यह सब कुछ भी हो रहा है पांच राज्यों के चुनावों से पहले

punjabkesari.in Sunday, Jan 16, 2022 - 06:45 AM (IST)

अगले महीने होने जा रहे पांच राज्यों के चुनावी रंगमंच पर नित्य तरह-तरह के दिलचस्प दृश्य दिखाई दे रहे हैं जिनमें से कुछ निम्र में दर्ज हैं : 

* आगरा के 75 वर्षीय ‘हसनू राम आंबेडकरी’ ने अपने जीवन का 94वां चुनाव लडऩे के लिए 14 जनवरी को नामांकन पत्र खरीदा। वह 1985 से अब तक 93 चुनाव लड़ कर हार चुके हैं। उनका कहना है कि चुनाव में हारना और 100 चुनाव हार कर रिकार्ड बनाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। 

* उत्तर प्रदेश के चुनावों में बांटने के लिए राजस्थान के ‘पाली’ शहर से बनवा कर भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक लगभग 2 करोड़ रुपए की प्रचार सामग्री भिजवाई है। इसमें 50 लाख मास्क, 30 लाख राम नाम के गमछे, 20 लाख दुपट्टे, 20 लाख झंडे, 10 लाख टोपियां और विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनवाए गए 10 लाख मास्क शामिल हैं। अन्य पार्टियां भी ‘रामनामी गमछे’ और मास्क बनवा रही हैं।  
* चुनावों में वोट डालने के लिए तथा कोरोना काल में लगाए जाने वाले संभावित लॉकडाऊन में रोजगार छिन जाने के डर से हरियाणा के  ‘टैक्सटाइल सिटी’ पानीपत से बड़ी सं या में उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों ने अपने राज्य के लिए प्रस्थान शुरू कर दिया है जिससे स्थानीय उद्योग-धंधों में कामकाज प्रभावित होने लगा है। 

* उत्तराखंड में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अत्यंत दुर्गम इलाकों में भारत-चीन सीमा पर निर्माण कार्य में संलग्न सैंकड़ों मजदूरों को ‘बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन’ (बी.आर.ओ.) की ओर से मतदान के लिए हैलीकाप्टर द्वारा मतदान केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
* ‘गोवा फारवर्ड पार्टी’ के मुखिया विजय सरदेसाई ने कहा है कि यदि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने में सफल हुए तो कार्यालयों में दोपहर 2 से 4 बजे के बीच सोने के लिए अनिवार्य समय निश्चित कर देंगे।

* नशा तस्करी के मामले पर मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री बीरेंद्र सिंह से भिड़ जाने वाली ‘सुपर कॉप’  वृंदा ने राजनीति में आने के लिए नौकरी छोड़ दी और अब चुनाव लडऩे का फैसला किया है। वृंदा ने अपने सेवाकाल में यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि बीरेंद्र सिंह ने ड्रग तस्करी के कुछ आरोपियों को छोडऩे के लिए उस पर दबाव डाला था।
* चुनाव निकट आने के साथ ही लोगों में बांटने के लिए लाई जा रही नकद राशि और वस्तुओं की बरामदगी भी शुरू हो गई है तथा 14 जनवरी तक पंजाब में चुनाव आयोग की टीमों ने लगभग 40.31 करोड़ रुपए की वस्तुएं, नशीले पदार्थ तथा नकदी जब्त की है। 

* चुनावों के मौसम में कुछ उ मीदवार अपने समर्थकों को मुफ्त शराब देने के लिए टोकन जारी करते  हैं। इसी को देखते हुए फतेहगढ़ साहिब की डिप्टी कमिश्नर व चुनाव अधिकारी पूनम दीप कौर ने शराब के ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि वे कूपनों या टोकनों के जरिए चुनावों के दौरान शराब न बेचें और बिक्री का हिसाब रखें।
* 14 जनवरी को आगरा में पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने एक कंटेनर में छिपा कर रखी 16 लाख रुपए मूल्य की विदेशी शराब की 49 पेटियां पकड़ीं, जिन्हें आगरा में चुनावों के दौरान खपाया जाना था।

* उत्तर प्रदेश में ‘चरथावल’ विधानसभा क्षेत्र से बसपा टिकट का अभिलाषी अरशद राणा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए फूट-फूट कर रोने लगा कि 2 वर्ष पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी श सुद्दीन ने टिकट दिलाने के वायदे के साथ उससे 67 लाख रुपए ले लिए और जब टिकट दिलवाने का मौका आया तो ठेंगा दिखा दिया। 

* 2017 के चुनावों से पहले बैंडबाजे के साथ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जो भाजपा का गुणगान करते नहीं थकते थे, को अब 2022 के चुनावों से पहले दलबदली कर सपा में शामिल होने के बाद भाजपा में दोष ही दोष दिखाई देने लगे हैं। दूसरी ओर उनकी बदायूं से सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य भाजपा में ही टिकी हुई हैं और नारा लगा रही हैं, ‘‘जय भाजपा, तय भाजपा।’’

* दल-बदली और सिद्धांतहीनता की एक मिसाल रामपुर में 13 जनवरी को कांग्रेस द्वारा ‘चमरौआ’ से विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशी बनाए गए युसूफ अली ने पेश की, जो अगले ही दिन 14 जनवरी को कांग्रेस को अलविदा कह कर सपा की साइकिल पर सवार हो गए। चुनावों के दौरान सामने आ रहा इस तरह का घटनाक्रम पाठकों को इस बात का एहसास कराएगा कि चुनावों के मौसम में प्रशासन के साथ-साथ राजनीतिक दल तथा राजनीतिज्ञ क्या कुछ कर रहे हैं!—विजय कुमार 
 


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