हिरासत से हवालातियों की फरारी लगा रही पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह

punjabkesari.in Tuesday, Oct 04, 2022 - 03:20 AM (IST)

जेलों से अदालतों में पेशी या अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाए जाने वाले कैदियों की फरारी और उनके सहयोगियों द्वारा उन्हें पुलिस की हिरासत से निकाल ले जाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो केवल एक माह की निम्न घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 5 सितम्बर को आगरा के एस.एन. मैडीकल कालेज के हड्डी वार्ड में भर्ती कासगंज जिला जेल का कैदी नीरू सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भाग निकला। उल्लेखनीय है कि वह खुद को लाचार दिखाने के लिए बैड पर पड़ा रहता था। वह शौचालय जाने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल करता तथा उठने और बैड पर वापस आने के लिए सुरक्षा कर्मियों की मदद लेता था। इस कारण सुरक्षा कर्मियों को गलतफहमी हो गई थी कि वह भाग नहीं सकता लेकिन उस दिन वह नहाने के बहाने व्हीलचेयर पर बैठ कर शौचालय में गया और बंदी रक्षकों की नजर बचाकर व्हीलचेयर छोड़ कर भाग गया। 

* 8 सितम्बर को पटना के ‘बाढ़’ अदालत परिसर के लॉकअप से एक बैंक लूट कांड में संलिप्त 3 विचाराधीन कैदी जोकि रिश्ते में सगे भाई लगते थे, शौचालय की दीवार तोड़ कर फरार हो गए। इन तीनों पर पूर्व में 2 पुलिस कर्मियों की हत्या का भी आरोप है। 
* 15 सितम्बर को बिहार के ‘बांका’ में अदालत में पेशी के लिए लाया गया अवैध खनन का आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
* 15 सितम्बर को ही बिहार के नवादा सिविल अस्पताल में मैडीकल जांच के लिए लाया गया शराब पीने का आरोपी पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी खोल कर फरार हो गया। 
* 29 सितम्बर को बिहार के वैशाली जिले के ‘सुभाई’ गांव में नकली शराब बनाने वाला एक तथाकथित डाक्टर सुरेश कुमार 2 दर्जन आबकारी अधिकारियों तथा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। 

* 1 अक्तूबर की सुबह राजेंद्रा अस्पताल, पटियाला में इलाज के लिए लाया गया नशा तस्कर अमरीक सिंह एक्स-रे करवाने के लिए ले जाए जाने दौरान पुलिस कर्मियों को चकमा दे कर फरार हो गया। 
* 1 अक्तूबर को ही देर रात कठुआ जिले के अति संवेदनशील राजबाग पुलिस थाना में बंद एक नशा तस्कर मुराद अली उर्फ मुरदू पुलिस हिरासत से फरार हो गया। इस सम्बन्ध में 2 पुलिस कर्मी निलम्बित किए गए हैं। मुराद अली को 28 सितम्बर को 90 ग्राम हैरोइन तथा 1.49 लाख रुपए नकद राशि के साथ गिरफ्तार किया गया था।
* 1 अक्तूबर को ही राजस्थान में ‘रामगढ़ पचवारा’ थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चोरी के 6 शातिर बदमाशों में से 2 अदालत में पेशी के बाद ट्रैफिक जाम का लाभ उठाते हुए पुलिस को चकमा दे कर भाग निकले। 

* और अब 2 अक्तूबर को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल गैंगस्टर लॉरैंस बिश्नोई का साथी गैंगस्टर दीपक उर्फ टीनू मानसा पुलिस की हिरासत से फरार हो गया। 
सिद्धू मूसेवाला कत्लकांड से संबंधित पूछताछ  के लिए उसे मानसा पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर कपूरथला से लेकर आई थी परंतु वह सी.आई.ए. टीम की हिरासत से उस समय फरार हो गया, जब वे मानसा के किसी होटल में पहुंचे। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दीपक उर्फ टीनू को लेकर मानसा पुलिस की टीम होटल क्यों पहुंची थी। 

दीपक उर्फ टीनू के फरार होने के मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करके सी.आई.ए. इंचार्ज एस.आई. प्रितपाल सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जा चुका है तथा टीनू को भगाने की साजिश में शामिल पाए जाने वाले अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। हालांकि हमेशा की तरह उक्त मामलों में भी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है परंतु पुलिस की हिरासत से अपराधियों के फरार होने के ये कोई इक्का-दुक्का मामले नहीं हैं। बंदी अपराधियों का अस्पतालों, अदालतों और पुलिस कर्मचारियों के कब्जे से फरार होना मुख्यत: उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों की चूक और लापरवाही का ही प्रमाण है। 

अत: ऐसी घटनाएं रोकने के लिए अपराधियों के मामलों की सुनवाई या तो जेलों के अंदर वीडियो कांफ्रैंसिंग से की जाए या मूवमैंट के दौरान उन्हें फरार होने से रोकने के लिए पक्के और अचूक प्रबंध किए जाएं। यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो कैदी इसी तरह पुलिस हिरासत से फरार होते रहेंगे। कानून व्यवस्था का मजाक उड़ता रहेगा और अपराधियों के हौसले बुलंद होते रहेंगे।—विजय कुमार 


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