महान फुटबालर पीके बनर्जी ने कहा- U-17 के खिलाड़ी देश का भविष्य

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 03:38 PM (IST)

कोलकाता:  महान फुटबालर पीके बनर्जी ने आज कहा कि भारत को फीफा अंडर-17 विश्व कप का इस्तेमाल देश में फुटबाल के भविष्य को संवारने के लिए करना चाहिए और साथ ही खिलाडिय़ों से भी आग्रह किया कि वे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से टीम को अगले स्तर तक ले जाएं।

बनर्जी ने दिए साक्षात्कार में देश के लोगों से इस बड़े टूर्नामेंट में खिलाडिय़ों का साथ देने की अपील की। उन्होंने भारतीय टीम के खिलाडिय़ों के बारे में कहा कि मुझे नही पता कि वे कैसा खेलते हैं। मुझे यह पता है कि ये खिलाड़ी देश के भविष्य हैं और हमें उनका साथ देना होगा। फीफा से 20वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ भारतीय फुटबालर का खिताब पाने वाले बनर्जी ने कहा कि खिलाडिय़ों के पूल बढ़ाने की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा अंडर-17 और अंडर-19 खिलाडिय़ों को लेने की जरूरत है क्योकि इससे फुटबाल में देश का भविष्य सुनिश्चित होगा।

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के साथ बड़े टूर्नामेंटों के लिए भविष्य की टीम तैयार करने के लिये जुड़े 80 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि खिलाडिय़ों के इस समूह को साथ देने की जरुरत है ताकि हम अंडर-19 स्तर पर अच्छा खेल सकें और अंडर-20 विश्व कप के लिये क्ववालीफाई कर सकें। विश्व कप में मजबूत टीमों के ग्रुप में भारत के होने के बाद भी बनर्जी को उम्मीद है कि अंडर-17 विश्व कप में पहली बार हिस्सा ले रही भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। 

उन्होंने कहा कि आंकड़े चाहे जो भी कहें। मैं अपने देश से प्यार करता हूं और यही समय है जब विश्व कप में हम अपनी टीम की हौसलाअफजाई करें। हम सब के लिए यह गर्व की बात। विश्व कप में भारतीय टीम अपने सफर की शुरुआत 6 अक्तूबर को नई दिल्ली में अमरीका के खिलाफ करेगी। इसके बाद भारतीय टीम नौ अक्तूबर को कोलंबिया और 12 अक्तूबर को घाना के खिलाफ मैदान में उतरेगी। 

अपने 13 साल के करियर में 84 मैचों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले बनर्जी ने कहा कि हमरे खिलाडिय़ों के लिए वह समय आ गया है जब वे अपना सब कुछ इस विश्व कप में झोंक दे। हमारे समय में ऐसा मौका नहीं मिला था। आपको भारत को अगले स्तर पर ले जाना होगा। मेलबर्न (1956) और रोम ओलंपिक (1960) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि विश्व कप में जर्मनी उनकी चहेती टीम है। बनर्जी ने कहा कि हर टीम को जर्मनी से सतर्क रहना होगा। चाहे वह जूनियर स्तर की हो या सीनियर स्तर की, उनकी टीम कुशलता से भरी होती है। आप उन्हें हल्के में नहीं ले सकते हैं।
 
 


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