रसोई गैस, पैट्रोल-डीजल महंगे होने से आम लोगों का बजट अस्त-व्यस्त

punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 04:26 AM (IST)

देश में इन दिनों रसोई गैस, पैट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार होने वाली बढ़ौतरी से लोगों की मुश्किलों में वृद्धि होती जा रही है। महंगी होती जा रही बिना सबसिडी वाली रसोई गैस ने आम लोगों के घरों का बजट बिगाड़ दिया है। अभी 18 अगस्त को ही इसकी कीमतों में 25 रुपए 50 पैसे की वृद्धि कर दी गई। पिछले लगभग 2 महीनों में दूसरी बार रसोई गैस की कीमत में वृद्धि की गई है और इस वर्ष 1 जनवरी से 17 अगस्त तक इसकी कीमत 165 रुपए बढ़ाई जा चुकी है। 

इस वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते मार्च और अप्रैल में पैट्रोल तथा डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी जिस कारण उस दौरान कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद इनके दाम स्थिर रहे परंतु 4 मई से इनकी कीमतें फिर बढऩे लगीं। इस कारण पिछले 42 दिनों में पैट्रोल 11.52 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल की कीमतों में 9.08 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। हालांकि गत 2 दिनों में डीजल की कीमतों में 60 पैसे प्रति लीटर की कमी आई है परंतु यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है। 

इस समय जब जनता सरकार से र्ईंधन की कीमतों में राहत की उम्मीद लगाए हुए है वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेल की कीमतों को लेकर कांग्रेस नीत पिछली यू.पी.ए. सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। सीतारमण का कहना है कि ‘‘यू.पी.ए. सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपए के आयल बांड जारी करके ईंधन की कीमतें घटाई थीं जिससे हमारी सरकार पर इनके ब्याज के भुगतान का बोझ आ जाने के कारण हम पैट्रोल, डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे हैं।’’ इस लिहाज से देखें तो निकट भविष्य में र्ईंधन की कीमतों में कोई खास राहत मिलना कठिन ही प्रतीत होता है।—विजय कुमार 


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