स्कूलों में ‘बायोमैट्रिक हाजिरी’ लगाने का पंजाब सरकार का अच्छा निर्णय

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 03:36 AM (IST)

सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी पर न आने, देर से आने और काम में लापरवाही आम बात हो गई है। इसीलिए उन्हेंं समय का पाबंद बनाने और समय पर हाजिरी लगाने को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सख्ती शुरू की है तथा विभिन्न कार्यालयों में उपस्थिति लगाने के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली लागू की जा रही है। इसी शृंखला में पंजाब शिक्षा विभाग ने स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ में व्याप्त बिना सूचना दिए अनुपस्थित होने और लेट-लतीफी के रुझान पर अंकुश लगाने के लिए 1 अप्रैल से राज्य के सभी 19,000 सरकारी, प्राइमरी, मिडल, हाई एवं सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में बायोमैट्रिक ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। 

पंजाब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को अगले 10 दिनों में इन मशीनों की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी तथा संबंधित शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ये मशीनें मिलने पर अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में इन्हें लगवा कर चालू करवाने की पक्की व्यवस्था करें। पहले चरण में ये मशीनें राज्य के 12,850 सरकारी प्राइमरी स्कूलों, इसके बाद 2660 मिडल स्कूलों, फिर 1738 हाई स्कूलों और 1871 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में लगाई जाएंगी और राज्य के स्कूलों में 1 अप्रैल से मैनुअल अर्थात रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगाई जाएगी। 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इससे स्टाफ के भीतर समयबद्धता की भावना को बढ़ावा देने में सहायता मिलने के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा जिससे अधिक लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने के लिए प्रेरित होंगे। शिक्षा विभाग के अनुसार हालांकि इन मशीनों को सप्लाई करने वाली कम्पनी इनकी देखभाल के लिए जिम्मेदार होगी परन्तु इनके गुम होने, क्षतिग्रस्त होने या इनके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के लिए स्कूल के प्रमुख जवाबदेह होंगे और उन्हें नई मशीन खरीद कर लगवानी होगी। भारी वेतनों के बावजूद सरकारी कर्मचारियों को बिना अनुमति अनुपस्थित रहने या ड्यूटी पर देर से पहुंचने व अपने काम में लापरवाही बरतने पर अंकुश लगाने में बायोमैट्रिक प्रणाली से अवश्य सफलता मिलेगी।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News