राष्ट्रपति पुतिन की ओर से अमरीका को एक संदेश

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 05:57 AM (IST)

मास्को ने अमरीका को कम लागत वाले छद्म युद्ध से बाहर निकालने का फैसला किया है जोकि यूक्रेन की धरती पर रूस के खिलाफ लड़ रहा है। बुधवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने भाषण में रेखांकित किया है कि यह युद्ध अस्तित्वगत संघर्ष है और क्रेमलिन मातृभूमि की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है, फिर चाहे कुछ भी हो जाए। पुतिन ने वाशिंगटन, लंदन  और ब्रसल्ज को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि मास्को निश्चित रूप से अपने लिए उपलब्ध सभी हथियार प्रणालियों का उपयोग करेगा। 

पश्चिम के अनुसार यह आक्रामकता, राष्ट्रीय सम्प्रभुता, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, लोकतंत्र बनाम सत्तावाद इत्यादि के बारे में है जो अब टिकाऊ नहीं है। एक सत्ता संघर्ष आगे की ओर चल रहा है। दोनों ही पक्ष दांतों और पंजों से लडऩे की तैयारी कर रहे हैं जिसके परिणाम वैश्विक राजनीति को अभूतपूर्व ढंग से प्रभावित करेंगे और विश्व व्यवस्था को मौलिक रूप से बदल देंगे। वहीं रूस के लिए यह युद्ध एक सभ्यतागत राज्य के रूप में उसके अस्तित्व से कम नहीं है, जबकि अमरीका के लिए यह युद्ध उसके वैश्विक आधिपत्य नियम आधारित व्यवस्था के संरक्षण के लिए खौल रहा है। 

तथ्य यह है कि वाशिंगटन ने शीत युद्ध के बाद के युग में रूस के पुनरुत्थान को कभी भी स्वीकार नहीं किया। इसका एजैंडा 1990 के दशक में काकेशस में चेचेन विद्रोह के माध्यम से, यूगोस्लाविया के विघटन, 1999 के बाद से नाटो का पूर्व की ओर विस्तार, जार्जिया और यूक्रेन में नस्ली क्रांतियां, 2014 में ओबामा प्रशासन के मास्टर माइंड वाले कीव में तख्तापलट द्वारा चलता रहा है। कीव के तख्तापलट के दौरान वर्तमान अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन उप-राष्ट्रपति थे। इस एजैंडे द्वारा नाटो के बैनर तले रूस को शत्रु देशों से घेरना था। 

रूस के खिलाफ नाटो की तैनाती खुद के लिए बोलती है। गठबंधन की पूर्वी धूरी में 40,000 सैनिक तथा यूरोप भर में द्विपक्षीय समझौते के तहत 1 लाख अमरीकी सैनिक तैनात किए गए। यह 2005 के बाद सैनिकों का सबसे उच्चतम स्तर है। अमरीका के पास अनुमानित 100 बी-61 परमाणु  गुरुत्वाकर्षण बम भी हैं। ये बम नाटो के ठिकानों पर तैनात हैं। स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से नाटो और रूस के बीच सीधी भूमि सीमा की लम्बाई दोगुनी होकर करीब 2500 किलोमीटर की हो जाती है। 

रूस के पास एक महत्वपूर्ण आॢथक लागत पर सैन्य संसाधनों को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अपनी निगरानी मुद्रा को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कालिनिग्राद तक रूस की पहुंच अधिक कठिन हो जाती है और इसकी नौसेना की गतिविधियां गंभीर रूप से प्रतिबंधित हो जाती हैं, वहीं नाटो की सुरक्षा अधिक विविध हो जाती है जो बाल्टिक सागर में रूसी वायुसेना के संचालन को भी महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करती है। इसके अलावा अंतरिक्ष और साइबर परिचालन क्षेत्रों में रूस की हाईब्रिड युद्ध क्षमताएं भी बेहद प्रभावित होंगी। कैरेबियन और मैक्सिको की खाड़ी में एक समान खतरनाक तैनाती हो रही है। 

यूक्रेन अब एक संघर्ष उत्पन्न कर रहा है क्योंकि नाटो शक्तियां अब खुले तौर पर कीव को क्रीमिया और अन्य रूसी क्षेत्रों पर हमले करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। यहां तक कि गठबंधन यूक्रेन को रूस के दक्षिणी क्षेत्रों पर वास्तविक समय की खुफिया जानकारी प्रदान करता है। पुतिन ने बुधवार को अपने बयान में यह संकेत दिया कि अमरीका और ब्रिटेन ने रूस और यूक्रेन के बीच अप्रैल माह में तुर्की की मध्यस्थता के तहत इस्तांबुल वार्ता में हुए समझौते को कमजोर कर दिया। जाहिर तौर पर नाटो चाहता है कि यह संघर्ष जारी रहे ताकि रूसी सैन्य क्षमता समाप्त हो जाए। उधर, छद्म युद्ध अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए राजनीतिक रूप से एक सुरक्षित दाव है। हथियारों की आपूर्ति एक उधार-पट्टा ऋण समझौते के तहत होती है जिसके अनुसार यूक्रेन से नकद या वस्तु के रूप में ऋण चुकाने की उम्मीद की जाती है। 

युद्धों को अमरीका में सैन्य औद्योगिक परिसर के लिए आकर्षक व्यवसाय उत्पन्न करने हेतु जाना जाता है। अपना हित रखने वाले समूह भ्रष्ट नेताओं से जोड़-तोड़ करते हैं। वॉल स्ट्रीट भी एक सम्मोहक वास्तविकता है। इस गांठ को काटना बेहद मुश्किल है क्योंकि यूक्रेन में इतने बड़े पैमाने पर हथियारों के प्रवाह के लिए अमरीकी कांग्रेस में मजबूत द्विपक्षीय समर्थन दिखता है। यही कारण है कि आज कोई तीसरा पक्ष रूस और अमरीका के बीच मध्यस्थता करने में सक्षम नहीं है।-एम.के.भद्रकुमार


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