फांसी जैसी सख्त सजा ही बलात्कार रोकने का एकमात्र उपाय

punjabkesari.in Thursday, Oct 28, 2021 - 03:15 AM (IST)

देश में बलात्कारों की आंधी आई हुई है और अपराधी तत्वों के हौसले इतने अधिक बढ़ चुके हैं कि मासूम बच्चियां तक वासना के भूखे भेडिय़ों का शिकार बन रही हैं जो 10 दिनों के निम्र चंद उदाहरणों से स्पष्ट है : 

* 15 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ थाना क्षेत्र में एक 45 वर्षीय व्यक्ति को 13 वर्षीय मासूम से बलात्कार करने के आरोप में पकड़ा गया।
* 23 अक्तूबर को मध्य दिल्ली के रंजीत नगर इलाके में अपने घर के निकट खेल रही एक 7 वर्षीय बच्ची के साथ एक युवक ने बलात्कार कर डाला। बच्ची का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा है। 
* 24 अक्तूबर को गुरुग्राम के सोहना इलाके में एक युवक ने अपने पड़ोस में रहने वाली मासूम के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। इस बच्ची ने एक दिन पूर्व ही अपना पांचवां जन्मदिन मनाया था।

* 25 अक्तूबर को केरल के कोट्टयम में एक 74 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा 10 वर्षीय बच्ची से रेप किए जाने से दुखी बच्ची के पिता ने आत्महत्या कर ली।
* 26 अक्तूबर को लुधियाना में 3 वर्ष की बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में एक युवक के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 26 अक्तूबर को ही लुधियाना में एक 5 वर्षीय बच्ची से अश्लील हरकतें करने पर एक व्यक्ति को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया। 

* 26 अक्तूबर को फिर जगराओं में एक गुरुद्वारा साहब के ग्रंथी ने जब एक व्यक्ति को महिलाओं से छेड़छाड़ करने से रोका तो उसने साथियों सहित  सेवादार पर हमला कर दिया।
* 26 अक्तूबर को ही ऐसी एक घटना में सजा सुनाई गई जिसमें पुष्कर की 11 वर्षीय मासूम बच्ची से बलात्कार और हत्या के 12 घंटे के भीतर ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद मात्र 60 घंटे के भीतर चालान पेश करके अदालती कार्रवाई शुरू करवा दी थी। 

अजमेर की ‘पोक्सो’ अदालत के न्यायाधीश रतन लाल ‘मूंड’ ने  4 महीने और 4 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी करके बलात्कारी युवक को फांसी की सजा सुनाई और कहा, ‘‘यह घटना पशु वध के समान है। ऐसे अपराधियों के साथ नर्मी बरतना समाज की सुरक्षा के लिए खतरा है।’’ बलात्कार के मामलों में तेजी से कार्रवाई करने और दोषियों को फांसी जैसी सजा देने से ही इस समस्या पर अंकुश लगाने में कुछ सहायता मिल सकती है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी कहा है कि ‘‘सख्त सजाओं से ही बलात्कार की घटनाएं रुक सकती हैं।’’—विजय कुमार 


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