विश्व के ‘रामभक्तों के लिए’‘उमंग और उल्लास भरा आज का दिन’

punjabkesari.in Wednesday, Aug 05, 2020 - 03:47 AM (IST)

आज 5 अगस्त के दिन 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद राम भक्तों के हृदय सम्राट प्रभु श्री राम के भव्य एवं विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अयोध्या में भूमि पूजन सम्पन होगा। रामलला की धरती केसरिया रंग में रंग चुकी है और सर्वत्र भक्ति की धारा बह रही है। भजन-कीर्तन हो रहे हैं। जगह-जगह संतों का डेरा लगा है। लोग ‘श्री राम चरित मानस’ का पाठ कर रहे हैं। लोगों से अपील की गई है कि अधिक लोग भूमि पूजन स्थल पर न आएं और अपने घरों में रह कर ही दीपक जलाएं। 

अयोध्या में सर्वत्र दीवारों पर प्रभु श्री राम और देवी सीता के मनोहारी चित्र दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि सात समुद्र पार अमरीका में न्यूयार्क का प्रसिद्ध ‘टाइम्स स्क्वायर’ भी जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठेगा और वहां प्रभु श्री राम का भव्य चित्र, राम मंदिर के मॉडल की थ्री-डी झांकी और भूमि पूजन के दृश्य दिखाए जाएंगे। जैसा कि वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने कहा है,‘‘मात्र हिंदुओं के ही नहीं, राम तो सबके हैं और अयोध्या किसी की बपौती नहीं है।’’ यही कारण है कि अन्य धर्मों से जुड़ी अनेक हस्तियों को भी रामलला के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह मेंं आमंत्रित किया गया है। 

इनमें भारत से प्रमुख 36 परम्पराओं के 135 संत-महात्माओं सहित 175 लोग शामिल हैं। नेपाल के विभिन्न इलाकों सहित जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के महंत एवं अन्य धार्मिक हस्तियां भी इस समारोह में उपस्थित रहेंगी। अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबन्धों के बीच मंगलवार शाम से ही अयोध्या में बाहरी लोगों का प्रवेश रोक दिया गया। शहर के बाजार खुले रखे गए हैं परन्तु एक स्थान पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं होगी। 

राम मंदिर निर्माण में देश के प्रत्येक कोने की मिट्टी और जल प्रयोग में लाया जाएगा। देश के 1500 स्थानों से एकत्रित  गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सिन्धु, ब्रह्मपुत्र, झेलम, सतलुज, रावी, ब्यास, सोमनाथ, रामेश्वरम और लंका सहित 100 से अधिक पवित्र नदियों एवं स्थानों का जल और लगभग 2000 पवित्र स्थानों की मिट्टी अयोध्या पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए 5100 कलश तैयार किए गए हैं। इनमें से कुछ कलश भूमि पूजन में इस्तेमाल होंगे और कुछ श्री मोदी का काफिला गुजरने वाले मार्ग के दोनों किनारों पर रखे जाएंगे। मंगलवार को इनमें दीप जलाए गए और बुधवार को भी जलाए जाएंगे। 

हिंदू धार्मिक संगठनों के अलावा ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ ने भगवान श्री राम को हमारी सांझी संस्कृति की विरासत बताते हुए देश भर के मुसलमानों से राम जन्म भूमि मंदिर के लिए 5 अगस्त को अपने मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर दीपमाला करने की अपील की है। प्रधानमंत्री अयोध्या में 3 घंटे रुकेंगे। वह सर्वप्रथम हनुमानगढ़ी जाएंगे और हनुमान जी के दरबार में दर्शन पूजन एवं परिक्रमा करेंगे। यहां उन्हें आशीर्वाद और मान स्वरूप साफा बांधा जाएगा तथा गदा सौंपी जाएगी। ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास द्वारा भूमि पूजन में भाग लेने के लिए सर्वप्रथम निमंत्रण पत्र प्राप्त कर मुस्लिम पक्षकार रहे स्व. हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी भाव-विभोर हैं। 

उन्होंने कहा ‘‘प्रभु राम की इच्छा से ही मुझे प्रथम निमंत्रण प्राप्त हुआ है। हिंदू और मुसलमान सद्भावपूर्वक अयोध्या में रहते हैं और मंदिर बन जाने पर धर्म नगरी अयोध्या का भाग्य स्वत: ही बदल जाएगा। लोग अगाध निष्ठा और विश्वास के साथ बड़ी आशा लेकर यहां आते हैं कि उनकी प्रार्थना सुनी जाएगी।’’ उनका यह भी कहना है कि ‘‘6 दिसम्बर, 1992 से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है और अब उसे याद करने का कोई लाभ नहीं। श्री राम का मंदिर बन जाने के बाद अयोध्या पहले से भी सुंदर हो जाएगी और विश्व भर से श्रद्धालुओं के यहां आने से यहां पर्यटन तथा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।’’ इकबाल अंसारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागतकर्ताओं में होंगे और उन्हें ‘रामनामी’ अंगवस्त्र एवं ‘श्री रामचरित मानस’ भेंट करेंगे। 

श्री अंसारी के अलावा प्रसिद्ध समाज सेवी और लावारिस लाशों का संस्कार करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ को भी भूमि पूजन समारोह में भाग लेने के लिए निमंत्रित किया गया है। कुल मिलाकर बुधवार के शुभ दिन ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना के साथ श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए होने जा रहा यह भूमि पूजन समस्त देश और विश्व भर के राम भक्तों के लिए नई उमंगों और उल्लास से भरपूर दिन लेकर आ रहा है जिसके स्वागत में आज अयोध्या नगरी जगमगा रही है।—विजय कुमार


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