‘अपराधी तत्वों का दुस्साहस’ बढ़ रहे ‘पुलिस कर्मियों पर हमले’

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 10:27 AM (IST)

कुछ समय से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। एक ओर आम लोगों के विरुद्ध हत्या, लूटपाट, बलात्कार जैसे अपराध जोरों पर हैं तो दूसरी ओर पुलिस वाले भी अपराधी तत्वों से सुरक्षित नहीं हैं तथा आए दिन उन पर हमले हो रहे हैं जो निम्र ताजा उदाहरणों से स्पष्टï है : 

* 12 जून को उत्तरी दिल्ली की इंद्रलोक पुलिस चौकी में पूछताछ के लिए लाए गए लूट के 3 आरोपियों ने पुलिस कर्मियों पर लाठियों तथा पत्थरों से हमला कर दिया तथा उनमें से एक ने पुलिस पर गोली भी चला दी जिससे एक पुलिस कर्मी का सिर लहूलुहान हो गया।

* 22 जून को थाना गुरुहरसहाय के गांव ‘दरबारा सिंह वाला’ में दो पक्षों के बीच समझौता करवाने गए ए.एस.आई. और सिपाही समेत तीन लोगों को बेसबाल बैट से पीटा गया। 

* 24 जून को अबोहर में पंजाब पुलिस के एक सब-इंस्पैक्टर गुरविंद्र सिंह की रात 10 बजे उनके घर के बाहर कार में आए हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। 

* 26 जून को बिहार में गया जिले के ‘जमुनईया’ गांव में कुख्यात अपराधी मुन्ना पासवान को पकडऩे गई पुलिस पार्टी पर मुन्ना पासवान और उसके साथियों ने हमला करके उनका वाहन तोड़ डाला और पुलिस के ड्राइवर, एक हवलदार तथा होमगार्ड के सिर लहूलुहान कर डाले।

* 28 जून को देहरादून के ‘डोइवाला’ गांव में हुल्लड़ मचाने वाले युवकों को पकडऩे पहुंची पुलिस पर आरोपी युवकों ने पथराव करके चौकी इंचार्ज और सिपाही को गंभीर रूप से घायल कर दिया। 

* 29 जून को मध्य प्रदेश के देवास में रेत माफिया ने एस.डी.ओ.पी. (सब डिवीजनल पुलिस आफिसर) के वाहन चालक की पिटाई कर दी व उसे बचाने गए पुलिस कर्मियों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया। 

* 29 जून को ही जींद के सिंघाना गांव में होमगार्ड के एक वालंटियर की छुरा घोंप कर हत्या कर दी गई और अब :

* 30 जून को हरियाणा में गोहाना के निकट बरोदा थाने की बुटाना चौकी के आधी रात को गश्त पर निकले दो पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या कर दी गई। दोनों के खून से लथपथ शव चौकी के निकट पड़े मिले।
लोगों और देश की रक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों पर हमले निश्चय ही अपराधी तत्वों के बढ़ रहे दुस्साहस और कानून का डर समाप्त हो जाने का ही परिणाम है। लिहाजा ऐसे अपराधों से निपटने के लिए कठोर दंड प्रावधानों वाला कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसा करने वालों को कठोरतम दंड और दूसरों को नसीहत मिले।     —विजय कुमार 


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