक नहीं देती। लेकिन इसका बेजा फायदा भी तो हमने ही उठाया। 

हालांकि कोरोना के नए रूप या रूपों, जो भी कह लें, को लेकर भारतीय वैज्ञानिक भी काफी सजग हैं और लगातार शोध जारी है। हां इनका फैलाव अभी सबसे ज्यादा केरल और महाराष्ट्र में ही है जहां देश के 74 प्रतिशत से अधिक एक्टिव मामले हैं। लेकिन जिस तरह से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी हर दिन नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं वह बड़ी खतरे की घंटी है। कोरोना की नई रफ्तार ग्रामीण इलाकों को भी गिरफ्त में ले रही है जो बड़ी चिन्ता का कारण है। 

कई महानगरों में पूरे के पूरे अपार्टमैंट्स ही बुरी तरह से चपेट में आ रहे हैं तो कहीं पूरा स्कूल संक्रमित मिल रहा है। यानी कुल मिलाकर संकेत अच्छे नहीं हैं। इसी हफ्ते की शुरूआत में अमरीका में मौतों का आंकड़ा 5 लाख के पार जा पहुंचा। वहां के राष्ट्रपति की संवेदनाएं और दुख इसी बात से समझ से आता है जिसमें उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में ऐसे क्रूरभाग्य को स्वीकार नहीं कर सकते। लेकिन दुख की भावना को भी सुन्न नहीं होने देना है। मोमबत्तियां जलाकर कोरोना से काल के गाल में समाए लोगों को राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति ने श्रद्धांजलि दी। 

इस हफ्ते की शुरूआत में दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11 करोड़ 22 लाख 63 हजार के पार जा पहुंची। इस वायरस से अब तक 24 लाख 85 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ठीक होने वालों की संख्या भी 8 करोड़ 79 लाख के पार पहुंच चुकी है। अमरीका, भारत और ब्राजील में कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। अमरीका में संक्रमण के कुल मामले करीब 2.87 करोड़ तक पहुंच चुके हैं। जबकि अब तक वहां 511,133 लोगों की जान जा चुकी है दुनिया में इस वक्त कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 2 करोड़ 21 लाख 58 हजार के करीब है।

विश्व के नक्शे पर अगर देशों के हिसाब से देखें तो इस हफ्ते की शुरूआत तक सबसे ज्यादा कुल मामले अमरीका में दर्ज हुए जो 28,765,423 रहे जबकि मौतों का आंकड़ा 5,11,133 पहुंच गया। इसके बाद भारत का नंबर आता है जहां कुल दर्ज मामले 11,005,850 रहे जबकि 1,56,418 लोगों की मौत हुई। इसके बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां कुल दर्ज मामले 10,168,174 रहे जबकि मौतों का आंकड़ा 2,46,560 रहा। एक बात तो समझ आती है कि वैक्सीन के आने के बाद महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कोरोना के नए रूप में फिर से बढऩे को बड़ी चेतावनी ही समझनी चाहिए। वैक्सीन की सफलता में संदेह नहीं है। 

देश के बड़े-बड़े चिकित्सकों ने इसे सबसे पहले लगवाकर भ्रम को दूर करने की कोशिश की है। बावजूद इस सबके वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी नहीं दिखना कहीं न कहीं निराश करती है। यह भी बड़ी विडंबना है कि पूरे देश से बीते कई हफ्तों से जो तस्वीरें सामने आ रही थीं वह सबकी मिली-जुली लापरवाही का नतीजा है। इतिहास गवाह है कि पहले भी जितनी महामारियां आई हैं उन पर काबू पाने में काफी वक्त लगा है।-ऋतुपर्ण दवे 
 


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