‘आजादी’ के 75वें वर्ष में प्रवेश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा देश

punjabkesari.in Sunday, Aug 15, 2021 - 06:22 AM (IST)

आज 15 अगस्त का दिन है और हम अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। यह दिन हम ऐसे वातावरण में मना रहे हैं जब देश में आतंकी हमलों संबंधी अलर्ट जारी है और राष्टï्र विरोधी ताकतें शांति भंग कर देश का माहौल बिगाडऩे पर आमादा हैं। अपने अब तक के सफर पर जब हम नजर डालते हैं तो देखते हैं कि हमने अनेक क्षेत्रों में तरक्की की है। प्रति व्यक्ति आय तथा लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ी है, बड़ी सं या में लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, देश ने खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है, देश साक्षरता की ओर बढ़ रहा है, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हमने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं।

देश में सड़कों, हवाई अड्डा और रेलगाडिय़ों का विस्तार हुआ है, कम्प्यूटर क्रांति आई है, लोगों के पास कारों, मोटरसाइकिलों, एयरकंडीशनरों, क प्यूटरों, टैलीविजन और मोबाइल फोनों की सं या बढ़ी है। हाल ही में स पन्न ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाडिय़ों ने अब तक के सर्वाधिक 7 पदक जीते। नीरज चोपड़ा ने 121 वर्षों के ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए एथलैटिक्स में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया। स्वतंत्रता से अब तक हम हर आपदा में सुर्खरु होकर निकले हैं। भारत विभाजन के समय हमने विश्व का सबसे बड़ा आबादी का पलायन देखा और लगभग 1.45 करोड़ विस्थापितों में से हिन्दुओं ने भारत में तथा मुसलमानों ने नए बने पाकिस्तान में शरण ली। 

अविभाजित पंजाब से लुट-पिट कर आने वाले लोगों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे जिन्हें वहां अपने जमे-जमाए कारोबार और उद्योग छोड़ कर मात्र दो कपड़ों में भारत आना पड़ा था। यहां आकर उन्होंने रेहडिय़ां और छाबडिय़ां तक लगाईं और फिर अपनी मेहनत से आज सफल व्यापारी एवं उद्योगपति हैं। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत सहित देश के विभिन्न भागों में फैले आतंकवाद और उग्रवाद के दौरान बड़ी संख्या में हिंसा और रक्तपात हुआ परंतु सुरक्षा बलों के साहस और जन सहयोग से आज शांति है। इसके मुकाबले में यदि हम अपने पड़ोसी देशों को देखें तो वहां हर ओर अशांति और असंतोष ही दिखाई दे रहा है। 

पाकिस्तान में आतंकी ङ्क्षहसा का दौर जारी है। वहां महंगाई, भ्रष्टाचार, लाकानूनी और अल्पसं यकों पर अत्याचारों आदि  को लेकर 11 विरोधी दलों ने इमरान खान के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है। पी.ओ.के. तथा सिंध आदि में आजादी की मांग उठ रही है तथा इसके लिए आंदोलन जारी हैं। म्यांमार में आंग सान सू-की की निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट कर सू-की सहित सैंकड़ों राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार करके सेना ने सत्ता संभाल ली है। वहां सेना विरोधी प्रदर्शनों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। 

नेपाल में भले ही भारत विरोधी प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा औली की छुट्टी के बाद भारत समर्थक शेर बहादुर देऊबा ने सत्ता संभाल ली है पर वहां भी चीन की ओर से अस्थिरता पैदा करने के प्रयास लगातार जारी हैं। तख्तापलट का शिकार अफगानिस्तान फिर तालिबानी आतंकवादियों के शिकंजे में फंसा अंधकारमय दौर की ओर बढ़ गया है। चीन द्वारा यांमार की सैनिक जुंडली का समर्थन करने के कारण वहां चीन के विरुद्ध लोग प्रदर्शन कर रहे हैं तथा नेपाल और हांगकांग आदि देशों में भी चीन के विरुद्ध प्रदर्शन हुए हैं। बेशक चीन दूसरे देशों के मामलों में टांग अड़ा कर वहां का माहौल खराब कर रहा है परंतु वहां रोहिंग्या मुसलमानों तथा अन्य अल्पसं यक समुदायों के लोगों के दमन के विरुद्ध असंतोष भड़का हुआ है। 

हालांकि अभी भी हमारे सामने कई कठिनाइयां हैं। किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी आदि के बीच देश में कोरोना की तीसरी लहर ने भी दस्तक दी है और बाढ़, भूस्खलन आदि प्राकृतिक आपदाओं से भी विनाश हो रहा है पर इन सब समस्याओं का सामना करते हुए देश कहीं रुका नहीं। अपने पाठकों व संरक्षकों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए हम आशा करते हैं कि जिस प्रकार हम सब ने मिल कर अब तक आई चुनौतियों और कठिनाईयों का सफलतापूर्वक सामना किया है उसी प्रकार आगे भी कठिनाईयों व चुनौतयों को हरा कर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ेंगे।—विजय कुमार 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News