नितिन गडकरी की ‘फाइलें दबाने वाले’ अफसरों को ‘बाहर का रास्ता’ दिखाने की चेतावनी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2020 - 11:52 PM (IST)

इस समय जबकि सरकार देश में अनेक समस्याओं से जूझ रही है, गत 22 दिसम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं में फंसी 89,000 करोड़ रुपए की रकम के देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए अपने विभाग के वरिष्ठ अफसरों को विभिन्न परियोजनाओं के काम में तेजी लाने की नसीहत दी थी। 

और अब एक बार फिर 13 जनवरी को उन्होंने अपने मंत्रालय में फाइलें दबाने, काम न करने और परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में बाधक बनने वाले अफसरों को ‘बाहर का रास्ता’ दिखाने की चेतावनी दी है। सड़क सुरक्षा से जुड़े संगठनों के अफसरों की बैठक में श्री गडकरी ने उन्हें तीन दिन के भीतर हर फाइल का निपटारा करने की नसीहत देते हुए कहा,‘‘ऐसे अफसर जो साल-साल भर फाइलें दबाकर बैठे रहते हैं, न तो खुद कोई फैसला करते हैं और न दूसरों को करने देते हैं, उन्हें चिन्हित कर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।’’ 

‘‘ऐसे संवेदनहीन अफसर जो समय पर निर्णय न करके सड़क सुरक्षा से समझौता करते हैं या परियोजना रिपोर्ट में गड़बड़ी या गलत सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ ‘‘किसी भी हालत में ऐसे अफसरों तथा लाल फीताशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसे ही अफसरों के कारण ब्लैक स्पाॉट समाप्त करने जैसी अनेक योजनाएं लटकी हुई हैं। हमने तो सोचा था कि हम सड़क दुर्घटनाएं आधी कर देंगे परन्तु ये तो उलटे बढ़ गई हैं।’’

अफसरों द्वारा फाइलें दबाकर बैठने की प्रवृत्ति से देश को होने वाले नुक्सान के बारे में श्री गडकरी की टिप्पणी बिल्कुल सही है। यह हालत केवल उनके मंत्रालय में ही नहीं, देश के लगभग सभी सरकारी विभागों में व्याप्त है और अब तो यह बुराई निजी प्रतिष्ठानों में भी आती जा रही है।

अत: सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में फाइलें दबाकर बैठने वाले अफसरों के विरुद्ध ऐसा ही रवैया अपनाने और उस पर अमल करने की जरूरत है। इससे उनमें जवाबदेही की भावना बढ़ेगी तथा समय पर सब काम होने से देश तेजी से विकास करेगा।                 —विजय कुमार


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