‘हर्ष फायरिंग’, ‘मृत्यु भोज’ व ‘ट्रैक्टरों के स्पीकरों’ पर रोक लगाने के ‘अच्छे निर्णय’

punjabkesari.in Tuesday, Apr 30, 2019 - 03:28 AM (IST)

कुछ ऐसी बुराइयां हैं जिन्हें परस्पर सहयोग और सहमति से दूर करके समाज में होने वाली अनेक अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकता है। इनमें हर्ष फायरिंग से होने वाली मौतें, मृत्यु भोज पर किया जाने वाला खर्च तथा ट्रैक्टरों पर स्पीकरों के इस्तेमाल से दुर्घटनाओं का खतरा आदि शामिल हैं। अकेले हर्ष फायरिंग से ही होने वाली मौतों या लोगों के घायल होने से खुशी के गम में बदलने के चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

11 अप्रैल को बिहार के आरा में एक विवाह समारोह में नाच के दौरान फायरिंग में 14 वर्षीय बच्चे की मृत्यु हो गई। 19 अप्रैल को झांसी में बारात में हुई हर्ष फायरिंग के चलते एक युवक की मृत्यु ने शादी की खुशियों को मातम में बदल दिया। 20 अप्रैल को बदायूं के इस्लाम नगर में विवाह समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग के परिणामस्वरूप एक व्यक्ति मारा गया। 21 अप्रैल को मेरठ के कलंजरी गांव में घुड़चढ़ी के दौरान हर्ष फायरिंग में एक 5 वर्षीय बच्ची की आंख में गोली लगने से उसकी मृत्यु हो गई। 

21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बारात के प्रस्थान करने की खुशी में की गई फायरिंग के दौरान एक महिला मारी गई। 23 अप्रैल को शादी समारोह के दौरान छत पर बैठी किशोरी के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गई। 23 अप्रैल को ही पटना के फुलवारी शरीफ में एक विवाह समारोह में हर्ष फायरिंग के परिणामस्वरूप एक फोटोग्राफर मारा गया। 25 अप्रैल को प्रयागराज के दलीपुर गांव में एक प्रीतिभोज के दौरान हर्ष फायरिंग में एक 12 वर्षीय बालक गोली लगने से गंभीर घायल हो गया। 26 अप्रैल को मेरठ के गंगानगर में एक सगाई समारोह में हर्ष फायरिंग के दौरान दूसरे मकान की छत पर खड़ी एक युवती गोली लगने से घायल। 

26 अप्रैल को ही नंदग्राम में विवाह समारोह में हर्ष फायरिंग के दौरान दूल्हे के भाई के सिर पर गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 26 अप्रैल को बिहार के औरंगाबाद में तिलक समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में एक 20 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई। हर्ष फायरिंग में होने वाली मौतों और अन्य सामाजिक कुरीतियों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में हरियाणा की कंदेला पंचायत तथा माजरा की खाप पंचायत ने कुछ सुधारवादी निर्णय लिए हैं : 

कंदेला पंचायत ने हर्ष फायरिंग करने या शादी-विवाह में हथियार लेकर आने पर प्रतिबंध लगाने तथा उल्लंघन करने पर एक लाख रुपए जुर्माने का प्राïवधान करने के अलावा कुछ अन्य प्रस्ताव पारित किए हैं। इनमें गांव की सीमा में ट्रैक्टर और किसी अन्य वाहन पर म्यूजिक सिस्टम चलाने तथा लाऊड स्पीकर द्वारा वस्तुएं बेचने पर रोक लगाना शामिल है। मृत्यु भोज देने पर भी रोक लगाई है परन्तु शोक संतप्त परिवार अपने रिश्तेदारों को खाना खिला सकता है। इसके अलावा गांव में कन्या संतान को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। गांव के सरपंच अजमेर सिंह के अनुसार किसी भी व्यक्ति को गांव में शराब बेचता पाए जाने पर पहली बार 21,000 रुपए और दूसरी बार पकड़े जाने पर 31,000 रुपए जुर्माना किया जाएगा। ट्रैक्टर पर म्यूजिक सिस्टम चलाने पर 5,000 रुपए जुर्माना होगा जो अगली बार पकड़े जाने पर बढ़ा कर 11,000 रुपए कर दिया जाएगा। गांव की सीमा में लाऊडस्पीकर से सामान बेचने वालों को 1100 रुपए जुर्माना होगा। 

अजमेर सिंह के अनुसार माता-पिता की मृत्यु पर मृत्यु भोज देने की बजाय जीवित रहते उनकी सेवा करना ज्यादा अच्छा है। इसी प्रकार माजरा खाप, जिसके अंतर्गत 14 पंचायतें आती हैं, ने भी शादी-विवाह और खुशी के अन्य मौकों पर डी.जे. न बजाने, दहेज नहीं लेने, मृत्यु भोज आयोजित नहीं करने तथा दाह संस्कार पर रिश्तेदारों को नहीं बुलाने का बड़ा फैसला लिया। मृत्यु भोज, हर्ष फायरिंग और ट्रैक्टरों पर स्पीकर लगाने जैसी बुराइयों पर रोक लगाने और कन्या संतान को प्रोत्साहन देने संबंधी उक्त पंचायतों के निर्णय सराहनीय हैं जिन पर अन्य पंचायतों को भी अमल करना चाहिए और ऐसा करने वाली पंचायतों को सरकार द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित करना चाहिए। इससे समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों को समाप्त करने में कुछ सहायता अवश्य मिलेगी।—विजय कुमार


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