‘सभी व्यवसाय पृथ्वी के लिए विनाशकारी हैं’

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 04:07 AM (IST)

मैंने हमेशा माना है कि यह संयोग नहीं हो सकता है कि भारत का सबसे अमीर समुदाय (जैन) और सबसे बड़े कारोबारी परिवार-अंबानी, बिड़ला, जिंदल, आेसवाल, मुंजाल, ङ्क्षहदुजा, अडानी सभी शाकाहारी हैं। कर्म का नियम स्पष्ट रूप से दिखता है: आप जितनी कम पीड़ा पहुंचाते हैं, उतनी ही संपन्नता आपको आकर्षित करती है। हालांकि, मुझे हमेशा इससे निराशा हुई है कि उनके भारी वित्तीय दबदबे को देखते हुए, जैनियों ने उनके विश्वास के मूल सिद्धांत अर्थात अहिंसा को मुख्यधारा में लाने के लिए अपने पैसे की शक्ति का व्यापक उपयोग नहीं किया है। 

अमरीका में यहूदियों, जिनके धन ने उनके उद्देश्य को आगे बढ़ाया है, इसे वैधता दिलवाई है और विश्व का ध्यान इस आेर खींचा है, के विपरीत जैनियों ने बड़े पैमाने पर व्यापार को आस्था से अलग करने में विश्वास किया है। यह दुखद है क्योंकि वे भलाई के लिए एक शक्तिशाली ताकत बन सकते हैं। आवश्यकता कितना भी अधिक होने वाले यदा-कदा के उदारतापूर्ण दान की नहीं बल्कि सभी व्यावसायिक व्यवहारों और निर्णयों में अङ्क्षहसा के सिद्धांत के एक निष्पक्ष और संगठित समावेश की है। यह नैतिकता में निवेश नहीं है बल्कि निवेश में नैतिकता है जो हमारे ग्रह को सभी के लिए एक दयालुतापूर्ण, स्वच्छ, स्वस्थ दुनिया में बदल देगा। 

आजादी के ठीक बाद, जैनियों ने स्टाक मार्कीट को नियंत्रित किया और उन्होंने फैसला किया कि वे मांस और इससे संबंधित उत्पादों और किसी भी हिंसा करने वाली कंपनी में निवेश नहीं करेंगे। परंतु, यह केवल कुछ वर्षों तक चला और जैनियों ने स्वयं जिलेटिन और हड्डी कंपनियों तथा पोरसिलेन/बोन चाइना जैसे पशु उत्पादों का उपयोग करने वाली कंपनियों का मालिक बनना शुरू कर दिया। उनमें से कई खनन और इसमें शामिल होने वाले आभूषणों के व्यापार में चले गए। कई साल पहले, हेमेंद्र कोठारी, अगर मुझे सही याद है, एक नैतिक निवेश कोष शुरू करने के लिए बहुत उत्सुक थे। लेकिन वह ‘सलाहकार के रूप में किसे नियुक्त करें, के स्तर’ से आगे कभी नहीं बढ़ पाए। इसमें शामिल मुद्दे जटिल थे : नैतिकता में क्या शामिल होता है। 

सभी व्यवसाय पृथ्वी के लिए विनाशकारी हैं : चाहे निर्माण हो या रेल लाइन बिछाना, सीमैंट, रसायन या कागज। तो सीमा कहां तक और कैसे निर्धारित करनी है। मुझे इसमें शामिल होने के लिए कहा गया था और मैं इस के लिए बहुत ङ्क्षचतित थी कि क्या हम ‘गहन’ पर्यावरणीय जांच में शामिल होंगे या थोड़ा बहुत सोच-विचार करके लोगों को निवेश करना आसान बनाने के लिए कुछ बुनियादी नियम बनाएंगे। वैसे भी यह निवेश फंड कभी नहीं बन पाया जो अफसोस की बात है। लेकिन अंतत: यह साकार हो गया है-जिसके लिए मैं अब तक कई वर्षों से प्रयास कर रही थी : विश्व का पहला क्रूरतामुक्त और जलवायु-सचेत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ई.टी.एफ.) जो मुझे उम्मीद है कि भारत के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। 

