चीनी ओलंपिक का बहिष्कार

punjabkesari.in Saturday, Feb 05, 2022 - 07:33 AM (IST)

चीन की राजधानी पेइचिंग में शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों का भारत बहिष्कार करेगा। हमारे कूटनीतिज्ञ न उसके उद्घाटन और न ही समापन समारोह में शामिल होंगे, क्योंकि चीन ने भारत को अपमानित करने के लिए एक नया पैंतरा मारा है। उसने ओलंपिक के आरंभिक जलूस में अपनी फौज के उस कमांडर को मशालची बनाया है, जो गलवान घाटी में भारत पर हुए हमले का कत्र्ताधत्र्ता था। ‘की फाबाओ’ नामक इस कमांडर ने गलवान मुठभेड़ के बाद एक इंटरव्यू में काफी शेखी बघारी थी और भारत के 20 जवानों को मारने का श्रेय अपने सिर लिया था। 

चीनी फौज ने उसे उसकी वीरता के लिए पुरस्कृत भी किया था। ऐसे व्यक्ति को ओलंपिक गेम्स का हीरो बनाना क्या इस बात का सूचक नहीं है कि चीन चोरी और सीनाजोरी पर उतारू है? इतना ही नहीं, पिछले माह चीनी फौजियों ने सीमांत के एक गांव से एक भारतीय नौजवान को अगवा करके उसकी जमकर पिटाई की और भारत के विरोध करने पर उसे लौटा दिया लेकिन उसे अधमरा करके! चीनियों ने ये सब ऊट-पटांग काम तब किए जबकि भारत ने नव बर 2021 में भारत-रूस-चीन के त्रिगुट की बैठक में ओलंपिक खेलों के स्वागत की घोषणा कर दी थी। 

इसके अलावा उसकी जमीन कब्जाए जाने और उसके सैनिकों की हत्या के बावजूद वह चीन से शांतिपूर्वक संवाद भी कर रहा है। इसका अर्थ क्या यह नहीं है कि चीन अपनी दादागिरी पर उतारू हो गया है? उसे शायद यह बुरा लग रहा है कि भारत और अमरीका एक-दूसरे के इतने नजदीक क्यों आ रहे हैं। चीनी ओलि िपक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए रूस से पुतिन, पाकिस्तान से इमरान खान और पांचों मध्य एशियाई गणतंत्रों के राष्ट्रपति पेइचिंग पहुंच रहे हैं। 

लेकिन अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, बैल्जियम, डेनमार्क जैसे कई देशों ने इन खेलों का राजनयिक बहिष्कार पहले से इसलिए घोषित कर रखा है कि चीन में मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन होता है। एक अमरीकी सीनेटर ने तो दो-टूक शब्दों में कहा है कि चीन की यह हरकत शर्मनाक है कि उसने ओलि िपक के जलूस में ऐसे मशालची को शामिल किया है, जिसने उइगर मुसलमानों का कत्लेआम किया है और भारतीय जवानों को भी मारा है। 

भारत ने ओलंपिक खेलों का बहिष्कार पहली बार किया है और सरकार इन खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह को अब अपने दूरदर्शन के चैनलों पर भी नहीं दिखाएगी। चीन की इस हरकत ने भारत-चीन फौजी संवाद में एक नई कड़वाहट को जन्म दे दिया है।-डा. वेदप्रताप वैदिक
 


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