कंगना और शिवसेना के बीच जुबानी जंग तोड़फोड़ तक पहुंची

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 03:08 AM (IST)

देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से अलंकृत अभिनेत्री कंगना रनौत के नाम एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा दर्जनों अन्य पुरस्कार दर्ज हैं। वह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री के एक धड़े द्वारा नशीली दवाओं के उपयोग के बारे में बोलकर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के निशाने पर आ गई हैं। 

कंगना ने ट्वीट किया था कि ‘‘एक प्रमुख स्टार की मौत के बाद मैंने ड्रग और मूवी माफिया रैकेट की बात कही थी। मैं मुम्बई पुलिस पर विश्वास नहीं करती क्योंकि उन्होंने सुशांत की शिकायतों को अनदेखा किया। सुशांत ने हर किसी से कहा था कि वे मुझे मार देंगे और उसे मार दिया गया।’’ कंगना ने यह भी कहा था कि उन्हें फिल्म माफिया की बजाय डर मुम्बई पुलिस से लगता है। कंगना जो उन दिनों हिमाचल में थीं, की उक्त टिप्पणी के बाद शिवसेना नेता संजय राऊत ने उन पर मुम्बई पुलिस का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्हें मुम्बई वापस न लौटने की सलाह दे डाली। 

इसके जवाब में 3 सितम्बर को कंगना ने ट्वीट किया कि ‘‘संजय राऊत ने मुझे मुम्बई नहीं आने की खुली धमकी दी है। मुझे ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि मुम्बई पाक अधिकृत कश्मीर हो!’’ इस पर शिवसेना की महिला कार्यकत्र्ताओं ने कंगना के विरुद्ध प्रदर्शन किया और उनके पोस्टर जलाए तथा 5 सितम्बर को मुम्बई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा, ‘‘कंगना को मुम्बई में रहने का अधिकार नहीं है।’’ संजय राऊत 6 सितम्बर को बोले, ‘‘हम सब मिल कर उसे रोकेंगे। उस लड़की ने जो बात की वह कानून का सम्मान है क्या?’’ इसके साथ ही उन्होंने कंगना को ‘हरामखोर’ लड़की बताया। 
जहां संजय राऊत के उक्त बयान की विभिन्न वर्ग के लोगों ने आलोचना की है वहीं अभिनेत्री दीया मिर्जा ने ट्वीट किया कि ‘‘सर, कंगना ने जो कुछ भी कहा उसका विरोध करने का आपको अधिकार है पर इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने के लिए आपको माफी मांगनी चाहिए।’’ कंगना ने भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र का मतलब संजय राऊत नहीं होता है।’’  उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की थी कि ‘‘बी.एम.सी. वाले मेरा कार्यालय तोड़ देंगे।’’ 

8 सितम्बर को बी.एम.सी. ने  कंगना रनौत की अनुपस्थिति में पाली हिल स्थित कंगना के कार्यालय ‘मणिकॢणका फिल्म्स’ पर अवैध निर्माण का नोटिस चिपका कर 24 घंटे में इसका जवाब मांगा। इसी दिन महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अभिनेता शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन के बयान के आधार पर कंगना के विरुद्ध ड्रग्स मामले की जांच के आदेश दे दिए जिसमें अध्ययन ने कहा था कि ‘‘कंगना ड्रग्स लेती हैं।’’ इसके जवाब में कंगना रनौत ने कहा है कि ड्रग पैडलर्स के साथ उनका कोई संबंध मिलने पर वह हमेशा के लिए मुम्बई छोड़ देंगी। 

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘दुख की बात है कि मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है। मैं न डरूंगी, न झुकूंगी, गलत के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रहूंगी। जय महाराष्ट्र जय शिवाजी। मैं 9 सितम्बर को मुम्बई आ रही हूं। किसी के बाप में हिम्मत है तो मुझे रोक ले।’’ अपनी घोषणा के अनुसार कंगना रनौत 9 सितम्बर को मुम्बई पहुंच गईं। मुम्बई हवाई अड्डों पहुंचने पर जहां शिव सेना कार्यकत्र्ताओं ने कंगना के विरुद्ध प्रदर्शन किया और नारे लगाए वहीं करणी सेना तथा आर.पी.आई. के कार्यकत्र्ताओं ने उनके समर्थन में नारेबाजी की। 

परन्तु कंगना के मुम्बई पहुंचने से पहले ही बी.एम.सी. ने पुलिस की सहायता से उनकी कम्पनी ‘मणिकॢणका फिल्म्स’ के कार्यालय, जिसकी मार्कीट वैल्यू 48 करोड़ रुपए बताई जाती है, पर छापा मार कर 10 जगह तोड़-फोड़ कर दी और अवैध निर्माण गिरा दिया। उनके कार्यालय में स्थित मंदिर भी तोड़ डाला गया। कंगना के वकील ने हाई कोर्ट में इसके विरुद्ध गुहार लगाई जिस पर हाई कोर्ट ने बी.एम.सी. द्वारा कंगना के कार्यालय में कथित अवैध निर्माण तोडऩे पर रोक लगा दी है। बी.एम.सी. द्वारा की गई तोडफ़ोड़ पर कंगना ने  ट्वीट किया,‘‘उद्धव ठाकरे, तुझे क्या लगता है कि तूने मूवी माफिया से मिल कर मुझसे बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा।’’ 

इसी बीच कंगना के समर्थन और विरोध में कई संस्थाएं उतर आई हैं। करणी सेना ने गोरखपुर में कंगना के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी के लिए संजय राऊत के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला जलाया। इस समय मुम्बई में ड्रग्स माफिया की मौजूदगी को लेकर कंगना रनौत के बयान से शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस पर आधारित महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार तथा कंगना में ठन जाने से एक अप्रिय स्थिति पैदा हो गई है। इस घटना ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की ‘शिवसेना’ तथा ‘मनसे’ द्वारा दूसरे राज्यों के लोगों के साथ समय-समय पर पैदा होने वाले विवादों की याद ताजा कर दी है। 

इस कार्रवाई से उद्धव ठाकरे सरकार विरोधी दलों के साथ-साथ अपने ही सहयोगी ‘राकांपा’ के सुप्रीमो शरद पवार के निशाने पर आ गई है और उन्होंने बी.एम.सी. की कार्रवाई को गैर जरूरी बता दिया है तथा कहा है कि मुम्बई में ऐसी अनेकों इमारतें हैं। इस घटना से कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने आ गए हैं। संजय राऊत ने तीखे बयान देकर और उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार ने कंगना रनौत के कार्यालय पर कार्रवाई करके राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय ही दिया है।—विजय कुमार 


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