पाक द्वारा जाली करंसी, हथियार व नशा तस्करी आओ! पहले अपना घर तो सुधारें

punjabkesari.in Sunday, Jan 30, 2022 - 07:12 AM (IST)

पाकिस्तान की ओर से भारत में जाली करंसी, हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी करवाने का सिलसिला लगातार जारी है : 

* 12 जनवरी को बी.एस.एफ. के जवानों ने फिरोजपुर सीमा के निकट मोह मद वाला चौकी पर फैंकी गई 31.5 करोड़ रुपए की 6.36 किलो हैरोइन के 6 पैकेट, एक पिस्तौल, एक मैगजीन और 50 जिंदा ‘रौंद’ बरामद किए।
* 14 जनवरी को सुरक्षा बलों ने भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट अटारी- बच्चीविंड सड़क पर पड़े एक थैले में से पाकिस्तान से तस्करी करके भेजी गई 1 लाख रुपए की जाली करंसी तथा विस्फोटक बरामद किए। 

* 19-20 जनवरी की दर यानी रात को बी.एस.एफ. ने अमृतसर सैक्टर में पाकिस्तान के ड्रोन से गिराई गई 7 किलो से अधिक हैरोइन पकड़ी।
* 20 जनवरी को ही ‘स्पैशल टास्क फोर्स’ लुधियाना की टीम ने एक नशा तस्कर को गिर तार करके उससे 5 करोड़ 50 लाख रुपए मूल्य की हैरोइन बरामद की जिसे वह अमृतसर के सीमावर्ती गांव ‘शियोटे’ के एक नशा तस्कर से खरीद कर लाया था। 

* 21 जनवरी को सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में ‘लाइन आफ कंट्रोल’ के निकट 31 किलो नशीले पदार्थ जब्त किए।
* 25 जनवरी को पुलिस ने फिरोजपुर में सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के 2 तस्करों को पकड़ कर उनके कब्जे से पाकिस्तान से भेजी गई  एक चीन निर्मित पिस्तौल, 25 जिंदा कारतूस, 5 मोबाइल, 1 डोंगल, 80,000 रुपए की जाली भारतीय करंसी और बाद में उनकी निशानदेही पर 4 किलो हैरोइन बरामद की।
* 27 जनवरी को उक्त तस्करों के एक अन्य साथी को गिर तार करके उसके कब्जे से 1 किलो हैरोइन बरामद की गई। 

* और अब 28 जनवरी को भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप स्थित पोस्ट बी.ओ.पी. चंदू वडाला में पाक तस्करों से मुठभेड़ के बाद बी.एस.एफ. ने 235 करोड़ रुपए की 7 पैकेट हैरोइन, 2 पिस्तौल व 54 ‘रौंद’ बरामद किए जिन्हें फैंक कर तस्कर पाकिस्तान की ओर भाग गए। इसके अलावा सर्च के दौरान ए.के. 47 के गिरे हुए 74 ‘रौंद’ भी बरामद किए।
भारत-पाक सीमा पर हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के संबंध में सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों का दावा है कि पाकिस्तानी रेंजर लगातार इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में स्थानीय तस्करों की सहायता कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि भारत शुरू से ही पाकिस्तान पर भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी कराने के आरोप लगाता रहा है। जब 28 मार्च, 2010 को वाघा में भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता के दौरान बी.एस.एफ. के एडीशनल डी.आई.जी. श्री पी.पी.एस. सिद्धू ने पाक रेंजर्स के महानिदेशक ब्रिगेडियर मोह मद याकूब के साथ यह मामला उठाया तो याकूब ने हमारे ही मुंह पर तमाचा जड़ते हुए कहा था कि : 

‘‘भारत की ओर से सीमा पर कांटेदार तार बाड़ है। तस्करों पर नजर रखने के लिए लड लाइट्स लगी हैं। भारतीय सीमा पर चौकसी व गश्त की व्यवस्था है। इसके बावजूद यदि सीमा पर तस्करी की घटनाएं होती हैं तो इस बारे भारतीय अधिकारियों को ही सोचने की जरूरत है।’’ फिर 1 जुलाई, 2012 को भी पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक (पंजाब) मियां मोह मद हिलाल हुसैन व महानिदेशक (सिंध) मेजर जनरल रिजवान अ तर ने भी इसके लिए भारतीय सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराया और कहा : ‘‘पाकिस्तान पर हमेशा भारतीय सीमा में घुसपैठियों को भेजने तथा तस्करी करवाने के आरोप लगाए जाते हैं परंतु भारतीय सी ाा की तरफ से ही सुरक्षा के सर्वाधिक प्रबंध किए गए हैं।’’ 

‘‘सीमा पर भारत की ओर से ही फैंसिंग लगाई गई है। इसके अलावा सर्च लाइट व फैंसिंग में करंट भी छोड़ा गया है। ऐसे में भला हम भारत में घुसपैठ व तस्करी कैसे करवा सकते हैं? किसी की आज्ञा के बिना किसी के मकान में भला कोई कैसे घुस सकता है!’’ 

पाकिस्तान के उक्त अधिकारियों की बात तब भी सच थी और आज भी सच है। यह सही है कि हमारे सुरक्षाबलों के सदस्यों ने काफी बरामदगियां की हैं परंतु इन ‘सफलताओं’ पर अपनी पीठ थपथपाने के साथ ही अपनी कमजोरियों पर भी ध्यान देना जरूरी है। अत: पाकिस्तान के तस्करों के भारतीय मददगारों और दलालों को पकडऩा, अपनी सतर्कता संबंधी त्रुटियों को दूर करके अपनी सुरक्षा व्यवस्था अधिक चुस्त करना और गश्त बढ़ाने के साथ-साथ सीमांत क्षेत्रों में सी.सी.टी.वी. कैमरे आदि तुरंत लगाना जरूरी है ताकि पाकिस्तान से जाली करंसी, हथियार तथा नशा तस्करी जैसी गतिविधियों पर रोक लग सके।—विजय कुमार


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