हैपी बर्थडे सहवाग: शुरूआत में आई मुश्किल, फिर विस्फोटक बल्लेबाजी से बनाई खास पहचान

punjabkesari.in Friday, Oct 20, 2017 - 01:20 PM (IST)

नई दिल्ली: नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग शुक्रवार को 39 साल के हो गए हैं। चाहे क्रिकेट का मैदान हो या फिर उसके बाहर अपने मजेदार ट्वीट्स के ज़रिए सहवाग अपने फैन्स का मनोरंजन करते रहते हैं। हालांकि पहले टीम में जगह बनाने में उन्हें मुश्किल हुई लेकिन बाद में उन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में अपनी खास पहचान बना ली।

 

क्रिकेट करियर की शुरुआत
सहवाग ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत 1997 में दिल्ली क्रिकेट टीम से की थी। 1998 में वे नार्थन जॉन क्रिकेट टीम में दलीप ट्रॉफी के लिए सिलेक्ट हुए। इस ट्रॉफी के मैच के दौरान उन्होंने टॉप स्कोरर में अपना स्थान बनाया। इसके बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया और फिर उन्हें अंडर-19 टीम में शामिल किया गया। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें पहली बार भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला लेकिन केवल 1 रन पर आउट हो गए और उसके बाद उनको अगले 20 महीने तक टीम में नहीं चुना गया। उसके बाद 2001 में उनसे भारतीय टीम की पारी की ओपनिंग करने को कहा गया तो तब उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखाया और टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।


तिहरे शतक लगाने एकमात्र भारतीय क्रिकेटर
दुनिया में केवल 4 ही ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर में दो-दो तिहरे शतक जड़े हैं। इस एलीट क्लब में सर डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा और क्रिस गेल के अलावा वीरेंद्र सहवाग भी शामिल हैं। वह अकेले ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिनके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है।

इन मैचों में लगाया तिहरा शतक-
29 मार्च 2004 
मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में विशेष उपलब्धि हासिल की थी। सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का लगाते हुए उन्होंने तिहरा शतक पूरा किया था और वे भारत के पहले तिहरे शतक धारी बने थे।


29 मार्च 2008
पहले चेन्नई टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रनों की पारी खेलने के बाद सहवाग ने करियर की सबसे बड़ी पारी खेली। सहवाग ने 319 रन बनाने के लिए सिर्फ 304 गेंदों का सामना किया था और पारी में 42 चौके और 5 छक्के लगाए थे।


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