‘महिलाओं के लिए शराब की दुकानें’ मध्य प्रदेश में गांधी जी के सिद्धांतों की हत्या

punjabkesari.in Tuesday, Mar 10, 2020 - 12:40 AM (IST)

आज समूचे देश में शराब और अन्य नशों का सेवन लगातार बढ़ रहा है और उसी अनुपात में अपराध भी बढ़ रहे हैं। शराब के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में महिलाओं के सुहाग उजड़ रहे हैं, बच्चे अनाथ हो रहे हैं और देश की युवा पीढ़ी को नशों का घुन खोखला कर रहा है। शराब के दुष्प्रभावों को देखते हुए ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पराधीनता के युग में घोषणा की थी कि ‘‘यदि भारत का शासन आधे घंटे के लिए भी मेरे हाथ में आ जाए तो मैं शराब की सभी डिस्टिलरियों और दुकानों को बिना मुआवजा दिए ही बंद कर दूंगा।’’ 

यही नहीं गांधी जी ने महिलाओं को भी स्वाधीनता आंदोलन से जोड़ा और देश के कोने-कोने में महिलाओं ने छोटे दूध पीते बच्चों तक को गोद में लेकर शराबबंदी की मांग के साथ-साथ विदेशी कपड़ों की होली जलाई और अनेक महिलाओं ने 2-2, 3-3 वर्ष की कैद भी काटी थी। अब उन्हीं महात्मा गांधी की नामलेवा और 15 वर्ष बाद मध्य प्रदेश में सत्ता में आई कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने का फैसला लिया है ताकि महिलाएं भी बिना किसी समस्या के शराब खरीद सकें। सरकार के अनुसार शुरू में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एक-एक दुकान खोली जाएगी और इन सभी दुकानों पर ‘महिलाओं के पसंदीदा’ वाइन तथा व्हिस्की के ब्रांड्स उपलब्ध होंगे। 

महिलाओं द्वारा सेवन की जाने वाली शराब की क्वालिटी बढिय़ा रहे इसलिए सिर्फ विदेशी शराबें ही इन दुकानों पर बेची जाएंगी। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, ‘‘ये दुकानें राज्य में महंगी शराब का बाजार खोलने का काम भी करेंगी तथा इनमें वे विदेशी ब्रांड बेचे जाएंगे जो पहले राज्य में कभी नहीं बेचे गए थे। राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार इंदौर, भोपाल व ग्वालियर में ‘वाइन फैस्टीवल’ भी आयोजित करेगी।’’गांधी की नामलेवा कांग्रेस सरकार द्वारा उनके आदर्शों को तिलांजलि देकर महिलाओं के लिए शराब की दुकानें खोलना और राजस्व बढ़ाने के लिए ‘वाइन फैस्टीवल’ आयोजित करना शर्मनाक और गांधी जी के सिद्धांतों की हत्या करने के ही अनुरूप है।—विजय कुमार  


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