इसकी उत्पत्ति एेसे हुई। 2017 में, तीन बहुत ही स्मार्ट, पूरी तरह से वेगन निवेश पेशेवरों ने यू.एस.-स्थित पंजीकृत निवेश सलाहकार, बियॉन्ड इन्वेस्टिंग की स्थापना की। सी.ई.आे. क्लेयर स्मिथ के पास यू.बी.एस. में और डेरिवेटिव तथा हेज फंड अनुसंधान क्षेत्रों में सहित अल्बोरने में एक भागीदार के रूप में वित्त उद्योग में कार्य करने का 35 वर्ष का अनुभव है; ली कोट्स, यू.बी.ई., यूके के वित्तीय सलाहकार एथिकल इन्वैस्टर्स और आस्ट्रेलिया में क्रूएल्टी फ्री सुपर के संस्थापक हैं; और लैरी एबेल, औरियल इनवैस्टर्स के संस्थापक हैं, जो लंदन में एक एफसीए-विनियमित परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म है, जिसके प्रभाव निवेश  नेतृत्व में एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। 

बियॉन्ड इन्वेस्टिंग अपनी परिसंपत्तियों का उपयोग कंपनियों को जानवरों और पर्यावरण को उनके द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुक्सान को कम करने के लिए अपनी व्यवसाय प्रथाआें में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए दबाव डालने हेतु करती है। इसने एक प्लेटफार्म योअरस्टेक विकसित किया है जो किसी भी कंपनी को अपनी गतिविधियों के कुछ पहलू को बदलने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु किसी भी आकार के निवेशक के कारपोरेट के साथ नियोजन को सुकर बनाता है। नीचे उनके अभियानों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं : 

हम एप्पल और वेरेजोन से अपने स्टोर में चमड़े के उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए आग्रह करते हैं। हम फोर्ड और जनरल मोटर्स से अपने वाहनों में चमड़े के इंटीरियर की पेशकश को रोकने के लिए आह्वान करते हैं। एक साल पहले, बियॉन्ड इन्वेस्टिंग ने न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज में निवेशकों को एक नैतिक वित्तीय विकल्प प्रदान करने के लिए यू.एस. वेगन क्लाइमेट ई.टी.एफ. (टिकर : वी.ई.जी.एन.) प्रारंभ किया था। वेगन और जलवायु के प्रति सजग सिद्धांतों के अनुसार जांची गई,

यहां नीचे दी गई श्रेणियों पर सचेत रूप से इंकार किया गया है : निवेश-जीवाश्म ईंधन और अन्य पर्यावरणीय रूप से हानिकारक गतिविधियों में निवेश के कारण शामिल नहीं की गई कंपनियां। पशु परीक्षण-जानवरों पर परीक्षण के कारण शामिल नहीं की गई कंपनियां। पशु उत्पाद-कंपनियों को जानवरों से प्राप्त उत्पादों के उत्पादन और उपयोग को शामिल करने वाली व्यावसायिक गतिविधियों में रत शामिल नहीं की गई कंपनियां। प्रशिक्षित जानवर-खेल या मनोरंजन के लिए जानवरों का उपयोग करने के लिए जानवरों को बंदी बना कर रखने वाली शामिल नहीं की गई कंपनियां। 

ऊर्जा उत्पादन-जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके ऊर्जा उत्पादन के चलते शामिल नहीं की गई कंपनियां। जीवाश्म ईंधन-जीवाश्म ईंधन के अन्वेषण, उत्पादन और शोधन में भागीदारी के कारण शामिल नहीं की गई कंपनियां। उच्च कार्बन-उनके उच्च कार्बन उत्सर्जन के कारण शामिल नहीं की गई कंपनियां। मानवाधिकार-मानवाधिकारों के हनन के कारण शामिल नहीं की गई कंपनियां। व्यक्तिगत रूप से, मैं इस समृद्ध पहल का समर्थन करने और अनुकरण करने के लिए अपने संपन्न और तकनीक प्रेमी वेगन लोगों/शाकाहारियों के साथ भारत से बेहतर देश के बारे में सोच ही नहीं सकती हूं, और महामारी की पृष्ठभूमि में इससे बेहतर कोई समय नहीं हो सकता है। नेकी करो और नेकी पाआे। इससे अच्छा क्या हो सकता है?-मेनका गांधी
 


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