वतन की सुरक्षा खतरे में है देश भर में बरामद हो रहा तबाही का सामान

punjabkesari.in Friday, May 06, 2022 - 03:38 AM (IST)

हमारी तरक्की से जलने वाली ताकतें हमारे यहां तबाही मचाने के लिए लगातार देश के ओर-छोर में घातक हथियार और विस्फोटक भिजवा रही  हैं। इस महीने के केवल पांच दिनों में ही सामने आए निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है कि स्थिति कितनी गंभीर हो रही है : 

* 1 मई को मिजोरम के आईजोल जिले में सुरक्षा बलों ने 4 लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 3 बंदूकें, 5 राइफलें, जिलेटिन की 3000 छड़ें और 100 किलो गोला-बारूद जब्त किया। 
* 1 मई को ही झारखंड के चाइबासा जिले में माओवादियों के विरुद्ध अभियान के दौरान टोंटो थाना क्षेत्र के ‘मटकुलोर’ के जंगलों से 5-5 किलो के 3 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आई.ई.डी.) बरामद किए गए। 
* 3 मई को अरुणाचल प्रदेश के ‘चांगलांग’ जिले के जंगलों मेें सुरक्षा बलों ने एक प्रतिबंधित गिरोह द्वारा छिपा कर रखे 4 कारतूसों सहित एक ए.के. 56 राइफल, 2 एस.बी.एम.एल. बंदूकें, तीन कारतूसों सहित एक पिस्तौल और तरल विस्फोटकों से भरी हुई बोतल जब्त की। 

* 4 मई को बी.एस.एफ. की 48वीं बटालियन ने जम्मू-कश्मीर में साम्बा जिले की सीमा पर पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियां करने के लिए ‘चक फकीरा’ में तारबंदी के नीचे से खोदी गई लगभग 150 मीटर लम्बी एक सुरंग का पता लगाया। जीरो लाइन से कुछ ही दूरी पर इस सुरंग का दूसरा मुहाना अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तान क्षेत्र में है। 

सीमा पार लगाई गई तारबंदी का सुरक्षा घेरा तोडऩे में नाकाम पाकिस्तान अब साम्बा जिले की भौगोलिक स्थितियों का घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। सरकंडों की आड़ और रेतीली व दोमट मिट्टी के नीचे सुरंग खोदकर आतंकी भेजे जा रहे हैं। चक फकीरा पोस्ट के पास मिली सुरंग की भौगोलिक स्थिति भी ऐसी ही है। यहां भी रेतीली और दोमट मिट्टी के टीले हैं जहां पानी का रिसाव होने का खतरा नहीं होता। इससे पूर्व 29 अगस्त, 2020 को चक फकीरा पोस्ट से 3 किलोमीटर दूर बैनगलाड में, 22 नवम्बर, 2020 को साम्बा सीमा पर ही रिगाल के निकट तथा जनवरी, 2021 में कठुआ के हीरानगर में सुरंगें पकड़ी जा चुकी हैं। 

घुसपैठ के लिए सुरंगों के निर्माण में पाकिस्तानी सेना अत्यंत पेशेवर इंजीनियरों को काम पर लगा रही है तथा इनके लिए ऐसे स्थान चुने जाते हैं जहां खुदाई आसान और जल रिसाव का खतरा न हो। कठुआ व साम्बा में अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पर पाकिस्तान के ओवर ग्राऊंड वर्करों का नैटवर्क भी सक्रिय है जो बाहरी आतंकवादियों की हर तरह की मदद करते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सुरंग खोदने से लेकर घुसपैठ के बाद आतंकियों को ठिकानों तक पहुंचाने में यह नैटवर्क काम कर रहा है। 

* और अब 5 मई को हरियाणा पुलिस ने करनाल जिले के बस्ताड़ा टोल प्लाजा के निकट दिल्ली की ओर जा रहे 4 संदिग्ध आतंकवादियों गुरप्रीत, अमनदीप, परमिंद्र ओर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं  जिन्हें ये चारों फिरोजपुर से नांदेड़ (महाराष्ट्र) लेकर जा रहे थे, जहां से इन्हें तेलंगाना के आदिलाबाद भेजना था। पुलिस के अनुसार इसमें 1 देसी पिस्तौल, 31 जिंदा कारतूस, अढ़ाई-अढ़ाई किलो वजन के विस्फोटकों के 3 कंटेनर शामिल हैं। इनके कब्जे से 1 लाख 30 हजार रुपए भी बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार पाकिस्तान में रहने वाला ‘बब्बर खालसा’ का आतंकवादी हरजिंद्र जिंदा उन्हें विस्फोटक सामग्री पहुंचाता था और फोन पर लोकेशन भेजकर अमुक जगह पर रखने के लिए कहता था जिसके बदले में इन युवकों को भारी रकम मिलती थी। 

संदिग्धों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाहन में और विस्फोटक होने की आशंका के दृष्टिïगत पुलिस ने इसकी तलाशी के लिए रोबोट की सहायता ली। इनके पास से इतनी गोलियां और बारूद मिला है जिससे ये लोग अनेक स्थानों पर रक्तपात की बड़ी घटनाएं कर सकते थे। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में इमरान सरकार के सत्ताच्युत होने के बाद वहां भारत विरोधी गतिविधियां तेज हो गई हैं और चीन भी यही चाहता है कि भारत में अशांति का माहौल बने। 

मात्र 5 दिनों के भीतर सामने आई उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि देशद्रोही ताकतें किस प्रकार भारत में तबाही मचाने के लिए लगातार षड्यंत्र रच रही हैं। यह तो सुरक्षा बलों की मुस्तैदी का परिणाम है जो लगातार इनके घिनौने षड्यंत्र विफल करते आ रहे हैं और इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। यदि ये तत्व अपने मकसद में सफल हो जाते तो न जाने देश में कितनी तबाही मचा सकते थे। लिहाजा इनकी न रुकने वाली करतूतों को देखते हुए सुरक्षा बलों को और मुस्तैदी बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही जरूरत इस बात की भी है कि पकड़े गए आरोपियों के विरुद्ध जल्द से जल्द जांच और अदालती कार्रवाई पूरी करके उन्हें ऐसी कठोर सजा दी जाए कि इस तरह के अपराधों में शामिल दूसरे लोग ऐसा करने का साहस न कर पाएं।—विजय कुमार 


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