लॉकडाऊन की अवधि में सड़कों, पुलों आदि के लंबित निर्माण पूरे किए जाएं

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 02:57 AM (IST)

महाभयानक ‘कोरोना’ पर नियंत्रण पाने के लिए विश्व एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। भारत में भी इक्का-दुक्का अपवादों को छोड़ कर लोग इसका मुकाबला करने के लिए सरकार के निर्देशों का निष्ठïा से पालन कर रहे हैं। चिकित्सा जगत, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों के सदस्यों, समाचारपत्र वितरण व सोशल मीडिया, सफाई कार्य एवं अन्य अनिवार्य सेवाएं प्रदान करने वाले लोगों का भी पूर्ण सहयोग सरकार को मिल रहा है। सरकार ने भी इस पर काबू पाने के लिए न सिर्फ देश में पूरा जोर लगा दिया है बल्कि अमरीका, इसराईल और ब्राजील जैसे ‘विकसित’ देशों की मांग पर उन्हें ‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा के निर्यात की अनुमति भी दे दी है। 

इसके लिए अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प, इसराईल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने भारत का आभार व्यक्त किया है। जायर बोल्सोनारो ने तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा है कि उन्होंने ‘हनुमान की संजीवनी’ भेजी है। जैसे चीन के वुहान शहर को ‘कोरोना’ की कैद से आजादी मिली है वैसे ही चीन के शेष हिस्सों के साथ-साथ भारत और विश्व के अन्य देशों को भी एक दिन इससे मुक्ति मिल ही जाएगी और लोग सामान्य जीवन जी सकेंगे। 

फिलहाल इस महामारी के प्रकोप की समूचे विश्व को प्राण हानि के साथ-साथ भारी आॢथक क्षति के रूप में कीमत चुकानी पड़ रही है और भारतीय  रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने अपनी ‘मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट’ में ‘लॉकडाऊन’ से घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पडऩे की चेतावनी दी है जिससे सारी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में आ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यह संकट अर्थव्यवस्था के भविष्य पर काली छाया के समान है। वर्ष 2019 के अंतिम 3 महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था 6 वर्ष में सबसे धीमी गति से बढ़ी और यह घट कर 5 प्रतिशत रह सकती है जो एक दशक में सबसे कम होगी।’’ इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों से खास तौर से उन क्षेत्रों में जहां कामगार अब भी उपलब्ध हैं, बड़ी राजमार्ग परियोजनाएं फिर से शुरू करने की संभावनाएं तलाश करने के लिए कहा है। 

यह भी चर्चा है कि ‘लॉकडाऊन’ से थमे देश में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए सरकार 14 अप्रैल को ‘लॉकडाऊन-1’ पूरा होने तथा 15 अप्रैल के बाद राजमार्गों को फिर शुरू करने की अनुमति दे सकती है। सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री से कहा है कि जिन क्षेत्रों में ‘कोरोना’ का प्रभाव नहीं है, वहां निर्माण कार्यों पर धीरे-धीरे पाबंदियां हटा ली जाएं क्योंकि देश में बड़े प्रोजैक्ट स्थलों पर अभी भी 50 से 60 प्रतिशत मजदूर रह रहे हैं।’’‘‘उन्होंने अधिकारियों को आॢथक गतिविधियों को पुन: शुरू करने के लिए नए ठेके देने में तेजी लाने के लिए भी कहा है।’’ ‘‘एक बार सड़क निर्माण पुन: शुरू हो गया तो पूरी चेन सक्रिय हो जाएगी। इससे सीमैंट और स्टील उद्योग फिर चलने लगेंगे। अगर सड़क निर्माण कार्य शुरू हो जाते हैं तो देश में कामगारों की समस्याएं भी कुछ कम हो जाएंगी।’’

इस समय जबकि देश में लॉकडाऊन के दौरान दवाइयों और सब्जियों आदि की दुकानें खोलने की सशर्त अनुमति दे दी गई है, नितिन गडकरी की सलाह पर सड़कों, पुलों, रेल पटरियों और निजी तथा सरकारी इमारतों आदि के निर्माण की अनुमति दे देना भी समय की मांग है। चूंकि उक्त सभी गतिविधियों में सामान्यत: ‘डिस्टैंसिंग’ के नियम का स्वत: ही पालन हो जाता है अत: ऐसी गतिविधियां शुरू होने से संक्रमण का खतरा भी शून्य के बराबर ही होगा। 

ऐसा करने से जहां देश के विभिन्न भागों में फंसे हुए और भूख से पीड़ित कामगारों को रोजगार मिलेगा वहीं लॉकडाऊन के कारण भीड़भाड़ आदि न होने से निर्माण कार्य में तेजी भी आएगी और जो काम पहले 2 महीने में होता था वह 15 दिनों में हो जाएगा और कार्य की क्वालिटी भी बेहतर होगी। अत: गडकरी के उक्त प्रस्ताव पर जितनी जल्दी फैसला किया जाए उतना ही अच्छा होगा। इससे न सिर्फ लॉकडाऊन की अवधि का सदुपयोग हो सकेगा बल्कि सड़कों, पुलों, रेल पटरियों आदि की मुरम्मत का लटका आ रहा काम भी पूरा हो सकेगा।—विजय कुमार


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