कांग्रेस और भाजपा में असंतोष और अंतर्कलह देश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण

punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 05:14 AM (IST)

इसे बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी दोनों ही आज आंतरिक कलह और असंतोष की शिकार हैं।

* जहां तक कांग्रेस का संबंध है, अनेक वरिष्ठ और युवा नेताओं का इसे छोड़ कर भाजपा में जाने का सिलसिला 2014 के लोकसभा चुनावों से  पहले ही शुरू हो गया था, जब हरियाणा के बीरेंद्र सिंह तथा राव इंद्रजीत सिंह भाजपा में शामिल होकर नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बने।
* 2015 में असम के वरिष्ठï कांग्रेस नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने भाजपा का दामन थाम लिया और अब राज्य के मु यमंत्री बनाए गए हैं।
* मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराजगी के चलते सिंधिया परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया गत वर्ष भाजपा में शामिल हो गए थे। 

* गुजरात में कांग्रेस की युवा ब्रिगेड के प्रमुख नेता मिङ्क्षलद देवड़ा द्वारा राज्य की भाजपा सरकार की तारीफ करने पर अटकलें शुरू हो गई हैं।
* 9 जून को उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के कद्दावर युवा नेता और पूर्व राज्यमंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में चले गए हैं। 

* राजस्थान में मु यमंत्री अशोक गहलोत व युवा नेता सचिन पायलट के बीच भी सब ठीक नहीं है, जिन्हें गत वर्ष बगावती तेवर अपनाने पर अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व उपमु यमंत्री के पद से हटा दिया था। पायलट समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया है कि या तो जुलाई महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा किया जाए नहीं तो वे आगे निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। सचिन पायलट ने आरोप लगाया है कि पार्टी को सत्ता में लाने वाले कार्यकत्र्ताओं की सुनवाई न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। 

* केरल में विधायक दल के नेता पद से हटाए गए पार्टी के दिग्गज नेता रमेश चेन्निथला ने सोनिया गांधी से पार्टी में गुटबाजी और दो अलग-अलग खेमों में खींचतान की शिकायत की है।
 * पंजाब में मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह अपने लोगों के निशाने पर हैं और इस समय पंजाब कांग्रेस का विवाद केंद्रीय नेतृत्व द्वारा गठित 3 सदस्यीय समिति के समक्ष था जिसने सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 

* भारतीय जनता पार्टी में भी सब ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश भाजपा में घमासान मचा हुआ है। वहां मु यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी अरविंद शर्मा को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाने की अटकलों से नाराज हैं वहीं उन्हें प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बांसल की कार्यप्रणाली पर भी आपत्ति है। योगी आदित्यनाथ अपने उपमु यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की राजनीति से भी परेशान हैं जो उनसे नाराज चल रहे हैं।

* कर्नाटक भाजपा में मु यमंत्री येद्दियुरप्पा के बेटे विजेंद्र द्वारा सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप के लग रहे आरोपों के चलते वहां की राजनीति गर्माई हुई है और येद्दियुरप्पा को कहना पड़ा है कि यदि पार्टी हाईकमान कहे तो वह अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।  
* बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर आए नेताओं की घर वापसी व भाजपा के कम से कम 35 विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में जाने की चर्चा से भाजपा नेतृत्व चिंतित हो उठा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई बैठक में अनेक नेताओं के शामिल न होने से भी पार्टी चिंता में पड़ गई है। 

* बिहार में भाजपा की भागीदारी वाली नीतीश कुमार की सरकार के लिए कुछ भाजपा नेताओं द्वारा संकट पैदा करने के प्रयासों के संकेत मिल रहे हैं। ‘हम’ के नेता जीतन राम मांझी ने भाजपा पर नितीश कुमार सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इस तरहकी आंतरिक कलह से इन पार्टियों का चाहे जो भी हश्र हो परंतु भविष्य में इसका सबसे अधिक नुक्सान देश को होगा क्योंकि किसी भी देश के भविष्य के लिए एक मजबूत सत्तारूढ़ दल और मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है। भले ही ये दोनों दल बारी-बारी से सत्ता में आएं। 

कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पाॢटयों के नेतृत्व में तानाशाही का अंश आ जाने से कार्यकत्र्ताओं में निराशा व्याप्त है। अत: इस सारे घटनाक्रम के पीछे सभी दलों के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक सबक छिपा हुआ है। वे पार्टी को अपनी जिंदगी देनेे वाले कर्मठ नेताओं तथा कार्यकत्र्ताओं की उपेक्षा न करें, उनकी आवाज सुनी जाए ताकि वे दूसरे दल में जाने के बारे में न सोचें और पार्टी तथा देश दोनों में लोकतंत्र मजबूत हो।—विजय कुमार 


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