पतंग उड़ी पतंग उड़ी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 07, 2020 - 04:50 PM (IST)

पतंग उड़ी पतंग उड़ी
लहराती मंडराती
हिलोरें लेती पतंग उड़ी,
ऊपर, ऊपर और ऊपर
डोर पर सवार
दूर बादलों के पार,
तन कर इठलाती पतंग उड़ी
मेरी सतरंगी पतंग उड़ी |

नभ भरा पतंगों से
नीली, पीली, लाल, हरी, रंग बिरंगी,
मिली सखियों से पतंग मेरी
और खो गई बातों में,
तभी तानी मैंने डोर,
आई होश में मेरी पतंग
और बढ़ चली मेरी पतंग,
मेरी सतरंगी पतंग उड़ी |

देखो देखो मेरी पतंग,

आओ आओ लड़ायें पेंच,
ऊपर, ऊपर और ऊपर
काटा, काटा वो काटा...
बलखाती, इठलाई मेरी पतंग,
पतंग उड़ी पतंग उड़ी
मेरी सतरंगी पतंग उड़ी ||

(भगवान दास मोटवानी)


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Author

Riya bawa

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