देश की सुरक्षा को खतरा जगह-जगह बरामद हो रहा तबाही का सामान

punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 04:04 AM (IST)

हालांकि सुरक्षा एजैंसियां देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं परंतु देश विरोधी ताकतें अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहीं तथा देश में अशांति फैलाने के लिए साजिशें रचने में जुटी हुई हैं। 

सरकार को ‘लश्कर-ए-खालसा’ नामक एक नए आतंकी गिरोह द्वारा दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस समारोहों से पहले या उनके दौरान हमले करने की योजना के बारे में सूचना मिली है। 

रिपोर्ट में सुरक्षा एजैंसियों को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है जहां प्रधानमंत्री तिरंगा फहराएंगे। इसी रिपोर्ट में भारत में रहने वाले अफगानी तथा सूडानी लोगों को निशाना बनाए जाने की आशंका भी जताई गई है। कुछ अन्य रिपोर्टों के अनुसार आतंकवादी इस बार संवेदनशील स्थानों पर एक साथ हमले कर सकते हैं। सबसे बड़ा इनपुट ड्रोन हमलों का है जिसके लिए आतंकी पी.ओ.के. में ड्रोन से निशाना लगाने का अभ्यास भी कर रहे हैं। 

एक अन्य अलर्ट यह भी है कि आतंकवादी मैटल डिटैक्टर को चकमा देने वाले अत्याधुनिक आई.ई.डी. का इस्तेमाल करके बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं। देश की अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर स्लीपर सैल के पास ड्रोन के जरिए तबाही का सामान भेजने की भी उनकी योजना है। आतंकवादी विस्फोटक बमबारी तथा आग लगाने वाली बमबारी(जैसे मोलोटोव काकटेल) दोनों का उपयोग कर सकते हैं। उनके द्वारा पत्र और पार्सल बम दोनों का इस्तेमाल किए जाने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। वे इस बार नरसंहार के लिए अत्याधुनिक बंदूकें, पिस्तौल, रिवाल्वर, राइफल और आटोमैटिक हथियार भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इस बीच जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक श्री दिलबाग सिंह ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की साजिशों बारे नई जानकारी दी है। उनके अनुसार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा रणनीतिक बदलाव के अंतर्गत एक ‘चेहरा विहीन’ आतंकवाद सबसे बड़ी सुरक्षा संबंधी चुनौती बन कर उभर रहा है। वहां ऐसे आतंकवादी तैयार किए जा रहे हैं जिनका कोई पिछला रिकार्ड नहीं है। 

नई रणनीति के अंतर्गत अब तो  आतंकी गिरोहों ने भर्ती के लिए उम्र भी घटा दी है और स्कूली पढ़ाई छोड़े हुए लड़कों को भी भर्ती करने लगे हैं। आतंकवादी हैंडलर नए रंगरूटों को किसी पर हथगोला फैंकने, गोली चलाने या किसी को मार देने जैसी आतंकवादी हिंसा की कोई घटना तुरंत करने के लिए कहते हैं और एक बार ऐसा कर देने के बाद उनकी समाज में वापसी का रास्ता बंद हो जाता है। 

मारे जाने के कारण अब चूंकि ‘सीनियर आतंकवादी लीडरशिप’ टार्गेट की शिनाख्त करने और हमले करने की योजना बनाने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, लिहाजा आतंकवादी गिरोह अपने पुराने संपर्क बहाल करने में लगे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी गिरोहों में जारी भर्ती चिंता का विषय बनी हुई है और इस तरह के हालात के बीच देश में लगातार विस्फोटकों और अवैध हथियारों के रूप में तबाही का सामान भी बरामद हो रहा है : 

* 2 अगस्त को दक्षिण पूर्व दिल्ली में पुलिस ने राजस्थान में धौलपुर जिले के रहने वाले एक 24 वर्षीय हथियार आपूर्तिकर्ता धु्रव उर्फ पप्पी को ‘आली’ गांव के निकट गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 12 पिस्तौल और कारतूस बरामद किए। वह 3 वर्षों से दिल्ली एन.सी.आर. के अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बंदूकों की आपूर्ति करता आ रहा था।
* 4 अगस्त को केरल में पलक्कड़ जिले के शोरनूर के निकट ‘वतनमकुरैशी’ गांव में 40 बक्सों में रखी जिलेटिन की 8000 छड़ें बरामद की गईं। 
* 4 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश की आगरा जेल में बंद पूर्व विधायक विजय मिश्रा के भदोही स्थित पैट्रोल पम्प से 4 मैगजीन सहित 1 ए.के. 47 राइफल सहित 375 कारतूस, 1 पिस्तौल तथा उसके 9 कारतूस बरामद किए गए। 

* 4 अगस्त को ही हरियाणा में अम्बाला एस.टी.एफ. की टीम ने पंजाब के तरनतारन से गिरफ्तार किए गए आतंकवादी शमशेर सिंह की निशानदेही पर अम्बाला-शाहाबाद जी.टी. रोड पर एक पेड़ के नीचे रखे बक्से में स्विच, टाइमर, बैटरी और डैटोनेटर सहित विस्फोटक आर.डी.एक्स. बरामद किया है। 

* 4 अगस्त को ही हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर से ताहिर नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 48 देसी पिस्तौल, 17 कारतूस और अवैध हथियार बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री बरामद की है। निश्चय ही यह स्थिति भारतीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम देशवासियों से भी अत्यधिक सतर्कता की मांग करती है जिसमें मामूली सी ढील अथवा चूक की देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।—विजय कुमार 


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