भारतीय जेलों में गैंगवार, नशे की तस्करी, आत्महत्याओं आदि का सिलसिला लगातार जारी

punjabkesari.in Sunday, Apr 03, 2022 - 05:40 AM (IST)

भारतीय जेलों में कैदियों से मोबाइल फोन बरामद होना तो आम बात हो गई है, इसके अलावा गैंगवार में हत्या, आत्महत्याएं और नशों आदि की बरामदगी भी लगातार जारी है। यह समस्या कितना गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यह मात्र एक माह के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है :

* 3 मार्च को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में सजा काट रहे एक गैंगस्टर से तलाशी के दौरान 3.50 ग्राम नशीला पाऊडर बरामद हुआ।
* 9 मार्च को तिहाड़ जेल में कैदियों द्वारा पहली बार स्पीड पोस्ट से मंगवाई गई चरस, गांजा और तम्बाकू की खेप पकड़ी गई। 
* 12 मार्च को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में बंद कैदी को जूतों के नीचे छिपा कर 10 ग्राम नशीला पदार्थ देने आई महिला को पकड़ा गया। 

* 24 मार्च को दुर्ग स्थित सैंट्रल जेल में गोपाल उर्फ ‘ठुठवा’ नामक कैदी की आपसी रंजिश के चलते हत्या कर दी गई।
* 24 मार्च को फरीदकोट जेल में कैदी से 18.22 ग्राम नशा पकड़ा गया।
* 25 मार्च को सैंट्रल जेल गुरदासपुर में कैद की सजा काट रही महिला ने बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। 

* 29 मार्च को अमृतसर जेल के टावर नंबर 4, 5 के निकट 55 बंडल सिगरेट और 6 बंडल तम्बाकू बरामद हुए। 
* 30 मार्च को लुधियाना सैंट्रल जेल प्रशासन ने जेल में फैंके गए 14 मोबाइल, 3000 नशीली गोलियां, तम्बाकू की 55 पुडिय़ां कब्जे में लीं।
* 1 अप्रैल को लुधियाना सैंट्रल जेल में किसी बात को लेकर आपस में मारपीट के परिणामस्वरूप 4 कैदी गंभीर घायल हो गए।
* 1 अप्रैल को ही उक्त जेल में बंद हवालाती कुलविंद्र कुमार उर्फ बिल्ला पर एक ज्वैलर को फोन पर हत्या की धमकी देने और फिरौती मांगने के आरोप में केस दर्ज करके उसका मोबाइल जब्त किया गया।

स्वतंत्रता के बाद से देश में जेलों के सुधार के लिए अनेक कमेटियां गठित की गईं परंतु सभी के सुझाव ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के कारण जेलों का लगातार बुरा हाल होता गया। बड़ी संख्या में मुकद्दमे लंबित रहने के कारण भी जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 

अत: जहां मुकद्दमों के जल्दी निपटारे के लिए अदालतों में जजों के खाली पद बिना देर किए भरना तथा नई जेलों का निर्माण जरूरी है, वहीं गैंगवार, नशों और हथियारों की तस्करी, जेल में रह कर बाहर धंधा चलाने जैसी बुराइयां रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंधों तथा जेलों में मोबाइल आदि ले जाने और इनका इस्तेमाल रोकने के लिए तुरंत जैमर लगाना भी जरूरी है।—विजय कुमार


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