उ. कोरिया के तानाशाह ‘किम-जोंग-उन’ की ऊलजलूल हरकतें

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 05:28 AM (IST)

द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति पर अमरीका और सोवियत रूस द्वारा कोरिया को दो भागों में बांट देने के बाद उत्तर व दक्षिण कोरिया अस्तित्व में आए। जहां दक्षिण कोरिया समृद्धि और सफलता की ओर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, वहीं उत्तर कोरिया ‘किम-जोंग-उन’ की अदूरदर्शी, ऊलजलूल और सनकपूर्ण हरकतों के कारण तानाशाही की चक्की में बुरी तरह पिस रहा है। 

उत्तर कोरिया में इस समय देश की 60 प्रतिशत आबादी भूख की शिकार है जबकि इसके परमाणु शस्त्र प्रसार कार्यक्रम के चलते कई देशों द्वारा इस पर लगाए हुए प्रतिबंधों से वहां खाद्य संकट और भी गंभीर होने वाला है। इससे निपटने के एक उपाय के रूप में ‘किम-जोंग-उन’ ने पालतू कुत्ते उनके मालिकों से छीन कर मांस की दुकानों पर बेचने का आदेश दिया है। उसने अपने देश में विदेशी प्रभाव को समाप्त करने के लिए विदेशी फिल्मों आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

सी अप्रैल में चोरी-छिपे दक्षिण कोरियाई फिल्मों और संगीत की सी.डी. तथा यू.एस.बी. स्टिक बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गोली मार दी गई तथा ‘किम-जोंग-उन’ के आदेश से उस व्यक्ति के पूरे पड़ोस को यह दृश्य देखने को मजबूर किया गया। ‘किम-जोंग-उन’ ने गत वर्ष अपनी आॢथक नीतियों की आलोचना करने वाले 5 अधिकारियों को रात्रि भोज पर बुलाकर स्पैशल सेना के जवानों से गोली मरवा दी और उनके परिवारों को भी हिरासत में ले लिया। 

उसके राज में उसने जो कह दिया वही अंतिम है। वहां इंटरनैट पर भी  प्रतिबंध है जिससे लोगों को पता ही नहीं चलता कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में क्या हो रहा है और लोग कैसे रह रहे हैं। ‘किम-जोंग-उन’ भले ही खुद स्टाइलिश हेयर स्टाइल रखता है लेकिन उसने अपने देश की जनता के लिए सरकार द्वारा मंजूरशुदा कुछ हेयर स्टाइल तय कर दिए हैं जिनका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।

पुरुषों को ल बे बाल रखने की अनुमति नहीं है और महिलाओं को किम की पत्नी के हेयर स्टाइल की नकल करने को कहा गया है। उसने देश के सभी स्कूलों में बच्चों को रोजाना 90 मिनट अपनी महानता की कहानी पढ़ाने का आदेश भी दिया है ताकि बच्चे उसे ही अपना आदर्श मानें। उसकी बहन ‘किम-यो-जोंग’ स्वयं इस बात की निगरानी करती है कि स्कूलों में इन आदेशों का पालन हो रहा है या नहीं।

‘किम-यो-जोंग’ भी सनक और क्रूरता में अपने भाई से कम नहीं है। अभी पिछले महीने ही उसने देश में सफाई अभियान शुरू करवाया और इस दौरान उसके आदेश पर एक शीर्ष अधिकारी को गोली मार दी गई जिसके बाद उत्तर कोरिया के अधिकारियों में भय का माहौल है। ‘किम-यो-जोंग’ सत्ता के विरोधियों की सूची भी तैयार करवा रही है। वहां की जेलों में कैदियों को बर्फ से भरे पानी में डाल दिया जाता है। यदि कोई व्यक्ति जेल चला गया तो उसके जिंदा बाहर आने की कोई गारंटी नहीं। वहां जेलों में बंद कैदी अपने लिए मौत की भीख मांगते हैं। वह 240 परमाणु हथियारों तथा बैलिस्टिक मिसाइलों का एक शस्त्रागार बना रहा है जो पश्चिमी देशों को भारी हानि पहुंचा सकती हैं। इस बीच यह आशंका भी व्यक्त की जा रही है कि क्या ‘किम-जोंग-उन’ पाकिस्तान को परमाणु बम बनाने की तकनीक में मदद तो नहीं कर रहा! 

इसके इरादों को लेकर विशेष रूप से दक्षिण कोरिया, अमरीका, जापान आदि ङ्क्षचतित हैं जिन्हें ‘किम-जोंग-उन’ अपना शत्रु मानता है। इसे देखते हुए पाश्चात्य विशेषज्ञों ने कहा है कि 12 लाख सैनिकों की सहायता से देश पर शासन कर रहे इस तानाशाह कीसनक किसी पर भी भारी पड़ सकती है। अत: इस तरह के हालात में सभी को उसके विरुद्ध खड़ा होना चाहिए ताकि उसकी अदूरदर्शी, ऊलजलूल और सनकपूर्ण हरकतों का असर उसके देशवासियों के साथ-साथ दुनिया पर न पड़े।—विजय कुमार


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