‘स्वस्थ हो चुके कोरोना पीड़ितों से’ ‘अछूतों जैसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण’

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 03:02 AM (IST)

‘कोरोना’ महामारी ने आज समस्त विश्व में आतंक फैला रखा है और इस अदृश्य शत्रु ने लोगों को इस कदर संवेदनाहीन बना दिया है कि समाज का एक बड़ा हिस्सा कोरोना से मुक्त हो चुके लोगों तक के साथ अछूतों जैसा व्यवहार करने लगा है। 

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के मगहर कस्बे में रहने वाले एक कोरोना संक्रमित परिवार के एकांतवास से वापस आने के बाद भी हालत यह है कि जब इस परिवार के सदस्य बाहर निकलते हैं तो लोग फुसफुसाने लगते हैं, ‘‘कोरोना वाले आ गए।’’ और कोई उनसे सीधे मुंह बात नहीं करता। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के पोखरा टोला के  अशोक सिंह के अनुसार, ‘‘जांच में कोरोना पॉजिटिव आने पर गांव वालों ने मुझे गालियां दीं और मेरा पूर्णत: बहिष्कार कर दिया। अब मैं ठीक हो गया हूं फिर भी कोई हमारी दुकान से सामान लेने नहीं आता। सब कहते हैं कि मैंने बीमारी फैला दी।’’ 

इसी प्रकार हरियाणा के हिसार में अनेक रोगियों को इस जानलेवा बीमारी से मुक्त होने के बाद भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है तथा पड़ोसी उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार करते हैं। समाज में स्वीकार न किए जाने के कारण ही एक कोरोना मुक्त महिला को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और अनेक लोगों से उनके मकान मालिकों ने मकान खाली करवा लिए। ऐसी ही एक महिला के पति का कहना है कि उनके लिए बीमारी का सामना करना तो आसान था परन्तु उनके साथ ऐसा व्यवहार करने वाले समाज का मुकाबला करना बहुत मुश्किल हो रहा है। 

रोगमुक्त हो चुका एक किशोर जब एकांतवास समाप्त करके अपने मित्रों के बीच गया तो उन्होंने उसे अपनी मंडली में वापस लेने से इंकार कर दिया। जबकि किराए के मकान में रहने वाले इसी किशोर के एक रिश्तेदार को उसके मकान मालिक ने मकान खाली करने के लिए विवश कर दिया। यही नहीं कोरोना पीड़ितों की चिकित्सा कर रहे डाक्टरों, नर्सों और अन्य मैडीकल स्टाफ के अलावा दूसरे ‘कोरोना योद्धाओं’ को भी तंग करने और  उनके साथ मारपीट तक करने के भी मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में बंगाल में ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। 

स्पष्ट है कि कोरोना वायरस के भय के चलते मानवीय संवेदना भी दम तोडऩे लगी है जिसे कतई उचित नहीं कहा जा सकता। इससे पीड़ितों के मन में हीन भावना घर करने लगी है और वे एक बीमारी से मुक्त होकर मानसिक तनाव जैसी दूसरी समस्याओं में घिर रहे हैं। राम मंदिर के पुजारी प्रदीप दास और सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारी, गृह मंत्री अमित शाह, इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम का बेटा काॢत चिदम्बरम, मध्यप्रदेश के मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान,  यू.पी. के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन व कर्नाटक के मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा की एक बेटी आदि संक्रमित पाए गए हैं। 

यही नहीं, फिल्म जगत में भी सिवाय जया बच्चन के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन का परिवार, गायिका कनिका कपूर, अभिनेता किरण कुमार आदि अनेक वी.आई.पीज इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं तो क्या लोग इनका भी बहिष्कार करेंगे?—विजय कुमार


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