‘नेताओं के बेहूदा बयान’ ‘देश की करवा रहे हैं जगहंसाई’

punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 04:15 AM (IST)

हम लिखते रहते हैं कि हमारे माननीयों को अपना हर बयान सोच-समझ कर ही देना चाहिए ताकि सद्भाव बना रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी पार्टी के सदस्यों को यह सलाह दे चुके हैं लेकिन हमारे नेताओं पर इसका रत्ती भर भी असर नहीं हो रहा। इसका नतीजा यह है कि न सिर्फ सत्तारूढ़ भाजपा बल्कि अन्य सभी दलों से जुड़े छोटे-बड़े नेता भी लगातार विवादास्पद बयान देकर देश का माहौल बिगाडऩे में जुटे हुए हैं जिसके मात्र 4 दिनों के 10 उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :

* 17 नवम्बर को बिहार ‘राजद’ के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया और नीतीश कुमार को ‘भाजपा की गोद में पलने वाला बच्चा’ बताते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने बिहार में जनादेश की जो डकैती और मतदाताओं के साथ जो बलात्कार किया है, उसी की पैदाइश हैं नीतीश कुमार।’’ * 18 नवम्बर को भाजपा के प्रवक्ता राज्यवद्र्धन सिंह राठौर ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया, ‘‘अब तक एक भी ऐसी रक्षा खरीद नहीं हुई जिसमें रिश्वत न ली गई हो। कांग्रेस और भ्रष्टाचार दोनों पर्यायवाची बन गए हैं।’’ 

* 20 नवम्बर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू-कश्मीर के ‘गुपकार अलायंस’ पर चीन और पाकिस्तान के लिए गुप्तचरी (जासूसी) करने का आरोप लगाया। 
* 20 नवम्बर को ही ‘आम आदमी पार्टी’ के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस का पतन होता जा रहा है और ऐसा लगता है कि इसका कोई मां-बाप नहीं बचा है।’’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘‘वोट चाहे किसी को भी दो सरकार भाजपा की ही बनती है।’’ 

* 20 नवम्बर को ही राजस्थान के प्रदेश ‘कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा’ भाजपा पर निशाना साधते हुए बोले, ‘‘भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार के विरुद्ध जारी किए गए ‘ब्लैक पेपर’ में हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) उलटा दिखाया है। अगर हम कमल को पैरों तले रौंदेंगे तो वे क्या कहेंगे?’’
* 20 नवम्बर को ही मध्य प्रदेश के ‘झाबुआ में भाजपा सांसद गुमान सिंह राठौर’ ने एक सभा में बोलते हुए मंच से ही अपने एक अधिकारी की मार्फत एक ठेकेदार को उलटा लटकाने की धमकी दे डाली और कहा, ‘‘अगर तत्काल काम शुरू नहीं किया तो उलटा लटकवा दूंगा।’’ 

* 20 नवम्बर को ‘पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष’ ने एक बार फिर ‘आंख के बदले आंख’ की अपनी खुली धमकी दोहराते हुए कहा, ‘‘जो भी मुझे या मेरे पार्टी वर्करों को निशाना बनाएगा, उससे ङ्क्षहसा से ही निपटा जाएगा फिर चाहे वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भेजे गए केंद्रीय बल ही क्यों न हों।’’
* इससे पहले 9 नवम्बर को उन्होंने हल्दिया में एक रैली में कहा, ‘‘दीदी के भाई (समर्थक) जो परेशानी पैदा कर रहे हैं उन्हें अपनी आदतें बदल लेनी चाहिएं वर्ना उनके हाथ-पैर, पसली और सिर टूट जाएंगे। आपको अस्पताल की यात्रा करनी होगी और यदि आप फिर भी बाज नहीं आते हैं तो आपको श्मशान जाना पड़ेगा।’’ 

* एक अन्य बयान में दिलीप घोष ने यह भी कहा, ‘‘वैसे तो मैं हर साल घर बदलता हूं लेकिन जब से ‘राजरघाट’ रहने आया हंू तब से टी.एम.सी. के कार्यकत्र्ता मेरे मकान मालिक को धमका रहे हैं।’’
* 21 नवम्बर को ए.आई.एम.आई.एम. के नेता असदुद्दीन ओवैसी बोले, ‘‘हिन्दुत्व एक झूठ पर बना है कि एक ही समुदाय के पास सभी राजनीतिक शक्तियां होनी चाहिएं और मुसलमानों को राजनीति में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए क्योंकि संसद और विधानसभाओं में हमारी अधिक उपस्थिति हिन्दुत्व और संघ के विरुद्ध चुनौती का काम करेगी। अगर हम अपनी मौजूदगी कायम कर पाए तो जश्न मनाएंगे।’’ 

इस तरह के बयान देना निश्चय ही किसी सभ्य देश के नेताओं को शोभा नहीं देता। भारत में किसी के विरुद्ध कोई अपमानजनक टिप्पणी कर देना आज एक फैशन बन गया है। उक्त बयान अदूरदर्शितापूर्ण हैं। अत: ऐसे लोग इस तरह के बयान देकर न सिर्फ देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं बल्कि दुनिया की नजरों में भारत को उपहास का पात्र भी बना रहे हैं।—विजय कुमार  


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