‘अग्निपथ’ को लेकर बढ़ा रोष योजना पर तुरंत स्पष्टता की जरूरत

punjabkesari.in Friday, Jun 17, 2022 - 05:03 AM (IST)

सेना में युवाओं की भर्ती के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ योजना पेश की है। इसके माध्यम से सेना में प्रतिवर्ष 17.5 वर्ष से 21 वर्ष  आयु के 45,000 युवाओं को 4 वर्ष के लिए सेना में नौकरी का मौका मिलेगा। 

अग्नि वीरों को 30,000 से 40,000 रुपए मासिक वेतन दिया जाएगा और इसका एक हिस्सा कोर फंड में जाएगा। सरकार भी अपनी ओर से उतना ही अंशदान करेगी। 4 वर्ष पूरे होने पर यह रकम लगभग 11-12 लाख रुपए बन जाएगी जो उन्हें रिटायरमैंट पर दे दी जाएगी। 

जहां एक ओर केंद्र सरकार इस योजना को सेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बता रही है, वहीं इसकी घोषणा के अगले ही दिन इसका विरोध शुरू हो गया तथा बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान आदि राज्यों में युवा इसके विरुद्ध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने लम्बा इंतजार किया है और इस अवधि के दौरान लगातार मेहनत करके स्वयं को फिट रखने की कोशिश की परंतु 2 वर्षों से भर्ती न होने के कारण सेना में भर्ती के लिए निर्धारित उनकी आयु भी निकलती जा रही है। इनका कहना है जब इस योजना के तहत 4 वर्ष के लिए भर्ती करने के बाद उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा तो उन्हें दोबारा नौकरी ढूंढनी पड़ेगी। अत: नई योजना रद्द करके सेना में भर्ती की पुरानी प्रक्रिया ही बहाल की जाए। 

बिहार के एक दर्जन से अधिक शहरों में छात्र एवं युवा 15 जून से ही हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां उन्होंने रेलगाडिय़ों पर पथराव व डिब्बों को आग लगाने के अलावा रेल पटरियों में आग लगा दी और रेलवे ट्रैक जाम कर दिए हैं। नवादा में प्रदर्शनकारी युवाओं ने भाजपा विधायक अरुणा देवी की गाड़ी पर हमला कर दिया, जिससे उनका ड्राइवर घायल हो गया। आरा रेलवे स्टेशन खाली करवा लिया गया जहां टिकट खिड़की आदि पर भारी तोडफ़ोड़ की गई है। 

अनेक स्थानों पर सड़क मार्ग भी बाधित किया गया जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन रोक कर प्रदर्शन किया गया। राजस्थान व मध्य प्रदेश में भी युवाओं द्वारा प्रदर्शन करने के समाचार हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भी इस निर्णय के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया। हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी हिंसा भड़क उठी है। पलवल में हुई हिंसा पर 3 जिलों की पुलिस 4 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पा सकी जबकि विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज किया गया। इस फैसले से आहत गांव लिजवाना के एक युवक ने आत्महत्या भी कर ली। 

जहां ‘अग्निपथ’ योजना के विरुद्ध युवाओं का रोष तेज होता जा रहा है वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि ‘‘इस योजना को लेकर युवाओं के मन में अनेक प्रश्र हैं, अत: उन्हें दुविधा की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीति संबंधी तथ्यों बारे अपना पक्ष स्पष्ट करे।’’जहां केंद्र सरकार के इस फैसले से नाराज युवाओं का कहना है कि ऐसा लगता है जैसे सेना में ‘मनरेगा’ शुरू हुआ है। जिस प्रकार मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी है उसी तरह से सेना युवाओं को वीर बनाने के लिए 4 साल की गारंटी दे रही है। 

इसके विपरीत केंद्र सरकार का कहना है कि यह नया मॉडल सशस्त्र बलों के लिए नई क्षमता लेकर आएगा और निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के द्वार भी खोलेगा। शायद इस योजना की आलोचना करने वालों को यह बात ठीक तरह से समझ में नहीं आई है जबकि सरकार का उद्देश्य भारतीय सेना का खर्च कम करना और युवा देश के लिए युवा सेना तैयार करना ही है। जो भी हो, इस मुद्दे को लेकर आंदोलन पर उतरे युवा आंदोलनकारियों को संतुष्ट करने के लिए सरकार इस योजना का तर्कसंगत ढंग से पूर्ण विवरण देकर तथा उनकी शंकाएं तुरंत दूर करके उन्हें संतुष्ट करे ताकि उनमें व्याप्त असंतोष दूर हो व देश में अनावश्यक और तनाव पैदा न हो।—विजय कुमार  


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