अमरीका में गन कल्चर व गोलीबारी का सिलसिला रुकना मुश्किल लगता है!

punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 04:04 AM (IST)

अमरीका में गोलीबारी और हिंसा की घटनाएं लगातार जारी हैं और देश के लगभग सभी राज्य समान रूप से इसकी चपेट में आए हुए हैं। स्थिति की गंभीरता का अनुमान तो इसी से लगाया जा सकता है कि अमरीका में गत वर्ष 3 करोड़ 89 लाख बंदूकें बिकी हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला खरीदार भी शामिल हैं जो अपनी सुरक्षा को खतरे के दृष्टिगत बंदूकें खरीद रही हैं। 

यह भी विडम्बना ही है कि अमरीका के टैक्सास, न्यूयार्क और कैलीफोर्निया  में हाल ही में हुई सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं और इनके विरुद्ध प्रदर्शनों के बीच 23 जून को अमरीका की सुप्रीम कोर्ट ने न्यूयार्क के उस कानून  को रद्द कर दिया है जिसके अंतर्गत सार्वजनिक जगहों पर अपनी आत्मरक्षा के लिए अपने पास रखे हथियारों पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया था। अदालत ने 6:3 के बहुमत के फैसले से न्यूयार्क के 108 वर्ष पुराने कानून को बरकरार रखते हुए निचली अदालत का फैसला रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की जज क्लेरेंस थामस ने अपने फैसले में लिखा है कि : 

‘‘न्यूयार्क आत्मरक्षा के लिए गन लेकर चलने की अनुमति मांगने वाले आवेदकों को सार्वजनिक रूप से गन लेकर चलने का लाइसैंस जारी करता है क्योंकि राज्य की यह लाइसैंसिंग व्यवस्था संविधान का उल्लंघन करती है।’’ यह पहला अवसर है जब सुप्रीम कोर्ट ने निजी रूप से गन रखने के संवैधानिक अधिकार को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह अधिकार सार्वजनिक स्थानों पर हथियार ले जाने की अनुमति भी देता है। 

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा है कि,‘‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम लोगों तथा संविधान के हित में नहीं है तथा इससे आगे चल कर सभी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।’’  इसके साथ ही उन्होंने इस दौरान सभी अमरीकी राज्यों से अपने यहां बंदूक नियंत्रण कानून कुछ सीमा तक बनाए रखने की अपील भी की है। अमरीका की सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में आया है जबकि इस वर्ष अभी तक अमरीका में सामूहिक गोलीबारी की 200 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें से स्कूलों में ही गोलीबारी की 27 घटनाएं हुई हैं। 

* 16 जून को अलबामा प्रांत के ‘वेस्ताविया हिल्स’ इलाके के एक चर्च में गोलीबारी के कारण 3 लोगों की मौत तथा अनेक लोग घायल हो गए।
* 17 से 20 जून के बीच राजधानी वाशिंगटन डी.सी. तथा अन्य स्थानों पर सामूहिक गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं में 17 लोगों की मृत्यु तथा 5 दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। 
* 22 जून को मैरीलैंड राज्य में भारतीय मूल के एक व्यक्ति के सिर में गोली मार कर तथा इसी दिन सान फ्रांसिस्को में एक रेलगाड़ी में एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या तथा एक अन्य को घायल कर दिया गया। 

इस तरह के हालात के बीच कुछ ही समय पूर्व अमरीका में टैक्सास के ‘उवाल्दे’ शहर तथा अन्य स्थानों पर गोलीबारी की घटनाओं के बाद अमरीकी संसद ने बंदूक नियंत्रण विधेयक पारित किया था परंतु अमरीकी सीनेट में इसके कानून बनने की संभावना न के बराबर ही है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या यह विधेयक सीनेट में जा भी पाएगा क्योंकि इसके विरोध पर अड़े हुए विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य अमरीका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाओं पर रोक लगाने के प्रयास को विफल करते आ रहे हैं। 

फिर भी, इस विधेयक से डैमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को नवम्बर में मतदाताओं के समक्ष पेश करने के लिए बंदूक नियंत्रण सम्बन्धी एक नीति बनाने का मौका मिलेगा। सदन की एक समिति में हाल ही में हुई गोलीबारी की घटनाओं के पीड़ितों तथा परिवार के सदस्यों की हृदय विदारक गवाही के बाद यह विधेयक पारित किया गया है। इन गवाहों में ‘उवाल्दे’ के एलीमैंट्री स्कूल में पढऩे वाली 11 वर्ष की एक बच्ची ‘मियाह सेरिलो’ भी शामिल थी जिसने अपने मृत सहपाठी का खून अपने शरीर पर लगा लिया था ताकि वह हत्यारे द्वारा गोली मारे जाने से बच जाए। 

अमरीका में बढ़ रही ‘बंदूक संस्कृति’ के पीछे जहां वहां की मजबूत गन लॉबी का रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन और आॢथक सहायता देना है, वहीं अमरीकी संसद में रिपब्लिकनों का दबदबा भी है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट की जिस पीठ ने 6:3 के अंतर से बंदूक रखने के अधिकार के पक्ष में फैसला सुनाया है उसमें भी बहुमत रिपब्लिकन विचारधारा के जजों का ही है। इसके अलावा लोगों में बढ़ रही असहिष्णुता और आसानी से हथियारों की उपलब्धता का दुष्परिणाम दुखद घटनाओं के रूप में निकल रहा है जिस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है। अमरीका जैसे लोकतांत्रिक देशों में ऐसा होना अत्यंत दुखद है।—विजय कुमार 


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