‘उड़ता ताबूत’ बने मिग-21 विमानों को क्या शीघ्र रिटायर नहीं करना चाहिए?

punjabkesari.in Sunday, Dec 26, 2021 - 03:56 AM (IST)

भारतीय वायुसेना में रूस निर्मित मिग-21 लड़ाकू विमान 1964 में शामिल किए गए थे। रूस ने 11500 मिग विमान बनाए थे जिन्हें 50 देशों ने अपनी वायु सेना में शामिल किया था। तकनीकी दृष्टि से पिछड़ जाने के कारण अब ये अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। कारगिल युद्ध के दौरान एक पाकिस्तानी ने कंधे की मिसाइल से हीे इसे मार गिराया था जबकि 2019 में पाकिस्तान के विरुद्ध सॢजकल स्ट्राइक में भी विंग कमांडर अभिनंदन का मिग पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया था।

लम्बे समय तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ रहा यह विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाला विमान है। इसका निर्माण रूस ने 1955 में शुरू किया था परंतु अब इसकी तकनीक काफी पुरानी हो जाने के कारण सिवाय तीन देशों भारत, क्रोएशिया तथा रोमानिया के अन्य सभी देशों ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया है। इनके पुराने और विकसित वर्जन में काफी सुधार भी नहीं हुआ है।

यहां तक कि इस विमान के जन्मदाता रूस के पास अब एक भी मिग विमान नहीं है तथा उन्होंने भारत सरकार से तीन मिग विमान उपहार के रूप में ले कर इन्हें अपने पुराने विमानों के संग्रहालय में रखा है। पिछले 6 दशक के दौरान भारत में 400 मिग-21 विमान दुर्घटनाओं में 200 से अधिक पायलटों की मृत्यु हो चुकी है। दुर्घटनाग्रस्त मिग विमानों की यह संख्या अन्य सभी लड़ाकू विमानों की संख्या से अधिक है। पिछले पांच वर्षों में लगभग एक दर्जन मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। फिलहाल की बात करें तो इसी वर्ष 5 मिग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। बार-बार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे इन विमानों का नाम ही ‘उड़ता ताबूत’ तथा ‘विधवा बनाने वाला’ (विडो मेकर) पड़ गया है। 

* 06 जनवरी को सूरतगढ़ के निकट एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था परंतु इसका पायलट सुरक्षित बाहर निकल आया था। 
* 17 मार्च को ग्वालियर एयरबेस से ‘काम्बैट ट्रेनिंग मिशन’ के लिए रवाना होने के दौरान मिग-21 बाइसन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन ए.के. गुप्ता की जान चली गई।  
* 21 मई को मिग-21 विमान के मोगा के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वायुसेना के पायलट अभिनव चौधरी मारे गए। 

* 25 अगस्त को राजस्थान में बाड़मेर के निकट एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण आग का गोला बन कर फट गया परंतु सौभाग्यवश पायलट बच गया। 
 * और अब 24 दिसम्बर रात को राजस्थान के जैसलमेर जिले के ‘सम’ क्षेत्र में एक मिग-21 विमान गिर गया और धमाके के साथ उसमें आग लग गई जिसके परिणामस्वरूप इसके युवा पायलट विंग कमांडर हॢषत सिन्हा की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि पायलट ने अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी। मिग-21 विमान किस कारण दुर्घटना का शिकार हुआ? क्या इसका कारण खराब मौसम रहा है या तकनीकी खराबी या कुछ और इन सब प्रश्रों का उत्तर तो दुर्घटना के कारणों की जांच के बाद ही पता चलेगा। इसी 8 दिसम्बर को हमने एक हैलीकाप्टर दुर्घटना में सी.डी.एस. बिपिन रावत, उनकी पत्नी सहित अपने अनेक वीरों को खोया है जिनकी याद अभी ताजा है। 

लगभग 20 वर्ष पूर्व मिग विमानों को हटाने का प्रस्ताव दिया गया था पर इनका स्थान लेने वाले विमानों की कमी होने के चलते अभी तक ऐसा नहीं हो सका। अत: न केवल यथाशीघ्र इन विमानों का विकल्प लाकर इन्हें रिटायर करने की आवश्यकता है ताकि इन्हें उड़ाने वाले हमारे अत्यंत उच्च प्रशिक्षित व प्रतिभाशली पायलट सुरक्षित रहें बल्कि इसके साथ ही लड़ाकू विमानों की लैंडिंग सुविधाएं बढ़ाने तथा अन्य बुनियादी ढांचे को सुधारने की भी आवश्यकता है। इसी वर्ष 10 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में 20 स्थानों पर लड़ाकू जैट विमानों के लिए एमरजैंसी लैंडिंग सुविधाएं कायम करने की बात कही है, अत: क्या यह उचित नहीं होगा कि ऐसा जल्द से जल्द किया जाए ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से यथासंभव बचा जा सके।     


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