‘लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों’ ‘पर कड़ी कार्रवाई की जाए’

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 02:17 AM (IST)

आज सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में अपनी जिम्मेदारी ढंग से न निभाने की कुप्रवृत्ति सी बन गई है। ड्यूटी पर समय पर न पहुंचना, आदेशों को लागू करने में लापरवाही बरतना, मातहत कर्मचारियों का वेतन समय पर जारी न करना आदि इसमें शामिल हैं। इस कुप्रवृत्ति को रोकने के लिए उच्च अधिकारी गण औचक निरीक्षण करके या शिकायतें मिलने पर दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हैं जिसके इसी वर्ष के 17 उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 8 जनवरी, 2021 को पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) के जिला मैजिस्ट्रेट ने खूंखार कुत्तों को पकड़ने में लापरवाही बरतने पर एक पशु चिकित्सा अधिकारी और वन अधिकारी के वेतन रोकने के आदेश दिए। 
* 3 फरवरी को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) के बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने विभिन्न स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 7 अध्यापकों का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया।  
* 5 फरवरी को बदायूं (उत्तर प्रदेश) में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह ने हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके स्कूल से गायब हुए 3 अध्यापकों का वेतन अगले आदेश तक रोकने के आदेश जारी किए। 
* 6 फरवरी को जिला मैजिस्ट्रेट आशुतोष निरंजन ने बस्ती (उत्तर प्रदेश) में ड्यूटी से अनुपस्थित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के 8 कर्मचारियों का वेतन ‘नो वर्क, नो पे’ के आधार पर काटने के निर्देश दिए। 

* 10 फरवरी को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने लालगंज स्थित विकास कार्यालय के काम में अनियमितताएं पाने पर संबंधित अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए।
* 12 फरवरी को मुरैना (मध्यप्रदेश) में जिला पंचायत सी.ई.ओ. रोशन कुमार ने पंचायतों में निर्माण कार्यों की असंतोषजनक प्रगति पर 71 अधिकारियों और कर्मचारियों का 2 से 7 दिनों तक का वेतन काटने का आदेश दिया।
* 22 फरवरी को सोनभद्र (मध्यप्रदेश) में जिला विकास अधिकारी अजीत कुमार ने ‘चोपन स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय’ का रिकार्ड ठीक ढंग से न रखने पर जिला परियोजना अधिकारी रमेश कुमार का एक दिन का वेतन काटा।
* 22 फरवरी वाले दिन ही छतरपुर (मध्यप्रदेश) के कलैक्टर शिलेंद्र सिंह ने एस.डी.एम., तहसीलदार, नजूल अधिकारियों, ड्यूटी से गायब डाक्टरों व अन्य स्टाफ का एक-एक दिन का वेतन काटने के आदेश जारी किए। 

* 22 फरवरी को रीवा (मध्यप्रदेश) के कलैक्टर ‘इलैयाराजा टी’ ने लंबित शिकायतों का निपटारा न करने और अन्य अनियमितताओं के दोषी जिला श्रम पदाधिकारी का एक दिन का वेतन कटवा दिया। 
* 22 फरवरी को ही मुरैना (मध्यप्रदेश) में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर कलैक्टर बी.काॢतकेयन ने कृषि विभाग के उपसंचालक पी.सी. पटेल का एक महीने का वेतन काट दिया।
इससे पूर्व 10 फरवरी को भी उन्होंने 12 अधिकारियों का वेतन काटने और वेतन वृद्धि रोकने तथा बैठक में उपस्थित न होने पर ‘कैलारस’ के सी.एम.ओ. की एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए। 
* 23 फरवरी को जबलपुर (मध्यप्रदेश) में एस.डी.एम. आशीष पांडे ने सरकारी कामकाज में लापरवाही बरतने पर पटवारी दीपक राकेश को निलंबित करने और एक अन्य पटवारी महेश तिवारी का 3 दिन का वेतन काटने के आदेश दिए।

* 24 फरवरी को हल्द्वानी (उत्तराखंड) के आयुक्त द्वारा नगर निगम के औचक निरीक्षण में अनुपस्थित 22 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाबतलब किया कि उनका वेतन क्यों न काटा जाए।
* 25 फरवरी को इंदौर (मध्यप्रदेश) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद सिंह ने ‘भंवर कुआं’ थाना में भेजे वारंटों की तामील न करवाने पर थाना प्रभारी संतोष दूधी के वेतन से 5000 रुपए काटने का आदेश दिया। 
* 25 फरवरी को पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) के जिला मैजिस्ट्रेट पुलकित खरे ने क्षेत्रीय आयुर्वैदिक यूनानी अधिकारी कार्यालय के स्टोर में सामग्री अस्त-व्यस्त और शौचालय में गंदगी पाए जाने पर प्रभारी मीरा वर्मा व सफाई कर्मचारी राजकुमार का वेतन काटने का आदेश दिया। 

* 25 फरवरी को ही लखनऊ के नगर आयुक्त ने शहर में गंदगी तथा वाहनों की पार्किंग आदि में अनियमितताएं पाए जाने पर 3 जोनल अधिकारियों का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया।
* 25 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एक स्कूल के अध्यापकों का वेतन कई महीनों से जारी न करने की शिकायत पर समाज कल्याण विभाग के निदेशक बशीर अहमद डार का वेतन रोकने व पीड़ित अध्यापकों का वेतन शीघ्र रिलीज करने के आदेश दिए। 

इसी वर्ष की उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि यह बुराई किस कदर बढ़ रही है। अत: कत्र्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए संबंधित उच्च अधिकारी साधुवाद के पात्र हैं परंतु कर्मचारियों और अधिकारियों को जागरूक करने के लिए इस काम में और तेजी लाने तथा दोषी कर्मचारियों की तरक्की रोकने जैसी कड़ी सजा देने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं न हों। ऐसा करने से ही अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों को नसीहत मिलेगी, इससे सरकार के कामकाज में सुधार होगा और लोगों को भी राहत मिलेगी।—विजय कुमार 


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