नित्यानंद जैसे लोगों को ऐसा दंड दिया जाए जिससे दूसरों को भी सबक मिले

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 12:00 AM (IST)

समय के साथ-साथ चंद बाबाओं की पोल खुल रही है। स्वामी प्रेमानंद, स्वामी सदाचारी, स्वामी भीमानंद, संत आसाराम, गुरमीत राम रहीम, नारायण साई, वीरेंद्र देव दीक्षित, कौशलेंद्र फलाहारी महाराज, मदन दाती (दाती महाराज), सहस्त्रधारा स्थित परमधाम न्यास आश्रम के संचालक चंद्रमोहन महाराज आदि के विरुद्ध बलात्कार व अन्य आरोपों से समाज स्तब्ध है। इसी शृंखला में अब ‘नित्यानंद ध्यानपीठम’ के नाम से देश में अनेक मंदिरों, गुरुकुलों और आश्रमों का संचालन करने वाले और इसके संस्थापक स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद के विरुद्ध अहमदाबाद में 19 नवम्बर को अहमदाबाद पुलिस ने केस दर्ज किया। 

पुलिस ने स्वामी नित्यानंद के विरुद्ध अहमदाबाद में ‘योगिनी सर्वपीठम’ के नाम से अपना आश्रम चलाने के लिए 2 बच्चों का कथित रूप से अपहरण करने और उन्हें बंधक बनाकर रखने के आरोपों में केस दर्ज किया है। बच्चों का आरोप है कि उनके साथ मारपीट की जाती थी। आश्रम से संबंधित साधिकाओं को भी चंदा इकट्ठा करने के लिए मजबूर किया जाता था। पुलिस ने इस सिलसिले में अहमदाबाद आश्रम की 2 संचालिकाओं साध्वी प्राणप्रियानंद और प्रियातत्व को भी गिरफ्तार किया है तथा इससे पूर्व एक साधक ने 19 नवम्बर को अपनी 2 बेटियों को कस्टडी में लेने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी जिस पर अभी सुनवाई होनी बाकी है। कहा जाता है कि गुम हुई एक युवती त्रिनिदाद में है। 

इस बीच बाबा नित्यानंद देश छोड़ कर फरार हो गया है। अपुष्ट समाचारों के अनुसार ऐसा समझा जाता है कि वह त्रिनिदाद एवं टोबैगो या इक्वाडोर में कहीं छुपा हुआ है। पुलिस के अनुसार नित्यानंद कर्नाटक में उसके विरुद्ध बलात्कार का केस दर्ज होने के बाद ही देश छोड़ कर भाग गया था। तमिलनाडु राज्य में जन्मे नित्यानंद का जन्म का नाम ए. राजशेखरन है तथा उसके विरुद्ध अपने आश्रम की शिष्या का 5 वर्ष से अधिक अवधि तक बलात्कार करने के अलावा भी बलात्कार, अप्राकृतिक सैक्स, धोखाधड़ी आदि के आरोप में अनेक केस दर्ज हैं। 

2010 में सन टी.वी. ने नित्यानंद और अभिनेत्री रंजीता का एक सैक्स टेप जारी किया था जिसे नित्यानंद व रंजीता दोनों ने ही फर्जी बताया था। परंतु बाद में नित्यानंद के पूर्व ड्राइवर लेनिन करुप्पन ने ही नित्यानंद और रंजीता के झूठ की पोल खोल दी और कहा कि उसी ने यह वीडियो बनाया था। लेनिन ने यह भी कहा कि वह अपने आपको गुरु का वफादार और सर्मिपित चेला मानता था परंतु जब उसने अपने गुरु को एक अन्य महिला के साथ सोते हुए देखा तो अपने गुरु पर से उसकी निष्ठा उठ गई। 

नित्यानंद ने समय-समय पर अनेक विवादास्पद दावे भी किए। उसने आइंस्टीन के प्रसिद्ध सापेक्षता के नियम संबंधी फार्मूले को गलत बताया और एक बार यह दावा भी किया था कि वह गायों, बैलों, शेरों, बाघों और बंदरों से तमिल और संस्कृत में बातें करवा सकता है। उसने यह दावा भी किया कि एक बार उसने सूर्य को चालीस मिनट तक उदय होने से यह कहते हुए रोक दिया था कि ‘‘जब तक मैं ध्वजारोहण सम्पूर्ण न कर लूं तब तक वह उदय न हो।’’  उसने यह दावा भी किया कि वह अपना रहस्यमय तृतीय नेत्र भी खोल सकता है जिसे आज तक विज्ञान मानव शरीर में तलाश नहीं कर सका। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) ने अहमदाबाद में नित्यानंद के आश्रम के लिए स्कूल की जमीन बिना अनुमति पट्टïे पर देने के मामले में गुजरात शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की है। नि:संदेह भारत साधु-संतों और ऋषि-मुनियों का देश है परंतु आज धर्म की ओट में नित्यानंद जैसे चंद साधु-महात्मा जन आस्था से खिलवाड़ करके पावन संत वेश और संत समाज की बदनामी का कारण बन रहे हैं। 

ऐसे लोग साधु-संतों के नाम पर धब्बा हैं और यदि संत समाज ने ऐसे लोगों के संत समाज में प्रवेश पर अंकुश न लगाया तो साधु-संतों पर से लोगों का विश्वास ही उठना शुरू हो जाएगा। लिहाजा ऐसे लोगों से भी अन्य गंभीर अपराधियों जैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए तथा इस्लामी देशों की भांति ही कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए जिससे दूसरों को भी सबक मिले। जब तक इनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होगा तब तक ये अपनी करतूतों से बाज आने वाले नहीं। इस बारे हमारा सरकार को सुझाव है कि जैसे ही संत समाज के किसी सदस्य के विरुद्ध किसी गंभीर मामले में केस दर्ज हो उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाना चाहिए ताकि वह देश से भाग न सके।—विजय कुमार 


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