भारत को चारों ओर से घेरने के लिए चीन की खतरनाक ‘जासूसी चाल’  का हुआ खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 16, 2020 - 04:34 AM (IST)

हर बीतने वाले दिन के साथ विश्व में चीन की बदनीयती उजागर हो रही है जिसमें अपने देश से कोरोना प्रसार की शुरूआत पर पर्दा डालने से लेकर दूसरे देशों से भूमि विवाद, झगड़े व उनकी जासूसी तक करना शामिल है। इसी वर्ष जनवरी में जब चीन के शहर वुहान में एक वायरस संक्रमण की खबर को छुपाने की कोशिश हो रही थी तभी वुहान में ‘ली-वेन-लियांग’ नामक एक डाक्टर ने इस नए भयानक वायरस के बारे में चेतावनी दी थी लेकिन ऐसा करने पर पुलिस ने उन्हें मुंह बंद रखने के लिए धमकाया। 

‘ली-वेन-लियांग’ की चेतावनी को वुहान प्रशासन ने भी गम्भीरता से नहीं लिया और संक्रमण के प्रसार को छुपाने की कोशिश में जुटा रहा तथा बाद में ‘ली-वेन-लियांग’ की रहस्यमय रूप से मृत्यु हो गई। और अब 12 सितम्बर को चीनी प्रशासन के डर से अमरीका भागी चीनी डाक्टर ‘ली-मेंग-यान’ ने दावा किया है कि ‘‘महामारी का रूप धारण कर चुका कोरोना वायरस मानव निर्मित था और चीन की वुहान लैब में ही बना था। मैं जल्दी ही इसके वैज्ञानिक सबूत दुनिया के सामने पेश करूंगी और बताऊंगी कि चीन ने इसे क्यों बनाया!’’ 

अपनी जान पर खतरा महसूस करने के बाद अमरीका में किसी गुप्त स्थान पर रह रही डाक्टर ‘ली-मेंग-यान’ का कहना है कि चीन सरकार उन्हें झूठी साबित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। इसी बीच चीन के जासूसी नैटवर्क का भी भंडाफोड़ हुआ है जिसके अनुसार वह भारत, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जापान आदि के शीर्ष नेताओं सहित विश्व भर में 24 लाख लोगों की जासूसी कर रहा है और इस काम को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए उसकी सेना व गुप्तचर एजैंसी से जुड़ी कम्पनी ‘झेन्हुआ डाटा इंफार्मेशन टैक्नोलॉजी कम्पनी लिमिटेड’ अंजाम दे रही है। 

एल.ए.सी. (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर ही नहीं डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अपने भारत के विरुद्ध षड्यंत्र के तहत वह भारत में उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे राजनेताओं व सामरिक पदों पर बैठे अधिकारियों सहित 10,000 भारतीयों की जासूसी करके उनकी जन्मतिथि, पतेे, वैवाहिक स्थिति, राजनीतिक जुड़ाव, रिश्तेदार और गुप्त बैंक रिकार्ड आदि तक का पता लगा रहा है। इनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 5 पूर्व प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेल मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। 

20 से अधिक राज्यों के मुख्यमंत्रियों, 350 से अधिक सांसदों, भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित जजों, लोकपाल व कैग, नौकरशाहों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, कलाकारों और खेल से जुड़ी हस्तियों, धार्मिक नेताओं सहित अति महत्वपूर्ण लोगों और संगठनों पर नजर रखी जा रही है। चीनी कम्पनी के निशाने पर सी.डी.एस. (चीफ ऑफ डिफैंस स्टाफ) बिपिन रावत के अलावा 60 से अधिक वरिष्ठ व सेवानिवृत्त सेनाधिकारी, इसरो, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड, परमाणु ऊर्जा आयोग व परमाणु ऊर्जा निगम जैसी संस्थाओं के वैज्ञानिक, 70 शहरों के मेयर व सिने संसार से जुड़ी हस्तियां हेमा मालिनी, अनुपम खेर, मुनमुन सेन, परेश रावल आदि भी शामिल हैं। 

उद्योगपति रतन टाटा, ‘अजीम प्रेमजी इन्वैस्ट’ के सी.ई.ओ., रिलायंस रिटेल, मोर्गन स्टेनली, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, उबर इंडिया आदि बड़ी कम्पनियों के अधिकारियों के नाम भी इस जासूसी सूची में शामिल बताए जाते हैं जिससे स्पष्टï है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी किस तरह राजनीतिक, आॢथक और सांस्कृतिक मोर्चे पर भी भारत को घेरने के लिए घात लगाए बैठी है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर बढ़त हासिल करने के लिए चीन असैन्य उपायों का उपयोग कर सकता है। इसे चीन ने ‘हाईब्रिड वारफेयर’ का नाम दिया है तथा इसके जरिए वह अपने विरोधियों पर बढ़त बनाने और उन्हें नुक्सान पहुंचाने की चाल को अंजाम दे सकता है। 

इस समय जबकि सीमा पर भारत और चीन के बीच भारी तनाव व्याप्त है चीन द्वारा भारतीय नेताओं और अन्य व्यक्तियों की ‘डिजिटल जासूसी’ अत्यंत ङ्क्षचताजनक है जिसने एक बार फिर चीन के छिपे हुए इरादों को उजागर कर दिया है। लिहाजा हमें चीन के इस ‘हाईब्रिड वारफेयर’ का मुकाबला करने के लिए चीन के लिए जासूसी करने वाली कम्पनी के सूचना स्रोतों का पता लगाकर उन्हें समाप्त करने और इसके साथ ही अपनी प्रौद्योगिकी को सुधारने तथा उन्नत करने पर अधिक जोर देना होगा जिस पर चीन पिछले 30 वर्षों से काम कर रहा है।—विजय कुमार


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