सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों,थानों,मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की जाए

punjabkesari.in Wednesday, Jun 02, 2021 - 04:32 AM (IST)

हम शुरू से ही लिखते आ रहे हैं कि हमारे मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों को अपने राज्यों में सड़क मार्ग से यात्रा करते समय मार्ग में पडऩे वाले स्कूलों, अस्पतालों एवं सरकारी दफ्तरों में अचानक छापे मारने चाहिए ताकि उन्हें वहां की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। 

हमारे सुझाव पर 2010 में यह अभियान पंजाब में शुरू किया गया। 2012 में पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री दलजीत सिंह चीमा के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा स्कूलों में छापे मारकर लंबी छुट्टी लेकर विदेशों में बैठे 1200 अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई करके 148 से अधिक अध्यापकों की सेवाएं समाप्त की गई थीं। अब कुछ समय से इसमें तेजी आई है तथा अनेक राज्यों की सरकारों ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को सरकारी कार्यालयों, पुलिस थानों, अस्पतालों, मैडिकल स्टोरों आदि के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए हैं जिनके सार्थक नतीजे सामने आ रहे हैं जो मई माह में मारे गए छापों से स्पष्ट हैं : 

* 3 मई को हलद्वानी में क र्यू के दौरान शहर की व्यवस्था जांचने पहुंचे आई.जी. अजय रौतेला और एस.एस.पी. प्रीति प्रियदर्शनी ने विभिन्न थानों का दौरा करके सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया और इस दौरान कुसुम खेड़ा मोड़ पर ड्यूूटी देने की बजाय मोबाइल पर गेम खेलते पकड़े गए 3 पुलिस कर्मचारियों को निलबिंत कर दिया गया। 

* 4 मई को कुन्नूर जिले के कलैक्टर ने स्थानीय सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और एमरजैंसी ड्यूटी पर लगाए गए 2 डाक्टर अनुपस्थित पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
* 8 मई को अमृतसर नगर निगम की आयुक्त कोमल मित्तल ने 2 क्लर्कों को ड्यूटी के दौरान कार्यालय से गायब पाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया।
* 16 मई को श्रीनगर के डिप्टी कमिश्रर मोहम्मद एजाज असद ने दवाओं की दुकानों पर औचक छापेमारी के दौरान 8 दुकानों के हिसाब-किताब, दवाओं के रख-रखाव और सफाई व्यवस्था में अनियमितता पाने पर उन्हें सील कर दिया। 

* 18 मई को दिल्ली के खाद्य और आपूॢत मंत्री इमरान हुसैन ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में उचित मूल्य की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बंद पाई गई 3 दुकानों के संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा दुकानों को नियमित रूप से खोलना यकीनी बनाने के निर्देश दिए।
* 21 मई को मेरठ के नगर आयुक्त मनीष बंसल ने नगर की सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण करके अनेक सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी से अनुपस्थित पाए जाने पर 4 सुपरवाइजरों का वेतन काटने का आदेश दिया। 

* 23 मई को ड्रग कंट्रोल टीम ने जयपुर के बड़े अस्पतालों में स्थित व अन्य मैडीकल स्टोरों के निरीक्षण में कई अनियमितताएं पाए जाने पर 2 से 15 दिनों के लिए उनके लाइसैंस रद्द कर दिए।
* 25 मई को उन्नाव में जिला मैजिस्ट्रेट ने राशन की 2 दुकानों का औचक निरीक्षण करके बंद पड़ी एक दुकान का लाइसैंस रद्द कर दिया।
* 26 मई को बलिया के मु य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने दुबहड़ स्थित सामुदायिक विकास केन्द्र के औचक निरीक्षण के दौरान हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके फरलो मार गए 2 कर्मचारियों को मौके पर ही निल िबत कर दिया। 

* 31 मई को गाजियाबाद के एस.डी.एम. ने धौलाना तहसील कार्यालय के औचक निरीक्षण के दौरान बिना छुट्टïी स्वीकार करवाए अनुपस्थित पाए जाने वाले 6 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
* 31 मई को विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने नगर निगम यमुनानगर की इंजीनियरिंग ब्रांच का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हाजिरी लगाने के बाद ड्यटी से गायब पाए गए 3 जे.ई. और 2 एम.ई. के विरुद्ध उचित कार्रïवाई करने के निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह को निर्देश दिए।
* 31 मई को कैथल में जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला सत्र न्यायाधीश नरेश कत्याल ने वृद्ध आश्रम और बाल उपवन का औचक निरीक्षण करके महामारी के दौरान सुरक्षा प्रबन्धों की जानकारी ली। 

बेशक सरकारी विभागों में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए छापेमारी का सिलसिला सराहनीय है परंतु एक निश्चित कार्यशैली निर्धारित करके सुनियोजित ढंग से इन्हें और तेज करने तथा नियमित रूप से जारी रखने की आवश्यकता है। जितने अधिक छापे मारे जाएंगे, सरकारी स्टाफ में उतनी ही मुस्तैदी आएगी, हाजिरी सुधरेगी जिससे आम लोगों व जनता को कुछ राहत प्राप्त होगी। इसके साथ ही जिन राज्यों में औचक छापेमारी नहीं की जा रही है, वहां भी इसे  शुरू करना चाहिए ताकि वहां के लोगों को भी राहत मिले।—विजय कुमार  
 


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