‘चिंतपूर्णी’ में एक दिन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 01:11 AM (IST)

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध धर्म स्थलों में से एक होने के कारण हिमाचल प्रदेश स्थित चिंतपूर्णी धाम में सारे पंजाब से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए आते हैं। माता के श्रद्धालुओं ने वहां अनेक धर्मशालाएं बनवा रखी हैं जहां श्रद्धालुगण ठहरते हैं। कोई समय था जब पंजाब और हिमाचल में चिंतपूर्णी को जाने वाली सारी सड़कें खराब थीं और ङ्क्षचतपूर्णी धाम की स्थिति भी अच्छी नहीं थी। यहां बुजुर्ग और कमजोर श्रद्धालुओं के लिए लिफ्ट भी नहीं थी। 

कुछ वर्ष पूर्व श्री प्रकाश सिंह बादल को जब मैंने इस बारे लिखा तो उन्होंने पंजाब के हिस्से वाली सड़क ठीक करवा दी और दूसरी ओर हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल ने भी ङ्क्षचतपूर्णी वाली सड़क बनवाने में विशेष दिलचस्पी ली और न सिर्फ सड़क ठीक हो गई बल्कि ङ्क्षचतपूर्णी धाम को जाने वाली सीढिय़ां भी ठीक हो गईं। 

कुछ वर्ष बाद एक बार फिर चिंतपूर्णी गया तो मैंने देखा कि मंदिर का ऊपर का हिस्सा खुला हो गया है और यहां आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाएं भी काफी बढ़ा दी गई हैं। इस रविवार को जब मैं वहां गया तो मैंने देखा कि ‘आशा देवी मंदिर’ से मुबारकपुर तक तो सड़क बीच-बीच में ही टूटी हुई थी परन्तु आगे जाकर भरवाईं से चिंतपूर्णी मंदिर तक तो सारी सड़क ही टूटी हुई थी तथा गड्ढे पड़े थे। इस सड़क की मुरम्मत का कार्य शुरू तो किया गया है परन्तु बीच में ही रुका हुआ है और कहीं-कहीं एक-दो व्यक्ति ही काम करते नजर आए। जहां तक चिंतपूर्णी मंदिर का संबंध है मंदिर तो काफी सुंदर बन गया है परन्तु सफाई का अभाव है। हम जूता उतार कर मंदिर में गए तो वहां बिखरी मिट्टी और कंकर आदि पैरों में चुभने के कारण असुविधा हुई।  इसके मुकाबले में यदि आप स्वर्ण मंदिर जाएं तो वहां इतनी सफाई है कि उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। 

सड़क खराब होने के कारण ङ्क्षचतपूर्णी में पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी की स्मृति में निर्मित धर्मशाला तक पहुंचते-पहुंचते गड्ढïों, ऊबड़-खाबड़  सड़क और धूल-मिट्टïी से परेशान हो गए। चिंतपूर्णी स्थित लाला जगत नारायण धर्मशाला में श्री दुर्गा संकीर्तन चैरीटेबल ट्रस्ट जालंधर द्वारा वल्र्ड कैंसर केयर चैरीटेबल ट्रस्ट की ओर से नि:शुल्क कैंसर जांच का शिविर लगाया गया था जिसमें 516 लोगों की जांच की गई। इनमें 238 पुरुष और 278 महिलाएं थीं। प्रारंभिक अवस्था में ही इसका पता लगाने के लिए विभिन्न टैस्ट किए गए। स्वास्थ्य जांच के दौरान महिलाओं की मैमोग्राफी के 14, गर्भाशय के कैंसर के 12, पुरुषों के गुर्दे के 12 तथा ब्लड कैंसर के 4 संदिग्ध मामले सामने आए जिन्हें विस्तृत चिकित्सा जांच का परामर्श दिया गया है। कैंप में बोन टैस्ट के 230, ओरल स्क्रीङ्क्षनग के 215, ओरल फाइंङ्क्षडग के 9, उच्च शूगर के 80, शूगर के 20, उच्च रक्तचाप के 68 तथा अन्य 15 रोगियों का पता लगाया गया। 

जांच के दौरान वल्र्ड कैंसर केयर चैरीटेबल ट्रस्ट के ग्लोबल एम्बैसेडर श्री कुलवंत सिंह धालीवाल द्वारा यहां मैमोग्राफी तथा विभिन्न प्रकार के टैस्ट करने के लिए मोबाइल जांच वाहन भिजवाए गए थे जिनमें पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग जांच की व्यवस्था थी। यहीं आंखों की जांच का कैंप भी लगाया गया। जिन लोगों की आंखों में खराबी पाई गई है उनका उपचार किया जाएगा तथा 2 सप्ताह बाद उन्हें नि:शुल्क ऐनकें भी दी जाएंगी।

खैर, जब हम वहां से वापस जाने के लिए निकले तो वन-वे होने के कारण मंदिर से भरवाईं तक की सड़क काफी खराब थी। लिहाजा मैं हिमाचल के युवा मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर से अनुरोध करूंगा कि मंदिर को बड़ी मात्रा में चढ़ावा चढ़ता है। अत: यदि ‘आशा देवी मंदिर’ से मुबारकपुर तक और भरवाईं से ङ्क्षचतपूर्णी मंदिर तक की टूटी हुई सड़कें तथा मंदिर तक जाने और आने वाली खस्ताहाल सड़कें ठीक करवा दी जाएं और मंदिर में साफ-सफाई का संतोषजनक प्रबंध कर दिया जाए तो इससे न सिर्फ प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्रदेश की आय में भी वृद्धि होगी।—विजय कुमार


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