भारतीय जेलों में अव्यवस्था, मारपीट, नशे की तस्करी और अब सुरंग

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 04:07 AM (IST)

अव्यवस्था की शिकार भारतीय जेलों में मारपीट व अधिकारियों पर हमलों के अलावा नशों और मोबाइल फोनों आदि की बरामदगी लगातार जारी है। इनमें कई मामलों में अधिकारी भी संलिप्त हैं। अब तो जेलों में सुरंग तक पाई जाने लगी है। समस्या कितना गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यह हाल ही के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है : 

* 11 अक्तूबर को होशियारपुर के केंद्रीय जेल परिसर में टावर नंबर 3 के निकट एक पैकेट से बीड़ी के 10 बंडल बरामद किए गए।
* 11 अक्तूबर को ही केंद्रीय जेल गोइंदवाल साहिब में 2 कैदियों से सिम सहित 2 मोबाइल फोन पकड़े गए।   
* 11 अक्तूबर को ही फरीदकोट माडर्न जेल में बैरकों की तलाशी के दौरान हवालातियों से 6 मोबाइल फोन जब्त किए गए। 

* 13 अक्तूबर को स्पैशल टास्क फोर्स द्वारा गोइंदवाल साहिब की जेल में एक सीक्रेट आप्रेशन के दौरान डिप्टी सुपरिंटैंडैंट बलबीर सिंह को जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टरों व अपराधियों को मोबाइल फोन उपलब्ध करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया जिसके बदले में वह मोटी रकम लेता था। 
* 16 अक्तूबर को नोहर (राजस्थान) में चिट्टे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार युवक ने बताया कि बीकानेर की जेल में बंद एक हार्डकोर अपराधी जगत पाल उसका चचेरा भाई है जो जेल से ही मोबाइल द्वारा नशा सप्लाई करने का रैकेट चला रहा है। 
उसने बताया कि जगत पाल उसे नशा सप्लाई करने की एवज में हर माह 10,000 रुपए देता है और इसका लेन-देन भी मोबाइल के जरिए ही होता है। 

* 17 अक्तूबर को मधेपुरा (बिहार) स्थित ‘उदा किशनगंज’ मंडल सब-जेल में पुलिस और कैदियों के बीच जबरदस्त मारामारी के चलते 1 पुलिसकर्मी तथा 3 कैदी घायल हो गए। बीच-बचाव में जेल के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट को भी चोटें आईं।  
* 17 अक्तूबर को मध्य प्रदेश में गुना जेल का बर्खास्त गार्ड 11 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा गया। 
* 17 अक्तूबर को ही फिरोजपुर जेल के हाई सिक्योरिटी जोन में बंद कैदी ने तलाशी के दौरान जेल अधिकारियों पर ईंटों से हमला कर दिया।
* 18 अक्तूबर को हिसार सैंट्रल जेल में हवालाती आपस में भिड़ गए जिसके परिणामस्वरूप एक कैदी के सिर पर चोटें लगीं। 

* 25 अक्तूबर को लुधियाना जेल में एक आरोपी से 32 ग्राम चरस पकड़ी गई।
* 26 अक्तूबर को फरीदकोट सैंट्रल जेल में बैरकों की तलाशी के दौरान 9 मोबाइल पकड़े गए। जनवरी से अब तक यहां 400 मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं। गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 200 मोबाइल पकड़े गए थे। 
* 27 अक्तूबर को सैंट्रल जेल अमृतसर में कैदियों को दवाई देने वाले मैडीकल अफसर को पुलिस ने नशीले पाऊडर के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
* 29 अक्तूबर को पटियाला सैंट्रल जेल में एक ए.एस.आई. तथा 2 जेल वार्डनों को बीडिय़ों, सुल्फा तथा जर्दा के साथ पकड़ा गया।
* 29 अक्तूबर को ही नाभा की नई जिला जेल में बाहर से फैंके गए बंडल से नशीला पदार्थ, मोबाइल फोन, चार्जर तथा बैटरियां बरामद की गईं तथा बठिंडा सैंट्रल जेल में बंद विचाराधीन कैदी से 1 मोबाइल फोन व हैडफोन, बैटरी तथा सिम कार्ड पकड़ा गया। 

* 31 अक्तूबर को बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गैंगस्टर पर जेल सुपरिंटैंडैंट तथा जेल वार्डन पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
* 31 अक्तूबर को ही जयपुर के सैशन कोर्ट की हवालात (बख्शीखाना) में 4 फुट लंबी सुरंग मिली जो पेशी पर लाए जाने वाले हार्डकोर बंदियों को भगाने के लिए बनाई गई थी।
* 01 नवम्बर को अम्बाला सैंट्रल जेल के अधिकारियों ने विभिन्न बैरकों की तलाशी के दौरान 1 एपल आईफोन सहित 8 मोबाइल बरामद किए। 

उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि जेल सुधारों के प्रति प्रशासन का रवैया कितना उपेक्षापूर्ण है। स्वतंत्रता के बाद से देश में जेलों के सुधार के लिए अनेक कमेटियां गठित की गईं परंतु सभी के सुझाव ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के कारण जेलों का लगातार बुरा हाल होता जा रहा है। जेलों में क्षमता से अधिक भीड़भाड़ के कारण कैदी भी नारकीय जीवन जी रहे हैं तथा बड़ी संख्या में मुकद्दमे लंबित रहने के कारण भी जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 

अत: जहां मुकद्दमों के जल्दी निपटारे के लिए अदालतों में जजों के खाली पद बिना देर किए भरना तथा नई जेलों का निर्माण जरूरी है, वहीं गैंगवार, नशों व हथियारों की तस्करी, जेल में रह कर बाहर नशे का धंधा चलाने जैसी बुराइयां रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंधों तथा जेलों में मोबाइल आदि ले जाने से रोकने के लिए तकनीक को हाईटैक करना भी बहुत जरूरी है।—विजय कुमार  


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