‘समाज विरोधी तत्वों द्वारा’‘सरकारी कर्मचारियों पर हमलों में तेजी’

punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 03:14 AM (IST)

आज जहां देश में भ्रष्टाचार, कोरोना महामारी तथा महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, वहीं समाज विरोधी तत्वों द्वारा ऐसी घड़ी में अपनी ड्यूटी निभा रहे सरकारी विभागों के कर्मचारियों पर हमलों का शर्मनाक सिलसिला लगातार जारी है। समाज विरोधी तत्वों के हौसले इतने बढ़ चुके हैं कि वे अपने मार्ग में बाधा बनने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या तक करने से संकोच नहीं करते। इनके द्वारा मात्र 18 दिनों में देश और समाज विरोधी दुष्कृत्यों के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

* 25 मार्च को मेरठ के परीक्षितगढ़ क्षेत्र में अवैध रेत खनन रोकने पहुंची वन विभाग की टीम पर खनन माफिया ने लाठियों से हमला करके वन विभाग के दारोगा सहित कई कर्मचारियों को घायल कर दिया। 
* 04 अप्रैल को भोपाल के ‘काजी कैम्प’ में नाइट कफ्र्यू के दौरान खुली दुकानें बंद करवाने पहुंची पुलिस टीम पर लोगों ने हमला कर दिया और उन पर उबलती हुई चाय की केतलियां उंडेल दीं। मकानों की छतों से महिलाओं ने भी पथराव किया जिससे एक ए.एस.आई. सहित 3 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए। 

* 07 अप्रैल को जलालाबाद के गांव ‘ढाणी अमीर खास’ में पुलिस ने जब कुछ युवकों को अपने ‘बुलेट’ मोटरसाइकिल से पटाखे मारने से रोका तो आरोपियों ने एक ए.एस.आई. और होमगार्ड के जवान की वॢदयां फाड़ डालीं। 
* 08 अप्रैल को हिमाचल के उपमंडल ‘बंगाणा’ की ‘तनोह’ पंचायत में लोक निर्माण विभाग ‘लठियाणी’ के जूनियर इंजीनियर अशोक राज और ग्राम पंचायत प्रधान शकुंतला देवी जब गांव की एक सड़क के नवीनीकरण का निरीक्षण करने पहुंचे तो एक बाप-बेटे ने जे.ई. पर लाठी से हमला करके उसे घायल कर दिया।   
* 09 अप्रैल को कुशीनगर में ‘कप्तानगंज’ के ‘पचार’ गांव में पति-पत्नी का विवाद निपटाने पहुंची पुलिस टीम पर महिला के पति ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए जिससे एक पुलिस कर्मचारी घायल हो गया। 

* 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के पनतापारा में लूट की घटना के संबंध में छापेमारी करने पहुंचे बिहार के किशनगंज जिले के पुलिस अधिकारी अश्विनी कुमार को घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला। उनकी मौत के सदमे में अगले दिन उनकी मां की भी मृत्यु हो गई।
* 10-11 अप्रैल की दरम्यानी रात को जालंधर के मॉडल हाऊस इलाके में नाइट कफ्र्यू के दौरान चैकिंग करने गए ‘भार्गव कैम्प’ के एस.एच.ओ. भगवंत सिंह भुल्लर पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया जिससे उनके नाक की हड्डी टूट गई। 

* 11 अप्रैल को अबोहर में अवैध शराब तस्करों को पकडऩे गई पुलिस की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया, जिससे कुछ पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और लोगों ने पथराव करके डी.एस.पी. की गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए। 
* 11 अप्रैल को ही थाना सदर नाभा के गांव ‘धारोकी’ में ठगी के मामले में भगौड़े आरोपी को गिरफ्तार करने गई पुलिस पार्टी पर आरोपी के परिवार ने हमला कर दिया। इसके परिणामस्वरूप 2 पुलिस कर्मी घायल हो गए।
* 11 अप्रैल वाले दिन ही बिहार के ‘कटिहार’ जिले में पुलिस द्वारा पकड़े गए एक आरोपी को छुड़वाने के लिए गांव वालों ने पुलिस पार्टी पर लाठियों और डंडों से हमला करके एक ए.एस.आई. समेत 4 पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया। 

* 11 अप्रैल को ही ‘चित्रकूट’ में लॉकडाऊन का पालन करवाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों व नगर परिषद की टीम पर लोगों ने हमला करके लगभग आधा दर्जन वाहनों के शीशे तोड़ डाले और 4 कर्मचारियों को घायल कर दिया। 
* 12 अप्रैल को पंजाब सरकार की हिदायतों पर बटाला के निकट गांव ‘पंजगराइयां’ में घर-घर जाकर बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिल करवाने के लिए प्रेरित कर रही अध्यापिका संतोष रानी पर अचानक पीछे से किसी व्यक्ति ने दातर से हमला करके उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि आज समाज विरोधी तत्वों की ऐसी गतिविधियां किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रह कर पूरे देश में हो रही हैं और आम आदमी ही नहीं बल्कि प्रशासन भी इनके हाथों पंगु हो रहा है। 

अत: जब तक ऐसे समाज विरोधी लोगों और उनको शह देने वाले तत्वों का पता लगा कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक अपनी ड्यूटी निभाने वाले कत्र्तव्यपरायण अधिकारियों और कर्मचारियों पर समाज विरोधी तत्वों के हमले इसी प्रकार जारी रहेंगे और बाद में आम आदमी भी इसकी लपेट में आ जाएगा।—विजय कुमार 


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