डी.ए.पी. खाद की लगातार कमी किसानों में बढ़ रहा रोष

punjabkesari.in Tuesday, Nov 09, 2021 - 03:37 AM (IST)

इस समय देश में रबी (सर्दियों) की फसल की बुआई शुरू है परन्तु फसल के बेहतर झाड़ के लिए जरूरी यूरिया तथा ‘डाई अमोनिया फास्फेट’ (डी.ए.पी.) खादों की देश भर में कमी होने से किसानों में भारी रोष व्याप्त है। 
किसानों द्वारा कई स्थानों पर सुबह पांच बजे ही आकर सहकारी समितियों के आगे कतारों में लगने के बावजूद निराश लौटने को विवश होने के कारण अनेक स्थानों पर इसके विरुद्ध प्रदर्शन किए जा रहे हैं तथा कई जगह सहकारी समितियों पर स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस तैनात करनी पड़ रही है। 

 

* 6 नवम्बर को आगरा में मलपुरा सहकारी समिति के केंद्र पर 3 से 5 घंटे कतार में खड़े रहने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिली और अनेक किसान बेहोश हो कर गिर पड़े। 
* 6 नवम्बर को ही हरियाणा के रतिया में किसानों ने खाद न मिलने के विरुद्ध सड़क जाम करके प्रदर्शन किया। 
* इसी दिन भारतीय किसान यूनियन ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर अनेक स्थानों पर यूरिया खाद के साथ सल्फर खाद की बोरी देने के विरुद्ध रोष व्यक्त किया जिसकी किसानों को बहुत अधिक जरूरत नहीं होती। 

 

* 7 नवम्बर को चित्रकूट तथा आस-पास के क्षेत्रों में स्थित सहकारी समितियों पर जुटी किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इनके प्रबंधकों को पुलिस की सहायता लेनी पड़ी। 
* 8 नवम्बर को डी.ए.पी. खाद की किल्लत के विरुद्ध हांसी, नरवाणा व फतेहाबाद में किसानों ने जाम लगाया। अब प्रदेश में कुछ जगहों पर खाद पुलिस थानों में वितरित की जा रही है। 

 

सहकारी समितियों पर डी.ए.पी. खाद न मिलने से जहां गेहूं, आलू, सरसों और चने की फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है वहीं किसान प्राइवेट दुकानों से महंगे भाव पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अकेले पंजाब में लगभग 35 लाख हैक्टेयर तथा हरियाणा में 25 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती होती है जिसका बेहतर झाड़ लेने के लिए डी.ए.पी. खाद अत्यंत आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने से इसकी बिजाई के रकबे में कमी आएगी और किसानों की आॢथक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अत: सरकारें तुरन्त ध्यान देकर किसानों की समस्या सुलझाएं ताकि देश में खाद्यान्न संकट पैदा होने से बचा जा सके।—विजय कुमार


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