जानिए, गगनचुंबी Burj khalifa के बारे में ऐसी जानकारियां जो आप नहीं जानते (PICS)

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2015 - 11:45 AM (IST)

सारा दिन काम के तनाव भरे माहौल, शारीरिक-मानसिक तौर पर तरो-ताजा होने और लाइफ में थोड़ी मौज-मस्ती मनाने के लिए छुट्टियां बिताने जाना एक बेस्ट ऑप्शन है। इससे माहौल तो खुशनुमा होता ही है, साथ ही में बड़ों को स्ट्रैसफूल काम और बच्चों को कुछ समय के लिए पढ़ाई से छुटकारा भी मिल जाता है। घूमने-फिरने से हमें देश-विदेश की खूबसूरत जगहों के बारे में बहुत सारी जानकारियां भी मिलती हैं। 

वहीं, अगर आप देश से बाहर किसी अन्य देश के खूबसूरती के नजारे लेना चाहते हैं तो दुबई जाना आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन होगा। अगर यह ट्रिप 3-4 हफ्ते का हो तो और भी मजा आ जाए।

दुबई का नाम दुनिया के सबसे अमीर शहरों में लिया जाता है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा भी यहीं पर है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां जाकर खूबसूरत बीच, दुबई मॉल, पॉम सिटी और डेजर्ट सवारी का मजा जम कर लें।

-बुर्ज खलीफा के बारे में कुछ अहम जानकारियांः

दुनिया की गगनचुंबी इमारत बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर है, जिसका निर्माण 21 सितंबर, 2004 को शुरू हुआ था। इसे बनाने में लगभग 6 साल का समय और 8 अरब डॉलर राशि का खर्च हुआ। बुर्ज खलीफा का आधिकारिक उद्घाटन 4 जनवरी, 2010 को हुआ और दुबई के डाउनटाउन में मौजूद इस बिल्डिंग को 2010 में पब्लिक के लिए खोला गया। इसका नाम यू.ए.ई. के प्रेसिडेंट खलीफा बिन जाएद अल नाहयान के नाम पर रखा गया। 

इससे जुड़ी दिलचस्प बात यह भी है कि इस इमारत के निर्माण के समय इसका नाम बुर्ज दुबई था लेकिन बिल्डिंग को वित्तीय सहायता देने वाले संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायेद अल नाहयान के सम्मान में उद्घाटन के समय इस बिल्डिंग का नाम बुर्ज दुबई से बुर्ज खलीफा कर दिया गया।

यह इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का खिताब अपने नाम करने वाली दुबई की ये बिल्डिंग विजनरी आइडिया और साइंस का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। बुर्ज खलीफा बेजोड़ इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। इमारत के निर्माण में लगभग 12,000 मजदूरों ने प्रतिदिन काम किया। इमारत की बाहरी क्लैडिंग 26000 ग्लास पैनलों से बनी है। शीशे के इन आवरण के लिए चीन से खासतौर पर 300 क्लैडिंग स्पेशलिस्टों को बुलाया गया था।

163 मंजिलों वाली यह इमारत दुनिया के सबसे ज्यादा तलों वाली इमारत भी है। इसी के साथ दुनिया की सबसे ऊंची फ्रीस्टैंडिंग इमारत, सबसे तेज और लंबी लिफ्ट, सबसे ऊंची मस्जिद, सबसे ऊंचा स्वीमिंग पूल और सबसे ऊंचे रेस्टोरेंट का खिताब भी बुर्ज खलीफा के नाम ही है। यहां पर शॉपिंग मॉल, थिएटर की भी सारी सुविधाएं मौजूद हैं।

दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा अवलोकन डेक का दर्जा भी इसी इमारत के पास ही है। यहां 124वीं मंजिल पर “ऐट द टॉप” नामक आउटडोर अवलोकन डेक, 5 जनवरी 2010 को खुला। यह 452 मीटर (1,483 फीट) पर, स्थित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आउटडोर अवलोकन डेक है।

इस इमारत की लिफ्ट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और इमारत के 124वें तल पर स्थित अवलोकन डेक ''एट द टॉप'' तक मात्र 2 मिनट में पहुंच जाती है। पर्यटक इस अवलोकन डेक पर टेलीस्कोप से  दुबई का नजारा देख सकते हैं।

इमारत के 76वें तल पर दुनिया का सबसे ऊंचा स्वीमिंग पूल और 158वें तल पर दुनिया की सबसे ऊंची मस्जिद और 144वें तल पर दुनिया का सबसे ऊंचा नाइटक्लब है।

-बुर्ज खलीफा की कंस्ट्रक्शन से जुड़े फैक्ट्स

* इस इमारत को बनाने में 8 अरब डॉलर का खर्च आया।

* इसका प्राइमरी स्ट्रक्चर मजबूत कंक्रीट का बना है। इसके निर्माण में 330,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 55,000 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ। 45,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल सिर्फ बिल्डिंग की नींव बनाने में ही हुआ।

* इसके निर्माण में 3 टॉवर क्रेनों का इस्तेमाल किया गया। एक क्रेन 25 टन का वजन उठाने में सक्षम थी।

* नींव के लिए 1.5 मीटर डायमीटर वाले 43 मीटर लंबे 192 पाइल्स बनाए गए। ये जमीन में 50 मीटर गहराई तक बनाए गए।

* दुबई की भीषण गर्मी का सामना करने के लिहाज से इसकी क्लैडिंग तैयार की गई। बुर्ज खलीफा की बाहरी क्लैडिंग के लिए 26000 ग्लास पैनल इस्तेमाल किए गए। इसके लिए चीन से 300 क्लैडिंग स्पेशलिस्ट बुलाए गए थे और लगभग 12000 हजार मजदूरों ने प्रतिदिन काम किया। वहीं टॉप फ्लोर का तापमान ग्रांउड फ्लोर की तुलना में 15 डिग्री कम रखा गया।

-वंदना डालिया


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News