सिडनी खेलों ने मुझे आेलंपिक स्वर्ण जीतने का विश्वास दिलाया: बिंद्रा

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 06:36 PM (IST)

मुंबई: अभिनव बिंद्रा का प्रदर्शन 2000 सिडनी आेलंपिक में भले ही भुलाने वाला रहा हो लेकिन उन्होंने आज कहा कि तब पहली बार आेलंपिक खेलों में खेलने से उनके अंदर विश्वास आया कि वह एक दिन दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतेंगे। सिडनी खेलों के दौरान बिंद्रा सिर्फ 17 बरस के थे। आठ साल बाद बीजिंग आेलंपिक में यह एयर राइफल निशानेबाज आेलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बना। बिंद्रा ने यहां कहा कि मैं पांच आेलंपिक में खेला और सिडनी मेरे पसंदीदा खेल हैं।

मैंने सिडनी का इतना लुत्फ क्यों उठाया, इसका कारण आस्ट्रेलिया के लोग हैं। मैं उन खेलों में 10वें या 11वें स्थान पर रहा। सिडनी में मेरे प्रदर्शन ने मुझे विश्वास दिलाया कि संभवत: एक दिन मैं स्वर्ण पदक जीत (आेलंपिक में) सकता हूं। दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में शीर्ष पर रहे 34 साल के बिंद्रा भारत के एकमात्र व्यक्तिगत आेलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। बिंद्रा गोल्ड कोस्ट में 2018 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लांच की घोषणा के लिए टूरिज्म आस्ट्रेलिया और टूरिज्म एंड इवेंट्स क्वीन्सलैंड की प्रेस काफ्रेंस में शिरकत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों का अपना महत्व है। इस दिग्गज निशानेबाज ने कहा कि खिलाड़ी के करियर के राष्ट्रमंडल खेल महत्वपूर्ण मापदंड होते हैं। तीन बहु खेल प्रतियोगिताएं जिनमें हम हिस्सा लेते हैं- राष्ट्रमंडल, एशियाई और आेलंपिक खेल। प्रत्येक आेलंपिक खेलों की तैयारी की दिशा में कदम होता है और प्रत्येक महत्वपूर्ण है। प्रतिस्पर्धा का स्तर प्रतियोगिता दर प्रतियोगिता अलग होता है लेकिन वे सभी महत्वपूर्ण हैं। बिंद्रा ने कहा कि मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में नौ पदक जीते लेकिन अपना पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक पिछले खेलों (2014 में ग्लास्गो में) में जीता। 


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