हिमाचल प्रदेश की सड़कें बढ़िया और पंजाब की ऊबड़-खाबड़

punjabkesari.in Saturday, Aug 20, 2022 - 05:12 AM (IST)

गत दिवस मुझे एक आवश्यक कार्य के सिलसिले में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित अम्ब कस्बे में जाने का अवसर मिला। कोविड महामारी से पहले मैं अक्सर हिमाचल आता-जाता रहता था परंतु कोविड के बाद मेरा वहां जाना कम हो गया। वीरवार सुबह 10 बजे हम कार द्वारा जालंधर से चले और ‘लम्मा पिंड’ से होशियारपुर होते हुए हिमाचल की सीमा पर पहुंचने तक जगह-जगह टूटी-फूटी सड़कों और धूल-मिट्टी ने हमारा ‘स्वागत’ किया। ‘लम्मा पिंड’ चौक से जंडू सिंघा तक सड़क टूटी हुई और उसमें गड्ढे पड़े हैं। उसके आगे चूहड़वाली और आदमपुर शहर से होकर गुजरने वाली सड़कों में भी भारी गड्ढे की भरमार है। यहीं पर बस नहीं, नसराला से होशियारपुर के प्रभात चौक तक की सड़क पूरी तरह टूटी हुई है।

होशियारपुर बाईपास से आगे पंजाब के क्षेत्र में पडऩे वाली चौहाल तक की सड़क का भी बुरा हाल है। हर ओर धूल-मिट्टी उड़ रही थी जो दुकानों में रखे सामानों और लोगों पर पड़ रही थी। पंजाब वाले हिस्से में सड़कें काफी समय से खराब हैं। यदि पंजाब के अधिकारी यह कहें कि वर्षा के कारण सड़कें टूटी हुई हैं तथा मुरम्मत बारिश के मौसम के बाद ही होगी तो उनसे यह पूछा जा सकता है कि हिमाचल वाले हिस्से की सड़कें क्यों नहीं टूटतीं और ठीक क्यों हैं! इसी संबंध में हिमाचल के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी धाम की यात्रा पर जाने वाले एक श्रद्धालु ने बताया कि इस सड़क की हालत भी बहुत खराब है। बस में जाएं या कार में, इतने हिचकोले लगते हैं कि यात्रियों के शरीर बरबस ही आपस में टकराते रहते हैं। 

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जैसे ही हमने हिमाचल की सीमा में प्रवेश किया तो वहां सड़कों की स्थिति पंजाब की तुलना में बिल्कुल ही भिन्न थी। चिकनी सड़कों पर कार यूं फर्राटे भर रही थी जैसे हवा की लहरों पर सवार होकर तैर रही हो। सड़क के दोनों ओर का दृश्य भी अत्यंत मनभावन था। कहीं भी गंदगी, कूड़ा-कर्कट और कच्चे मकान देखने को नहीं मिले। हर ओर अच्छी तरह मेनटेन किए हुए मकान देख कर लगता कि जैसे कल ही पेंट किए गए हों। यदि किसी ने स्वच्छ भारत की मिसाल देखनी हो तो वह हिमाचल में देख सकता है और देश के अन्य भागों की तुलना में यहां प्रदूषण भी नाम मात्र ही है। 

केरल के बाद हिमाचल देश में सर्वाधिक साक्षरता दर वाला दूसरा राज्य बन गया है। हाल ही में हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश ने 84 प्रतिशत से अधिक साक्षरता दर प्राप्त कर ली है। सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ गया है क्योंकि बड़ी संख्या में कारें, स्कूटर-स्कूटरियां दौड़ रही हैं। अम्ब के इस संक्षिप्त प्रवास के दौरान मुझे वहां की अदालत में जाने का अवसर भी मिला, जहां सफाई की व्यवस्था देख कर अच्छा लगा। यह देख कर मुझे प्रसन्नता हुई कि जीवन के अन्य क्षेत्रों की भांति ही कानून के क्षेत्र में भी प्रदेश की बेटियां आगे आ रही हैं। मुझे यहां 3 युवतियां मिलीं जिनमें से एक अम्ब की अदालत में नौकरी कर रही थी जबकि 2 अन्य किसी वकील की सहायिका के रूप में काम कर रही थीं। 

मुझे बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के विवाहित जोड़ों में भी तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिस कारण अदालतों में तलाक और खर्च के दावे के लिए किए जाने वाले मुकद्दमों की भरमार होने लगी है। हिमाचल के लोग अच्छे, ईमानदार व मेहनती हैं पर पंजाब की ही भांति यहां के युवा भी विदेशों को जा रहे हैं जिस कारण बुजुर्ग अब अकेले रह रहे हैं। 

कुल मिलाकर जहां अपनी इस यात्रा के दौरान मुझे देवभूमि हिमाचल में हुए विकास की एक झलक देखने को मिली, वहीं पंजाब की टूटी सड़कों के परिणामस्वरूप यात्रियों को होने वाली असुविधा का भी अंदाजा हुआ जिसकी ओर पंजाब सरकार को तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे न केवल लोगों की यात्रा कुछ आसान होगी बल्कि वाहनों की टूट-फूट से होने वाली क्षति तथा प्रदूषण में भी कमी आएगी।—विजय कुमार 


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