श्रीसंत का बयान- अकेले मुझे ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है

punjabkesari.in Wednesday, Oct 18, 2017 - 05:36 PM (IST)

कोच्चि: तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखने के फैसले सबसे $खराब फैसला करार देते हुए कहा है कि उन्हें ही क्यों निशाना बनाया गया है जबकि आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स का निलंबन समाप्त कर उन्हें अगले साल खेलने का मौका दिया जा रहा है। श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए टि्वटर पर कहा कि अकेले मुझे ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है जबकि बीसीसीआई ने दो आईपीएल टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को खेलने की अनुमति दे दी है। इन दो टीमों को 2013 के स्कैंडल के बाद दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि मेरे लिए खास नियम, असली दोषियों का क्या हुआ। चेन्नई सुपर किंग्स का क्या हुआ, राजस्थान का क्या हुआ। तेज गेंदबाज ने साथ ही कहा कि यह सबसे $खराब फैसला है और वह उन पर लगे प्रतिबन्ध को चुनौती देना जारी रखेंगे। केरल उच्च न्यायालय ने श्रीसंत पर बीसीसीआई की ओर से लगाए आजीवन प्रतिबंध को कल बरकरार रखते हुए एकल पीठ के फैसले को रद्द कर दिया था। एकल पीठ के फैसले के खिलाफ बीसीसीआई की अपील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि न्यायालय बोर्ड द्वारा लिए गए अनुशासनात्मक फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

कोर्ट के इस फैसले के बाद अब श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लागू रहेगा।  बीसीसीआई ने वर्ष 2013 में आईपीएल स्पॉट फिकिं्सग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था जिसे केरल उच्च न्यायालय की ही एकल पीठ ने इस वर्ष सात अगस्त को रद्द कर दिया था। इससे पहले दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जुलाई 2015 में श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदेला समेत सभी 36 आरोपियों को आईपीएल स्पॉट फिकिं्सग मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। 


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