हमारे राजनीतिज्ञों आदि की ‘फूहड़ बयानबाजी’ थमने वाली नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2019 - 01:46 AM (IST)

राजनीतिज्ञों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य  नहीं करेंगे और आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे परंतु आज यही लोग अपने विषैले बयानों और कृत्यों से देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं। इस समय जबकि देश में नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण आदि को लेकर घमासान मचा हुआ है, हमारे नेता आदि आपत्तिजनक बयान देकर हालात को और बिगाड़ रहे हैं जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :

14 दिसम्बर को विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने कहा, ‘‘नेहरू ने नाथूराम गोडसे को बदनाम करने की साजिश रची थी।’’ 14 दिसम्बर को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘‘364 दिन देश जलाओ अभियान चलाने वाली कांग्रेस अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए हिंदुओं का विरोध कर रही है।’’ 15 दिसम्बर को आर.एस.एस. के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘‘राहुल के नाम से जुड़ा ‘गांधी’ गांधी शब्द का अनादर है। राहुल को अपने नाम के साथ गांधी का प्रयोग करके गांधी शब्द का अनादर नहीं करना चाहिए।’’

15 दिसम्बर को फिल्म अभिनेत्री पायल रोहतगी को कुछ समय पूर्व नेहरू गांधी परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि कांग्रेस परिवार ट्रिपल तलाक के विरुद्ध इसलिए है क्योंकि मोती लाल नेहरू की पांच पत्नियां थीं और मोती लाल नेहरू जवाहर लाल नेहरू के सौतेले पिता थे।’’18 दिसम्बर को राकांपा के वरिष्ठïनेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह दूसरे जनरल डायर हैं। जिस तरह जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में लोगों पर गोलीबारी की थी उसी तरह अमित शाह देश के निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने का आदेश देते हैं।’’

18 दिसम्बर को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (जो 27 दिसम्बर को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (भाजपा) पर निशाना साधते हुए बोले, ‘‘ये भाजपा नेता गेरूआ वस्त्र पहन कर बहू-बेटियों की इज्जत लूटने का काम करते हैं।’’18 दिसम्बर को प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार प्रचार में सुपर हीरो लेकिन काम में सुपर जीरो है।’’18 दिसम्बर को ही ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘अमित शाह केवल भाजपा के नेता नहीं देश के गृह मंत्री भी हैं परन्तु उन्होंने ‘सबका साथ सबका विकास’ नहीं किया बल्कि सबके साथ सर्वनाश कर दिया।’’‘‘भाजपा पूरे देश को हिरासत केंद्र में बदलना चाहती है। तुम अगर चट्टान हो तो हम लोग भी चूहा हैं। तुमको कुटुस कुटुस (कुतर-कुतर) कर काटेगा।’’

19 दिसम्बर को भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मïण्यम स्वामी बोले, ‘‘फांसी की सजा पाए पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भारत की नागरिकता दे देनी चाहिए। वह दरियागंज इलाके के हैं और उत्पीडऩ के शिकार हैं। हम फास्ट ट्रैक आधार पर उन्हें नागरिकता दे सकते हैं।’’ और अब 23 दिसम्बर को कैथल से भाजपा विधायक लीलाराम गुज्जर ने नागरिकता कानून के विरोधियों पर बरसते हुए कहा, ‘‘भारत गांधी और नेहरू का देश नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का है और अगर उनका इशारा हो गया तो (हम) मियां जी (मुसलमानों का) एक घंटे में सफाया कर देंगे।’’ आज जबकि देश को भीतर-बाहर से कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे बयान देने वाले लोग देश की कौन-सी सेवा कर रहे हैं और अपने बयानों से देश में सद्भावना बढ़ा रहे हैं या दुर्भावना?—विजय कुमार


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