यूक्रेन पर हमले के विरुद्ध विश्व भर में गुस्से की लहर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 04:29 AM (IST)

यूक्रेन पर रूस ने ऐसे समय में हमला किया है जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासन में रूस के अधिकांश विपक्षी नेताओं की या तो हत्या कर दी गई है या उन्हें जेल में डाल दिया गया है। पुतिन के विरुद्ध सबसे बड़े प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुके एलेक्सी नवलनी भी इस समय जेल में हैं जिनका कहना है कि ‘‘पुतिन ने रूस में फैले भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध छेड़ा है और इस युद्ध के जरिए पुतिन रूस के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ 

जहां यूक्रेन पर हमले के चलते लोग पुतिन को ‘21वीं सदी का हिटलर’  कहने लगे हैं वहीं इसके विरुद्ध विश्व भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां तक कि स्वयं रूस वासी तथा इसके साथी देशों के लोग भी पुतिन के विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं। गत 24 फरवरी के बाद से मास्को तथा साइबेरिया सहित रूस के 54 शहरों में जारी पुतिन विरोधी प्रदर्शनों में कोई पुतिन को ‘किलर’ बता रहा है तो किसी का कहना है कि ‘मैं रूसी हूं, मैं शॄमदा हूं। मैं इसका समर्थन नहीं कर सकता। पुतिन, युद्ध रोको’, ‘हमें पुतिन को वोट ही नहीं देना चाहिए था।’

 एक प्रदर्शनकारी युवती बोली, ‘‘रूस का प्रशासन पागल हो गया है।’’ रूस में कम्युनिस्ट पार्टी के दो सांसदों ने भी इस हमले का विरोध किया है, जिनका कहना है कि यह युद्ध तुरन्त रोक देना चाहिए। यही नहीं, रूस के गठबंधन सहयोगी देशों तुर्की के इस्तांबुल तथा बेलारूस की राजधानी मिंस्क के अलावा अन्य एक दर्जन शहरों में लोगों ने यूक्रेन के झंडे लहराते हुए प्रदर्शन किया, जिसके दौरान बेलारूस में लगभग 530 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मलेशिया के कुआलालम्पुर में यूक्रेनी प्रदर्शनकारियों ने हाथ में पीले गुलाब लेकर और नाखूनों को रंग कर प्रदर्शन किया।

लंदन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के सरकारी आवास के बाहर तथा अन्य दर्जनों स्थानों पर लोगों ने रूस के विरुद्ध प्रदर्शन किया। रूस के दूतावास पर अंडे फैंके और दीवारों पर हमला समाप्त करने संबंधी नारे लिख दिए। जर्मनी के बॢलन में एक लाख प्रदर्शनकारियों ने बच्चों सहित ब्रैंडेनबर्ग गेट पर प्रदर्शन किया। पीले और नीले झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे ‘यूक्रेन छोड़ो’ , ‘पुतिन जाओ, इलाज कराओ और यूक्रेन तथा दुनिया को शांत रहने दो।’भारत में नई दिल्ली सहित कई जगह रूस विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बंगाल के सिलीगुड़ी एस.यू.सी.आई. (कम्युनिस्ट) के नेताओं ने साम्राज्यवाद का प्रतीकात्मक पुतला जलाया और नेताओं ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में अशांति की जड़ रूस जैसे साम्राज्यवादी हैं जो विभिन्न देशों को युद्ध में झोंक देते हैं जिनमें हजारों निर्दोष लोगों के प्राण चले जाते हैं।’’

अमरीका के वाशिंगटन, न्यूयार्क व अन्य शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसमें उनके साथ अनेक रूसी नागरिक भी शामिल हुए और इस युद्ध को रोकने की मांग की। स्पेन के मैड्रिड में अपने हाथों में यूक्रेन का विशाल झंडा थामे प्रदर्शनकारियों ने पारम्परिक यूक्रेनियन माला पहन कर रोष व्यक्त किया। केन्या के नैरोबी में लोगों ने गिरजाघर में प्रार्थना सभा के दौरान शहीद यूक्रेनवासियों के शोक में मोमबत्तियां जलाईं। 

स्वीडन के मालमो में भी लोगों ने हाथ के लिखे हुए बैनरों के साथ प्रदर्शन किया जिन पर ‘यूक्रेन की मदद कीजिए’ तथा ‘युद्ध रोकें’  लिखा था। मेलबोर्न (आस्ट्रेलिया), बुडापेस्ट (हंगरी), टोक्यो (जापान), तालिन (एस्टोनिया), एम्सटर्डम (नीदरलैंड्स), प्राग (चैक गणतंत्र), लिस्बन (पुर्तगाल), बाकू (अजरबैजान), वैंकूवर (ब्रिटिश कोलंबिया), सियोल (दक्षिण कोरिया), फ्रांस, फिलीपीन्स, हंगरी आदि में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। यूरोपीय देशों के साथ अधिक मजबूती से जुडऩे के लिए यूक्रेन की अर्जी को यूरोपियन संघ ने विचार करने के लिए स्वीकार कर लिया है। इस सम्बन्ध में यूरोपियन संसद को वीडियो के जरिए अपने सम्बोधन में जेलेंस्की ने कहा कि ‘‘हम अपनी भूमि और स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं। हम मजबूत हैं, हम यूक्रेनियन हैं।’’ अपने सम्बोधन से जेलेंस्की ने यूरोपियन संसद का दिल जीत लिया और भाषण के बाद सभी सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। 

बहरहाल, दूसरे देशों में प्रदर्शनों से पुतिन को यूक्रेन के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई से रोका तो नहीं जा सकता, परन्तु इनसे विश्व के अधिकांश भागों में पनप रही रूस और पुतिन विरोधी भावनाओं का पता चलता है। इस तथ्य से भी  इंकार नहीं किया जा सकता कि यूक्रेन को महाविनाश के किनारे लाकर और विश्व में तीसरे महा युद्ध का खतरा पैदा करके पुतिन ने अपनी छवि को भारी बट्टा लगा लिया है।—विजय कुमार 


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