विदेशी नशा तस्कर गिरोहों के जाल में फंसा भारत

punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 02:42 AM (IST)

देश में भारतीय नशा तस्करों के अलावा बड़ी संख्या में वैध-अवैध रूप से यहां रह रहे विदेशी नशा तस्करों का जाल फैल गया है जो यहां अपराधों को बढ़ावा देने के अलावा देश के युवाओं का जीवन नष्ट कर रहे हैं : 

* 8 और 10 सितम्बर को दिल्ली पुलिस ने एक नाईजीरियन सहित 2 तस्करों से 16.6 किलो नशीले पदार्थ जब्त किए। 
* 21 सितम्बर को मुम्बई के छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो पर अधिकारियों ने जोहान्सबर्ग से इलाज के बहाने भारत आई 2 विदेशी महिलाओं के कब्जे से 24.76 करोड़ रुपए मूल्य की 5 किलो हैरोइन पकड़ी।
* 22 सितम्बर को केरल के कोझीकोड के ‘कारीपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो’ पर जाम्बिया की एक महिला से 5 किलो हैरोइन जब्त की गई। 

* 22 सितम्बर को ही गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपए मूल्य की 3,000 किलो हैरोइन बरामदगी के सिलसिले में 1 उज्बेक तथा 4 अफगान नागरिकों सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया। 
* 24 सितम्बर को मुम्बई हवाई अड्डो के अधिकारियों ने जाम्बिया से आई एक महिला से 18 करोड़ रुपए की 3.5 किलो हैरोइन बरामद की।
* 25 सितम्बर को कर्नाटक पुलिस ने बेंगलूरू में एक विदेशी नागरिक से 2.5 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए।  
* 10 अक्तूबर को मुम्बई में एक नाईजीरियाई नागरिक से ‘एक्सटेसी’ नामक 40 नशीली गोलियां बरामद की गईं। 
* 11 अक्तूबर को मुम्बई के गोवंडी इलाके में एक नाईजीरियाई नागरिक  के कब्जे से 35 लाख रुपए मूल्य की ‘मेफेड्रिन’ तथा कोकीन पकड़ी।

भारत में रह रहे विदेशियों द्वारा नशा तस्करी के ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं जबकि वास्तव में इस धंधे में शामिल विदेशियों की संख्या बहुत अधिक है। मुम्बई के कस्टम अधिकारियों का कहना है कि पहले सबसे ज्यादा कोकीन की तस्करी होती थी परंतु अब हैरोइन की हो रही है जिसके लिए देशी-विदेशी नशा तस्कर गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले पुरुषों और महिलाओं को कोरियर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। हाल ही के महीनों में दिल्ली पुलिस ने नशा तस्करी में संलिप्त 250 से अधिक विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार करने के बाद जेल में बंद किया है। अत: विभिन्न जांच एजैंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि भारत में सक्रिय विदेशी नशा तस्करों को उनके देश तुरंत भेजने के लिए देश से निर्वासन की नीतियों में तुरंत बदलाव करने की जरूरत है।—विजय कुमार    


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